लखनऊ: उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कुछ ही महीने बचे हैं. चुनाव से पहले सूबे में एक बार फिर मंदिर-मस्जिद की सियासत को हवा देने के लिए बयानबाजियों का दौर शुरू होने लगा है. यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने बयान देते हुए अयोध्या के बाद काशी-मथुरा की बारी का ऐलान किया है, जिसपर मुस्लिम तबके से भी जवाब आने लगे हैं. दारूल उलूम फरंगी महल के प्रवक्ता मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि हिन्दू-मुस्लिम और मंदिर-मस्जिद की सियासत लोगों को बुनियादी मुद्दों से दूर करने के तहत एक सोची समझी साजिश पर अमल करते हुए की जा रही है.
मौलाना ने केशव मौर्या के बयान का दिया जवाब
उपमुख्मंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बयान पर जवाब देते हुए बुधवार को मौलाना सूफियान निजामी ने कहा कि एक ऐसे वक्त में जब हमारा देश और पूरी दुनिया कोरोना जैसी महामारी से लड़कर उभरने की कोशिश कर रही है और उसके नए-नए वेरिएंट खबरों के जरिए से हम लोगों को रोजाना सुनने को मिल रहे हैं. ऐसे समय में सरकार की यह प्राथमिकता होनी चाहिए कि उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य सेक्टर मजबूत हो, बेरोजगारों के रोजगार के मामलों को हल किया जाए और उत्तर प्रदेश को विकास के नए रास्ते पर लाया जा सके.
मौलाना ने कहा कि लेकिन, ऐसे वक्त में अगर कोई मंदिर और मस्जिद की राजनीति करता है या फिर हिंदू और मुसलमान के बंटवारे की बुनियाद पर सत्ता हासिल करना चाहता है तो यह सब चीजें एक सोची समझी साजिश के तहत की जा रही है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता को उनके बुनियादी मुद्दों से गुमराह कर फिर से मंदिर-मस्जिद पर लाकर अपना सियासी मकसद हासिल करने की कोशिश है.