लखनऊ: मेडिकल कॉलेज की मान्यता प्राप्त करने के लिए मजदूरों को बंधक बनाकर बिना बीमारी के इंजेक्शन, वीगो लगाने और खून समेत अन्य अंग निकालने का प्रयास करने के आरोपी एमसी सक्सेना मेडिकल कॉलेज के डॉ. लव शेखर सक्सेना की 8 घंटे की रिमांड मिलते ही लखनऊ पुलिस उससे पूछताछ करने में जुट गई है. पुलिस रिमांड में पूछताछ के दौरान संस्था व मरीजों के जबरन इलाज मामले में लव शेखर ने कई खुलासे किए. बता दें कि ठाकुरगंज पुलिस ने डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड लव सक्सेना से पूछताछ करने के बाद उसे आरआर सिन्हा मेमोरियल अस्पताल लेकर पहुंची, जहां 8 फरवरी को मजदूरों को बंधक बनाकर गैर कानूनी तरीके से इलाज किया जा रहा था. वहां पुलिस ने उससे अस्पातल में भर्ती मरीजों से जुड़े दस्तावेजों, कॉलेज प्रबंधन व इस पूरे प्रकरण से जुड़े लोगों का ब्यौरा जुटाया.
अस्पताल के बाद पुलिस लव सक्सेना को अलीगंज स्थित घर और वहां से महानगर स्थित घर लेकर गई, जहां लव सक्सेना अपने परिवार के साथ रह रहा है. लेकिन सभी घर बंद मिले. डीसीपी पश्चिम सोमेन वर्मा ने बताया कि डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज के एडमिनिस्ट्रेटिव हेड व ग्रुप के चेयरमैन एमसी सक्सेना के बेटे डॉ. लव से पुलिस टीम कस्टडी रिमांड में लेकर पूछताछ कर रही है. उससे केस से जुड़े कई अहम साक्ष्य मिले हैं.
वहीं अभी अस्पताल व एमसी सक्सेना के घर का सर्च वारेंट नही मिल सका है. वारंट मिलते ही कार्यवाई तेज की जाएगी. बता दें कि मेडिकल कॉलेज की मान्यता के मानक पूरा करने के लिए डॉ. एमसी सक्सेना कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज में 8 फरवरी को दिहाड़ी मजदूरों को बंधक बनाकर उन्हें मरीज के तौर पर भर्ती किया गया था. मंगलवार को एक मजदूर की शिकायत पर पुलिस ने छापेमारी कर इसका खुलासा किया था.
ठाकुरगंज पुलिस ने मजदूर अंशू की तहरीर पर कॉलेज प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके एडमिनिस्ट्रेटिव हेड डॉ. लव शेखर को गिरफ्तार किया था. वहीं, सीआरपीसी की धारा 91 के तहत कॉलेज प्रबंधन को मामले से संबंधित सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए थे.
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