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Mayawati Tweeted : बसपा सुप्रीमो ने कहा, रामचरित मानस पर सपा और भाजपा मिलकर कर रही राजनीति - Commentary on Ramcharit Manas

बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Mayawati Tweeted) ने स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों को लेकर भाजपा और सपा पर षड़यंत्र के तहत राजनीति करने की बात कही है. बसपा सुप्रीमो ने कहा कि सपा-भाजपा प्रदेश में धार्मिक उन्माद और साम्प्रदायिक तनाव बनाने में एक दूसरे की सहयोगी हैं.

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Published : Jan 30, 2023, 10:15 AM IST

लखनऊ : रामचरित मानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर लगातार विपक्षी दलों के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं. सपा नेता के रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी की चुप्पी को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा और सपा मिलकर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं. इन दोनों पार्टियों की मिलीभगत है. जनता को सावधान रहने की जरूरत है. यह सब वोटों के ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है.

  • 3. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।

    — Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट किया कि संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सभी को पता है, लेकिन रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है. आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके, इसलिए ये किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आम चुनाव को भी सपा-भाजपा ने षड़यंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया. भाजपा दोबारा से यही करके सत्ता में आ गई. ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी है. बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि रामचरित मानस बकवास है. साधु, संत, महात्माओं पर भी उन्होंने टिप्पणी की है, जिसे लेकर लगातार विरोध हो रहा है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने विवाद के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है.


यह भी पढ़ें : Weather Condition in UP : फिर सताएगी सर्दी, आज कई इलाकों में हो सकती है बूंदाबांदी, जानिए क्या है वजह

लखनऊ : रामचरित मानस पर समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयानों पर लगातार विपक्षी दलों के नेता सवाल खड़े कर रहे हैं. सपा नेता के रामचरित मानस पर दिए गए बयान पर समाजवादी पार्टी की चुप्पी को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने निशाना साधा है. उन्होंने कहा है कि भाजपा और सपा मिलकर मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह का काम कर रहे हैं. इन दोनों पार्टियों की मिलीभगत है. जनता को सावधान रहने की जरूरत है. यह सब वोटों के ध्रुवीकरण के लिए किया जा रहा है.

  • 3. उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आमचुनाव को भी सपा-भाजपा ने षडयंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया, जिससे ही भाजपा दोबारा से यहाँ सत्ता में आ गई। ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी।

    — Mayawati (@Mayawati) January 30, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">
बसपा सुप्रीमो ने ट्वीट किया कि संकीर्ण राजनीतिक व चुनावी स्वार्थ के लिए नए-नए विवाद खड़ा करके जातीय व धार्मिक द्वेष, उन्माद-उत्तेजना व नफरत फैलाना, बायकाट कल्चर, धर्मान्तरण को लेकर उग्रता आदि भाजपा की राजनीतिक पहचान सभी को पता है, लेकिन रामचरितमानस की आड़ में सपा का वही राजनीतिक रंग-रूप दुःखद व दुर्भाग्यपूर्ण है. रामचरितमानस के विरुद्ध सपा नेता की टिप्पणी पर उठे विवाद व फिर उसे लेकर भाजपा की प्रतिक्रियाओं के बावजूद सपा नेतृत्व की चुप्पी से स्पष्ट है कि इसमें दोनों पार्टियों की मिलीभगत है. आगामी चुनावों को जनता के ज्वलन्त मुद्दों के बजाए हिन्दू-मुस्लिम उन्माद पर पोलाराइज किया जा सके, इसलिए ये किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के हुए पिछले आम चुनाव को भी सपा-भाजपा ने षड़यंत्र के तहत मिलीभगत करके धार्मिक उन्माद के जरिए घोर साम्प्रदायिक बनाकर एक-दूसरे के पूरक के रूप में काम किया. भाजपा दोबारा से यही करके सत्ता में आ गई. ऐसी घृणित राजनीति का शिकार होने से बचना जरूरी है. बता दें, स्वामी प्रसाद मौर्य रामचरितमानस को बैन करने की मांग कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि रामचरित मानस बकवास है. साधु, संत, महात्माओं पर भी उन्होंने टिप्पणी की है, जिसे लेकर लगातार विरोध हो रहा है. हालांकि समाजवादी पार्टी ने विवाद के बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्य को पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव बना दिया है.


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