लखनऊ : रामचरित मानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर लगातार विपक्षी दलों के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं. सपा नेता के रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी की चुप्पी को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा और सपा मिलकर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं. इन दोनों पार्टियों की मिलीभगत है. जनता को सावधान रहने की जरूरत है. यह सब वोटों के ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है.
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3. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।
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— Mayawati (@Mayawati) January 30, 20233. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।
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उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आम चुनाव को भी सपा-भाजपा ने षड़यंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया. भाजपा दोबारा से यही करके सत्ता में आ गई. ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी है. बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि रामचरित मानस बकवास है. साधु, संत, महात्माओं पर भी उन्होंने टिप्पणी की है, जिसे लेकर लगातार विरोध हो रहा है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने विवाद के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है.