लखनऊ: सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संसद से राम मंदिर निर्माण के लिए बनाए जाने वाले ट्रस्ट का एलान होते ही संतों में घमासान शुरू हो गया. वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत सुन्नी वक्फ बोर्ड को 5 एकड़ जमीन दिए जाने पर भी मुस्लिम पक्ष में अभी एक राय बनती नहीं दिख रही है.
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वहीं इस मुद्दे पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और दीगर कई मुस्लिम संगठन पहले ही मस्जिद के बदले कोई जमीन नहीं लेने का एलान कर चुके हैं. हालांकि इसका फैसला सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड को करना है. इस मुद्दे पर दारुल उलूम फिरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सुफियान निजामी ने साफ किया है कि मुस्लिम समाज का मत आज भी वही है, जो फैसले के दौरान था. 5 एकड़ जमीन कहीं भी दी जाए, लेकिन मस्जिद की जमीन के बदले कोई जमीन कुबूल नहीं होगी. हालांकि सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड पर सवाल खड़ा करते हुए सुफियान निजामी ने कहा कि यह देखना होगा कि बोर्ड मुसलमानों के जज्बातों के साथ है या अपने ऐतबार से वक्फ बोर्ड कोई और फैसला लेता है.