लखनऊ : बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के 17वें परिनिर्वाण दिवस पर बहुजन समाज पार्टी की तरफ से सोमवार को पार्टी मुख्यालय समेत प्रदेश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए गए. लखनऊ स्थित पार्टी मुख्यालय पर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कांशीराम की तस्वीर पर माल्यार्पण कर उन्हें याद किया. कांशीराम की तस्वीर पर माल्यार्पण करने के साथ ही मायावती ने संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा पर भी पुष्प अर्पित किए. इस मौके पर कई बौद्ध भिक्षु मौजूद रहे और भगवान बुद्ध की वंदना की.
कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस के मौके पर प्रदेश भर से बड़ी संख्या में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ता पार्टी मुख्यालय पहुंचे थे. इस मौके पर बौद्ध भिक्षुओं ने भगवान बुद्ध की वंदना की. इस दौरान मायावती काशीराम की तस्वीर के सामने ही धूप में मायावती कुर्सी पर बैठी रहीं. कार्यक्रम समापन की ओर बढ़ा तो बसपा सुप्रीमो ने बौद्ध भिक्षुओं को उपहार देकर सम्मानित किया.
देश की मजबूरी है मायावती जरूरी है के लगे नारे
बीएसपी मुखिया मायावती ने प्रदेश भर से बड़ी संख्या में मौजूद कार्यकर्ताओं का हाथ हिलाकर अभिवादन किया तो कार्यकर्ताओं ने भी मायावती जिंदाबाद के जमकर नारे लगाए. इस दौरान "देश की मजबूरी है, मायावती जरूरी है" जैसे नारे को लेकर कार्यकर्ताओं ने जब आवाज बुलंद की तो मायावती के चेहरे पर मुस्कान बिखर गई. कार्यकर्ताओं से कार्यालय खचाखच देख मायावती को आगामी चुनाव को लेकर काफी सकारात्मक ऊर्जा मिली.
धूप में बहने लगा पसीना : बसपा सुप्रीमो मायावती जब बौद्ध भिक्षुओं के सामने पड़ी कुर्सी पर बुद्ध वंदना के लिए बैठीं तो प्रचंड धूप से कुछ ही देर में पसीने पसीने होने लगीं. यह देख मौजूद सुरक्षाकर्मी बसपा सुप्रीमो के बगल आकर खड़े हो गए, तब छांव से मायावती को राहत मिली.