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सियासी फायदे के लिए लोग बाबा साहब के नाम का प्रयोग कर रहे: मायावती

कांशीराम की जयंती पर लखनऊ में बसपा प्रमुख ने कहा कि सियासी फायदे के लिए राजनीतिक पार्टियां बाबा साहब के नाम का प्रयोग कर रही हैं. इस दौरान उन्होंने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी और इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकाला गया था.

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Published : Mar 15, 2020, 10:40 AM IST

Updated : Mar 15, 2020, 11:20 AM IST

बपपा प्रमुख मायावती.
बपपा प्रमुख मायावती.

लखनऊ: कांशीराम की जयंती पर रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने उनको याद करते हुए श्रद्धांजिल अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा की कुछ राजनीतिक लोग बाबा साहब के नाम का प्रयोग करके दलित भाइयों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांशीराम ने हमेशा दलितों, गरीबों के लिए काम किया. वो जातिवादी मीडिया के खिलाफ थे. पार्टी के लोग जातिवादी मीडिया से दूर रहें. सियासी फायदे के लिए राजनीतिक पार्टियां दलितों का इस्तेमाल कर रही हैं.

बपपा प्रमुख मायावती.

कुछ लोग बाबा साहब के नाम से अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और लालच में विभिन्न संगठन में पार्टी बनाकर इन दुखी और पीड़ित लोगों बांटने में लगे. इससे इन लोगों को तो कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि इससे इन वर्गों की विरोधी और जातिवादी नीतियों की फूट डालो और राज करो की नीति जरूर कामयाब हो जाएगी. जिससे ये लोग हमेशा लाचार और गुलाम बने रहे. इस दौरान उन्होंने यूपी में चार बार बनी बसपा सरकार का पूरा श्रेय कांशीराम को दिया.

'नसीमुद्दीन सिद्दीकी और इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकाला गया'

मायावती ने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी और इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकाला गया था, जिसे जातिवादी मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर एक पक्षीय दिखाया. बसपा प्रमुख ने कहा कि नसीमुद्दीन प्रकरण को जातिवादी मीडिया ने ऐसे दिखाया था, जैसे पूरा का पूरा मुस्लिम समाज कांग्रेस के साथ चला जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

लखनऊ: कांशीराम की जयंती पर रविवार को बसपा प्रमुख मायावती ने उनको याद करते हुए श्रद्धांजिल अर्पित की. इस दौरान उन्होंने कहा की कुछ राजनीतिक लोग बाबा साहब के नाम का प्रयोग करके दलित भाइयों को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कांशीराम ने हमेशा दलितों, गरीबों के लिए काम किया. वो जातिवादी मीडिया के खिलाफ थे. पार्टी के लोग जातिवादी मीडिया से दूर रहें. सियासी फायदे के लिए राजनीतिक पार्टियां दलितों का इस्तेमाल कर रही हैं.

बपपा प्रमुख मायावती.

कुछ लोग बाबा साहब के नाम से अपने व्यक्तिगत स्वार्थ और लालच में विभिन्न संगठन में पार्टी बनाकर इन दुखी और पीड़ित लोगों बांटने में लगे. इससे इन लोगों को तो कोई फायदा नहीं होगा, बल्कि इससे इन वर्गों की विरोधी और जातिवादी नीतियों की फूट डालो और राज करो की नीति जरूर कामयाब हो जाएगी. जिससे ये लोग हमेशा लाचार और गुलाम बने रहे. इस दौरान उन्होंने यूपी में चार बार बनी बसपा सरकार का पूरा श्रेय कांशीराम को दिया.

'नसीमुद्दीन सिद्दीकी और इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकाला गया'

मायावती ने कहा कि नसीमुद्दीन सिद्दीकी और इंद्रजीत सरोज को पार्टी से निकाला गया था, जिसे जातिवादी मीडिया ने बढ़ा-चढ़ाकर एक पक्षीय दिखाया. बसपा प्रमुख ने कहा कि नसीमुद्दीन प्रकरण को जातिवादी मीडिया ने ऐसे दिखाया था, जैसे पूरा का पूरा मुस्लिम समाज कांग्रेस के साथ चला जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

Last Updated : Mar 15, 2020, 11:20 AM IST

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