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लखनऊ में 11 साल के बच्चे ने रखा रोजा

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Published : May 19, 2019, 8:17 PM IST

रोजा मजहब-ए-इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है. इसी के चलते मां-बाप अपने बच्चों को पहला रोजा रखवाते हैं. इस मौके को रोजा कुशाई कहा जाता है, जिसमें बच्चे अपनी भूख-प्यास को त्याग करके खुशी-खुशी अपना पहला रोजा रखते हैं.

मौलाना खालिद राशिद ने की रोजा कुशाई में शिरकत.

लखनऊ : बरकतों और इबादतों के मुबारक महीने रमजान में गर्म मौसम की सख्ती के बावजूद छोटे बच्चे भी रोजा रखने में किसी से पीछे नहीं हैं. इसी के चलते लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में 11 साल के मासूम बच्चे ने रोजा रखकर मुल्क के अमन और भाईचारे के लिए दुआ की.

इस दौरान मासूम बच्चे की रोजा कुशाई के मौके पर मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने भी शिरकत की और परिवार वालों को इस खास मौके पर मुबारकबाद पेश की.

रोजा मजहब-ए-इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है.
  • रोजा मजहब-ए-इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है.
  • इसी के चलते मां-बाप अपने बच्चों को पहला रोजा रखवाते हैं.
  • इस मौके को रोजा कुशाई कहा जाता है, जिसमें बच्चे अपनी भूख-प्यास को त्याग करके खुशी-खुशी अपना पहला रोजा रखते हैं.
  • कुछ ऐसा ही नजारा लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में देखने को मिला.
  • यहां 11 साल के मासूम बच्चे वली उमर ने पहला रोजा रखा.
  • इस खास मौके पर खुद धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने रोजा कुशाई में शिरकत की.
  • इसके बाद दुआ-ए-इफ्तार पढ़ा कर रोजा खुलवाया.

लखनऊ : बरकतों और इबादतों के मुबारक महीने रमजान में गर्म मौसम की सख्ती के बावजूद छोटे बच्चे भी रोजा रखने में किसी से पीछे नहीं हैं. इसी के चलते लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में 11 साल के मासूम बच्चे ने रोजा रखकर मुल्क के अमन और भाईचारे के लिए दुआ की.

इस दौरान मासूम बच्चे की रोजा कुशाई के मौके पर मरकजी चांद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने भी शिरकत की और परिवार वालों को इस खास मौके पर मुबारकबाद पेश की.

रोजा मजहब-ए-इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है.
  • रोजा मजहब-ए-इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है.
  • इसी के चलते मां-बाप अपने बच्चों को पहला रोजा रखवाते हैं.
  • इस मौके को रोजा कुशाई कहा जाता है, जिसमें बच्चे अपनी भूख-प्यास को त्याग करके खुशी-खुशी अपना पहला रोजा रखते हैं.
  • कुछ ऐसा ही नजारा लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में देखने को मिला.
  • यहां 11 साल के मासूम बच्चे वली उमर ने पहला रोजा रखा.
  • इस खास मौके पर खुद धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने रोजा कुशाई में शिरकत की.
  • इसके बाद दुआ-ए-इफ्तार पढ़ा कर रोजा खुलवाया.
Intro:बरकतों और इबादतों के मुबारक महीने रमजान में गर्म मौसम की सख्ती के बावजूद छोटे बच्चे भी रोजा रखने में कहीं से पीछे नहीं है इसी के चलते लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में 11 साल के मासूम बच्चे ने रोज़ा रखकर मुल्क के अम्न और भाईचारे के लिए दुआ की। इस दौरान मासूम बच्चे की रोज़ा कुशाई के मौके पर मरकज़ी चाँद कमेटी के अध्यक्ष मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने भी शिरकत की और परिवार वालों को इस खास मौके पर मुबारकबाद पेश की।


Body:रोजा मजहब ए इस्लाम में फर्ज करार दिया गया है इसी के चलते मां- बाप अपने बच्चों को पहला रोजा रखवाते हैं इस मौके को रोज़ा कुशाई कहा जाता है, जिसमें बच्चे अपनी भूख प्यास को तर्क करके खुशी खुशी अपना पहला रोजा रखते हैं कुछ ऐसा ही नजारा लखनऊ के इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया में देखने को मिला जहां 11 साल के मासूम बच्चे वली उमर ने पहला रोज़ा रखा। इस खास मौके पर खुद धर्मगुरु मौलाना खालिद राशिद फरंगी महली ने रोज़ा कुशाई में शिरकत की और रोज़ा रखने पर बच्चों की हौसलाफजाई करते हुए दुआ ए इफ्तार पढ़ा कर रोज़ा खुलवाया।

बाइट- वली उमर, नन्हा रोज़ेदार


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