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लखनऊ: महिला अस्पतालों में प्रसूताओं को मिल रही है खास सुविधा, हो रही सहूलियत

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में तमाम अस्पतालों में महिलाओं को सेनेटरी पैड्स दिए जाते हैं. इसका मुख्य कारण यह है कि महिलाएं गंदा कपड़ा इस्तेमाल न करें. साथ ही वे अपनी सेहत और हाइजीन के प्रति जागरूक रहें.

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महिला अस्पताल.
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Published : Dec 14, 2019, 12:37 PM IST

लखनऊ: राजधानी में स्थित तमाम महिला अस्पतालों में पिछले 3 वर्षों से सेनेटरी नैपकिन प्रसूताओं को मुफ्त में दिया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि महिलाएं सेनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा या कुछ अन्य चीजों का इस्तेमाल न करें. साथ ही डिलीवरी के बाद उन्हें इन्फेक्शन न हो.

अस्पतालों में भर्ती महिलाओं को सेनेटरी पैड्स दिए जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि यह उनके लिए कितना सही बेहतरीन कदम है. क्वीन मैरी प्रसूति एवं महिला रोग विभाग, केजीएमयू, वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय और वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय समेत अन्य अस्पतालों में भी यह सुविधा चल रही है.

महिला अस्पतालों में प्रसूताओं को मिल रहे सेनेटरी पैड्स.

वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय की एसआईसी डॉ. नीरा जैन ने बताया कि यह सेवा मुख्य रूप से एडोलसेंट बच्चियों के लिए चलाई गई थी. वे भविष्य में जब मां बने या इस पड़ाव से गुजरे तो वह अपने सेहत और हाइजीन के प्रति जागरूक रहें. धीरे-धीरे इसे महिला अस्पतालों में भी लागू किया गया.

उन्होंने बताया कि पिछले साढे 3 वर्षों से तमाम महिला चिकित्सालय में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत यह योजना चल रही है. इसके तहत डिलीवरी के बाद हर प्रसूता को एक पैकेट सेनेटरी पैड्स का दिया जाता है. यदि वे इसे इस्तेमाल करना नहीं जानती हैं तो उन्हें इसका तरीका बताया जाता है. सेनेटरी नैपकिन के मुफ्त में मिलने से महिलाओं को सहूलियत मिल रही है. साथ ही उन्हें हिदायतें भी दी जा रही हैं.

लखनऊ: राजधानी में स्थित तमाम महिला अस्पतालों में पिछले 3 वर्षों से सेनेटरी नैपकिन प्रसूताओं को मुफ्त में दिया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य है कि महिलाएं सेनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा या कुछ अन्य चीजों का इस्तेमाल न करें. साथ ही डिलीवरी के बाद उन्हें इन्फेक्शन न हो.

अस्पतालों में भर्ती महिलाओं को सेनेटरी पैड्स दिए जाते हैं तो उन्हें बताया जाता है कि यह उनके लिए कितना सही बेहतरीन कदम है. क्वीन मैरी प्रसूति एवं महिला रोग विभाग, केजीएमयू, वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय और वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय समेत अन्य अस्पतालों में भी यह सुविधा चल रही है.

महिला अस्पतालों में प्रसूताओं को मिल रहे सेनेटरी पैड्स.

वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय की एसआईसी डॉ. नीरा जैन ने बताया कि यह सेवा मुख्य रूप से एडोलसेंट बच्चियों के लिए चलाई गई थी. वे भविष्य में जब मां बने या इस पड़ाव से गुजरे तो वह अपने सेहत और हाइजीन के प्रति जागरूक रहें. धीरे-धीरे इसे महिला अस्पतालों में भी लागू किया गया.

