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श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर मिले रोजगार: मायावती

बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर से केंद्र व राज्य सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गरीब श्रमिकों की लगातार अनदेखी कर रही है. पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने श्रमिकों को स्थानीय स्तर पर रोजगार दिए जाने का मुद्दा उठाया.

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पूर्व मुख्यमंत्री मायावती
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Published : May 29, 2020, 10:06 AM IST

लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा कि देश में पिछले 66 दिन से लॉकडाउन घोषित है. लॉकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा, तिरस्कार से पीड़ित घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अंततः कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल, बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. मायावती ने कहा कि बीएसपी की इस मांग की सरकार अनदेखी करती रही है.

  • 1.देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा/तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः मा. कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल/बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बीएसपी की इस माँग की सरकार अनदेखी करती रही है।

    — Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केंद्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है. इन्हें इनके घर के आस-पास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है.

वास्तव में केंद्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपये का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहां होनी है. आमजन अपनी इस दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाएं. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए.

लखनऊ: पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा कि देश में पिछले 66 दिन से लॉकडाउन घोषित है. लॉकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा, तिरस्कार से पीड़ित घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अंततः कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल, बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है. मायावती ने कहा कि बीएसपी की इस मांग की सरकार अनदेखी करती रही है.

  • 1.देश में पिछले 66 दिन से लाॅकडाउन के कारण हर प्रकार की उपेक्षा/तिरस्कार से पीड़ित जैसे-तैसे घर लौटने वाले लाखों प्रवासी श्रमिकों के लिए अन्ततः मा. कोर्ट को कहना पड़ा कि रेल/बस से उन्हें फ्री घर भेजने की पूरी जिम्मेदारी सरकार की है। बीएसपी की इस माँग की सरकार अनदेखी करती रही है।

    — Mayawati (@Mayawati) May 29, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

बसपा अध्यक्ष ने कहा कि खासकर यूपी व बिहार में घर वापसी कर रहे इन बेसहारा लाखों प्रवासी श्रमिकों की रोजी-रोटी की मूलभूत समस्या का समाधान करना केंद्र व राज्य सरकारों का अब पहला कर्तव्य बनता है. इन्हें इनके घर के आस-पास स्थाई रोजगार उपलब्ध कराना ही सरकार की नीयत, नीति व निष्ठा की असली परीक्षा है.

वास्तव में केंद्र ने देर से ही सही 20 लाख करोड़ रुपये का जो आर्थिक पैकेज घोषित किया है, उसके भी जनहित में उचित उपयोग की परीक्षा अब यहां होनी है. आमजन अपनी इस दुर्दशा व बदहाली के लिए सरकारों की उपेक्षा व तिरस्कार को आगे शायद ही भुला पाएं. उन्हें जीने के लिए न्याय चाहिए.

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