लखनऊ : देश और दुनिया में धर्मों के बीच बढ़ी दूरियों को कम करने और सांप्रदायिक सौहार्द को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ में जल्द "अहले बैत कांफ्रेंस" का आयोजन होगा. इसकी जानकारी गुरुवार को एक प्रेस कांफ्रेंस (press conference at Shia College) के जरिए मौलाना सैफ अब्बास और यासूब अब्बास ने मीडिया को दी. शिया काॅलेज में हुई प्रेस कांफ्रेंस में मौलानाओं ने कहा कि दुनिया में कई देश इस वक्त आतंकवाद की चपेट में हैं, जिनके लिए हम सबको आवाज़ उठानी होगी.
प्रेसवार्ता को संबोधित करते हुए शिया धर्मगुरुओं ने बताया कि हुसैनी फंड द्वारा 26 नवंबर शनिवार को सुबह 10:30 बजे, शिया कॉलेज, नक्खास में “अहले'बैत कांफ्रेंस” का आयोजन किया जायेगा. इस कान्फ्रेंस का उद्देश्य "सांप्रदायिक सौहार्द्र" को बढ़ावा देना और "आतंकवाद का विरोध" करना है. धर्मगुरुओं के अनुसार, पाकिस्तान, अफ़ग़ानिस्तान, इराक और सीरिया के बाद अब ईरान आतंकवादियों के निशाने पर है. शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास ने कहा कि पाकिस्तान “आतंकवाद” का केंद्र बन गया है, जहां लगातार शिया समुदाय को सिपाहे साहबा और अल-कायदा जैसे आतंकवादी संगठन निशाना बना रहे हैं. मौलाना यासूब अब्बास ने क़तर की निंदा करते हुए कहा कि फीफा वर्ल्ड कप 2022 में ज़ाकिर नायक को बुलाकर चरमपंथ को बढ़ावा दिया गया है. उन्होंने कहा ज़ाकिर नायक के व्याख्यान इस्लाम विरोधी होते हैं और आतंकवाद को बढ़ावा देते हैं.
“अहले'बैत कांफ्रेंस” के उद्देश्य पर बात करते हुए मौलाना एजाज अतर ने कहा कि भारत के 08 करोड़ शिया नागरिक अपनी केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि वह सऊदी अरब सरकार पर “जन्नतुल बक़ी” के पुनः निर्माण के लिए कूटनीतिक दबाव बनाएं. उन्होंने कहा कि “इस्लामिक स्टेट” इराक और सीरिया को तबाह करने के बाद ईरान को निशाना बना रहा है. मौलाना एजाज अतर ने कहा कि शिराज़ के “शाह चेराग” में अक्टूबर में हुआ आतंकी हमला इसका एक उदहारण है. प्रेसवार्ता को शिया धर्मगुरु मौलाना यासूब अब्बास, मौलाना सैफ अब्बास, मौलाना एजाज़ अतहर, मौलना जाफ़र अब्बास और हुसैनी फंड के सचिव मेहदी हसन ने सयुंक्त रूप से संबोधित किया.