लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने कहा है कि कोरोना संकट काल के दौरान चरमराई अर्थव्यवस्था को लेकर केंद्र सरकार ने जो भी छोटे-बड़े कदम उठाए हैं. उनको पूरी ईमानदारी के साथ अमल में लाने का प्रयास भी किया जाए. इसमें उत्तर प्रदेश जैसे राज्य का खास ख्याल रखा जाए. ताकि लोगों को बेरोजगरी की स्थिति से बाहर निकाला जा सके.
बसपा अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को ट्वीट करके कहा कि कोरोना लॉकडाउन लगने के कारण देश की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है. ध्वस्त अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए केंद्र ने जो भी कदम उठाए हैं, उस पर विश्वास करते हुए बहुजन समाज पार्टी का कहना है कि इसको धरातल पर ईमानदारी से लागू किया जाए.
प्रभावित राज्यों को सीधे मिले सुविधा
मायावती ने कहा कि लाचार मजलूम करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए जो एक हजार करोड़ रुपये की घोषणा की गई है. वह यूपी जैसे अति प्रभावित राज्यों को सीधे मिलनी चाहिए. ताकि यह उन्हें उनके अपने पांव पर खड़े होने का वास्तविक सहारा बन सके और गरीबों मजदूरों को आगे पलायन करने के लिए विवश न होना पड़े.
उत्तर प्रदेश को अलग से दिया जाए पैकेज
उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 10 लाख प्रवासी श्रमिक वापस लौट आए हैं. उत्तर प्रदेश के बड़ी संख्या में श्रमिक दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात जैसे राज्यों में काम कर रहे थे, लेकिन लॉकडाउन की वजह से श्रमिक वापस अपने राज्य आ गए हैं, हालांकि उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उनके लिए रोजगार मुहैया कराने का प्रयास कर रही है. बसपा अध्यक्ष मायावती की मांग है कि आबादी के हिसाब से भी यूपी बड़ा राज्य है. यहां पर बड़ी संख्या में श्रमिक भी हैं, इसलिए केंद्र सरकार को उत्तर प्रदेश जैसे राज्य के लिए अलग से धनराशि देनी चाहिए.