उन्होंने बताया कि पिछले साढे 3 वर्षों से तमाम महिला चिकित्सालय में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत यह योजना चल रही है. इसके तहत डिलीवरी के बाद हर प्रसूता को एक पैकेट सेनेटरी पैड्स का दिया जाता है. यदि वे इसे इस्तेमाल करना नहीं जानती हैं तो उन्हें इसका तरीका बताया जाता है. सेनेटरी नैपकिन के मुफ्त में मिलने से महिलाओं को सहूलियत मिल रही है. साथ ही उन्हें हिदायतें भी दी जा रही हैं.

Intro:लखनऊ। आम आदमी को सहूलियत देने के लिए सरकार तमाम योजनाएं चलाती है। कार्यक्रम की शुरुआत करती है और वह कार्यक्रम धरातल पर अपने प्रभाव भी छोड़ जाते हैं। इसी सिलसिले में सरकार की ओर से चलाए गए कुछ ऐसे कार्यक्रम भी शामिल हैं जिनसे वाकई धरातल पर आम आदमी को न केवल सहूलियत मिल रही है बल्कि इससे बात जागरूक भी हो रहे हैं। इनमें से एक कार्यक्रम महिला अस्पतालों में सेनेटरी नैपकिन की सेवा का है जो लगभग 3 वर्षों से अस्पतालों में चल रहा है और इससे महिला मरीजों को कई तरह की जागरूकता भी मिल रही है।


Body:वीओ1 राजधानी में स्थित तमाम महिला अस्पतालों में पिछले 3 वर्षों से सेनेटरी नैपकिन प्रसूता ओं को मुफ्त में दिया जा रहा है इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि जो महिलाएं सेनेटरी पैड्स की जगह कपड़ा या कुछ अन्य चीजों का इस्तेमाल करती हूं वह आदत छूट जाए और दूसरा डिलीवरी के बाद उनको किसी तरह का इन्फेक्शन न हो। तमाम अस्पतालों में भर्ती महिलाओं को जब सेनेटरी पैड्स दिए जाते हैं तो उसके साथ ही उन्हें बताया भी जाता है कि यह उनके लिए कितना सही और एक बेहतरीन कदम है। राजधानी के क्वीन मैरी प्रसूति एवं महिला रोग विभाग केजीएमयू वीरांगना अवंतीबाई महिला चिकित्सालय और वीरांगना झलकारी बाई महिला चिकित्सालय समेत अन्य अस्पतालों में भी यह सुविधा अब तक चल रही है और मरीजों को इसका लाभ भी मिल रहा है। बाइट- मरीज वीओ2 इस बाबत वीरांगना अवंती बाई महिला चिकित्सालय (डफ़रिन) की एस आई सी डॉ नीरा कहती हैं कि यह सेवा मुख्य रूप से एडोलसेंट बच्चियों के लिए चलाई गई थी ताकि वह भविष्य में जब मां बने या इस पड़ाव से गुजरे तो वह अपने सेहत और हाइजीन के प्रति जागरूक रह सकें। धीरे-धीरे इसे महिला अस्पतालों में भी लागू किया गया और पिछले साढे 3 वर्षों से यह शहर के तमाम महिला चिकित्सालय में जननी शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत चलाया जा रहा है। इसके तहत डिलीवरी के बाद हर प्रसूता को एक पैकेट सेनेटरी पैड्स का दिया जाता है। वह यदि इस्तेमाल करना नहीं जानती हैं तो उन्हें इसका तरीका बताया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यही है कि उनमें अपने सेहत के प्रति इस बात की जागरूकता आ सके कि उन्हें अपना ख्याल रखना है। बाइट- डॉ नीरा जैन


Conclusion:सेनेटरी नैपकिन के मुफ्त में मिलने से न केवल महिलाओं को सहूलियत है मिल रही है पर साथ ही कई तरह की उन्हें हिदायत भी दी जाती है। इससे वह सैनिटरी नैपकिन के फायदे भी जान रही हैं और डिलीवरी के बाद होने वाले इन्फेक्शन से भी स्वयं का बचाव कर पा रही हैं। बाइट- मरीज बाइट- डॉ नीरा जैन, एसआईसी, वीरांगना अवंतीबाई अस्पताल रामांशी मिश्रा 9598003584
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