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यूपी में फिर BSP का खोया हुआ जनाधार वापस लगाएंगी मायावती, ये है मास्टर प्लान

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Published : Oct 5, 2022, 11:48 AM IST

यूपी में बीएसपी को मजबूत बनाने के लिए मायावती ने बुधवार को कोर कमेटी के साथ मंथन किया. इस दौरान उन्होंने पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर विभिन्न आयोजन करने के निर्देश भी दिए.

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मायावती

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बसपा का नीला झंडा काफी फीका पड़ चुका है. प्रदेश में कभी ताकतवर रही बसपा अब कमजोर हो चुकी है. बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) को अब एक बार फिर ताकतवर बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. इसके लिए पार्टी रणनीति तैयार कर रही है. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister Mayawati) ने आगामी निकाय चुनाव में पार्टी को सशक्त करने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद को लेकर पार्टी की कोर कमेटी के साथ मंथन किया.

पार्टी में आगामी नौ अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर विभिन्न आयोजन करने के निर्देश दिए हैं. मायावती को उम्मीद है कि इन आयोजनों से एक बार फिर पार्टी का खोया हुआ जनाधार वापस हो सकेगा.बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने प्रदेश के सभी मंडलों में पार्टी संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस (Kanshi Ram Parinirvana Day) पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश जारी किए हैं. सेक्टर प्रभारियों से लेकर जिलाध्यक्षों को बीएसपी मुखिया की तरफ से निर्देश दिए गए हैं.

जल्द ही प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव को लेकर भी पार्टी की तैयारी को लेकर मायावती ने कार्यकर्ताओं से मजबूती के साथ जुट जाने के लिए भी कहा है. बता दें कि साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन पार्टी को सिर्फ एक सीट ही जीतने में कामयाबी मिली थी. पार्टी के प्रत्याशी उमाशंकर सिंह ही विधानसभा चुनाव जीतकर सदन में पहुंचने में सफल हुए थे.

वहीं, विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा उपचुनाव हुए उसमें भी पार्टी ने आजमगढ़ विधान लोकसभा सीट से शाह मुबारक उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया था. लेकिन जीत बहुजन समाज पार्टी के हिस्से में नहीं आई, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में दिनोंदिन पार्टी कमजोर ही होती जा रही है. लिहाजा, अब बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर नौ अक्टूबर से पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू करने का फैसला लिया है. हालांकि यह तो जल्द होने वाले निकाय चुनावों के नतीजे बताएंगे कि बीएसपी कितनी मजबूत हुई है.

यह भी पढ़ें-टैक्सी चालक पर मानसिक विक्षिप्त किशोरी से दुष्कर्म का आरोप, फरार


लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बसपा का नीला झंडा काफी फीका पड़ चुका है. प्रदेश में कभी ताकतवर रही बसपा अब कमजोर हो चुकी है. बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party) को अब एक बार फिर ताकतवर बनाने के लिए जोर आजमाइश कर रही है. इसके लिए पार्टी रणनीति तैयार कर रही है. बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती (Former Chief Minister Mayawati) ने आगामी निकाय चुनाव में पार्टी को सशक्त करने के साथ ही 2024 के लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद को लेकर पार्टी की कोर कमेटी के साथ मंथन किया.

पार्टी में आगामी नौ अक्टूबर को बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस पर विभिन्न आयोजन करने के निर्देश दिए हैं. मायावती को उम्मीद है कि इन आयोजनों से एक बार फिर पार्टी का खोया हुआ जनाधार वापस हो सकेगा.बीएसपी सुप्रीमो मायावती (BSP supremo Mayawati) ने प्रदेश के सभी मंडलों में पार्टी संस्थापक कांशीराम के परिनिर्वाण दिवस (Kanshi Ram Parinirvana Day) पर कार्यक्रम आयोजित किए जाने के निर्देश जारी किए हैं. सेक्टर प्रभारियों से लेकर जिलाध्यक्षों को बीएसपी मुखिया की तरफ से निर्देश दिए गए हैं.

जल्द ही प्रदेश में होने वाले निकाय चुनाव और 2024 में होने वाले लोक सभा चुनाव को लेकर भी पार्टी की तैयारी को लेकर मायावती ने कार्यकर्ताओं से मजबूती के साथ जुट जाने के लिए भी कहा है. बता दें कि साल 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ी थी, लेकिन पार्टी को सिर्फ एक सीट ही जीतने में कामयाबी मिली थी. पार्टी के प्रत्याशी उमाशंकर सिंह ही विधानसभा चुनाव जीतकर सदन में पहुंचने में सफल हुए थे.

वहीं, विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा उपचुनाव हुए उसमें भी पार्टी ने आजमगढ़ विधान लोकसभा सीट से शाह मुबारक उर्फ गुड्डू जमाली को टिकट दिया था. लेकिन जीत बहुजन समाज पार्टी के हिस्से में नहीं आई, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि उत्तर प्रदेश में दिनोंदिन पार्टी कमजोर ही होती जा रही है. लिहाजा, अब बसपा सुप्रीमो ने एक बार फिर नौ अक्टूबर से पार्टी का जनाधार बढ़ाने के लिए प्रयास शुरू करने का फैसला लिया है. हालांकि यह तो जल्द होने वाले निकाय चुनावों के नतीजे बताएंगे कि बीएसपी कितनी मजबूत हुई है.

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