लखनऊ : डिप्टी सीएम व चिकित्सा शिक्षा मंत्री बृजेश पाठक ने मंगलवार को केजीएमयू का निरीक्षण किया. डिप्टी सीएम ने केजीएमयू पहुंचकर ओपीडी का निरीक्षण किया. निरीक्षण के समय उन्होंने ओपीडी में आए मरीजों से जमीन पर बैठकर हाल-चाल पूछा. इस दौरान शिकायतों की झड़ी लग गई. शिकायत सुनने के बाद डिप्टी सीएम ने मरीजों के लिए बने कॉल सेंटर का फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं उठा. फोन न उठने पर उन्होंने कॉल सेंटर की जिम्मेदारी संभाल रही डॉक्टर को हटाने का निर्देश दिया. इसके बाद वह ट्रॉमा सेंटर का निरीक्षण करने पहुंचे. यहां पहुंचकर उन्होंने रजिस्टर में स्टाफ की हाजिरी चेक की. साथ ही मरीजों से हाल-चाल लिया. डिप्टी सीएम के ट्रामा पहुंचने से पहले व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई थी. भर्ती के लिए आए मरीज वार्ड में शिफ्ट कर दिए गए.
निरीक्षण के वक्त साथ में मौजूद सीएमएस डॉक्टर एसएन शंखवार ट्रॉमा सेंटर सीएमएस डॉक्टर संदीप तिवारी ने अस्पताल में भर्ती के नियम-कायदे बताने शुरू किए. यह सुनकर डिप्टी सीएम भड़क गए. उन्होंने कहा कि मरीजों को भर्ती करके इलाज मुहैया कराना, यह आपकी जिम्मेदारी है सरकार इस लापरवाही को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगी.
मरीज की शिकायत पर खुद मिलाया फोन, इंगेज जाता रहा
डिप्टी सीएम से महिला मरीज ने केजीएमयू द्वारा जारी किए गए नंबर न मिलने की शिकायत की. ऐसे में डिप्टी सीएम ने निरीक्षण के वक्त साथ में मौजूद अफसरों से पूछा तो उन्होंने कहा मरीज से जुड़े सभी नंबर चालू हैं. इसके बाद डिप्टी सीएम ने खुद ही मरीज से नंबर पूछकर कॉल सेंटर का फोन लगाया, लेकिन फोन नहीं लगा. यह देख केजीएमयू के मौजूद अफसर दाएं-बाएं झांकने लगे. इसके बाद डिप्टी सीएम ने लापरवाही करने वाले डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई के आदेश दिए.
कमरों में मिला उखड़ा हुआ प्लास्टर और गंदगी की भरमार
निरीक्षण के दौरान डिप्टी सीएम को ओपीडी के कई कमरों का प्लास्टर उखड़ा मिला और गंदगी की भरमार मिली. इसके बाद डिप्टी सीएम ने अस्पताल की अव्यवस्थाओं को शाम तक दुरुस्त करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि अस्पताल में स्ट्रेचर, व्हीलचेयर की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए. मरीजों को दवाएं अंदर से ही मिले, उन्हें बाहर से दवाएं न लिखी जाएं. डिप्टी सीएम ने कहा कि उपचार से जुड़ी किसी भी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.