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कोरोना के मरीजों पर भारी निजी अस्पताल का बिल - लखनऊ की खबर

यूपी में कोरोना कहर बरपा रहा है. अस्पतालों में बेडों को लेकर मारामारी है. खासकर, लखनऊ के निजी अस्पतालों में भी आईसीयू बेड मिलना मुश्किल है.

कोरोना के आम मरीजों पर भारी निजी अस्पताल का बिल
कोरोना के आम मरीजों पर भारी निजी अस्पताल का बिल
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Published : May 7, 2021, 4:37 AM IST

लखनऊः एक तरफ कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो रहा है. वहीं कुछ अस्पताल कोरोना मरीजों से मनमाना बिल वसूलकर उनकी मुसीबत और बढ़ा रहे हैं.

एक लाख एडवांस, चार दिन का दो लाख खर्च

गोमतीनगर निवासी पवन के पिता को 6 दिन पहले कोविड हुआ. अगले ही दिन ऑक्सीजन लेवल 80 पर आ गया. ऐसे में बमुश्किल दो दिन बाद फैजाबाद रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां मरीज लाते ही एक लाख एडवांस जमा कराया गया. वहीं चार दिन में दो लाख खर्च हो चुके हैं. मरीज अभी आईसीयू में ही है.

आठ दिन में 6 लाख बिल, हालत गंभीर

इंदिरा नगर निवासी जया सिंह के पति को कोविड हो गया. ऑक्सीजन लेवल 85 आने पर आलमबाग के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. आठ दिन से आईसीयू में भर्ती मरीज के इलाज पर 6 लाख खर्च हो चुके हैं. वहीं मरीज की हालत में सुधार नहीं है. फेफड़े में निमोनिया हो जाने से मरीज वेंटीलेटर पर है.

निजी अस्पतालों में क्या तय हैं रेट

शासनादेश के अनुसार एनएबीएच प्रमाणपत्र वाले अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के 10 हजार (जिसमें 1200 के पीपीई किट शामिल हैं) रुपये प्रतिदिन के हैं. वहीं गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू का 15 हजार (2 हजार कीमत के पीपीई किट शामिल हैं) रुपये प्रतदिन चार्ज है. इसमें सामान्य ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम शामिल है. वहीं अति गंभीर मरीजों के लिए, जिसमें आईसीयू-वेंटिलेटर सपोर्टेड है. उसका एक दिन का 18 हजार रुपये तय किया गया है. ऐसे ही बिना एनएबीएच वाले अस्पताल के लिए सामान्य बीमारी के लिए आइसोलेशन बेड का 8 हजार, गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू चार्ज 13 हजार और अति गंभीर के लिए आईसीयू-वेंटिलेटर चार्ज 15 हजार रुपये प्रतिदिन के रेट निर्धारित किए गए हैं.

कैसे चलता है वसूली का हथौड़ा

दरअसल, सरकार के आदेश में ही झोल है. इसमें सिर्फ बेड चार्ज, पीपीई किट को शामिल कर शुल्क तय किया गया है. खाना तक को शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में सर्विस, ट्रीटमेंट, डायग्नोसिस के नाम पर वसूली के रास्ते खुले हैं. लिहाजा, डॉक्टर का परामर्श शुल्क, नर्सिंग केयर चार्ज, ईसीजी, पैथीलोजी, रेडियोलॉजी टेस्ट, दवाएं, ग्लव्स, आदि के नाम पर मनमाने चार्ज जारी हैं. वहीं कई अस्पताल ऑक्सीजन तक का दाम वसूल रहे हैं.

उधर सीएमओ डॉक्टर संजय भटनाकर के मुताबिक निजी अस्पताल के रेट शासन ने तय किए हैं. इलाज की बिलिंग में कोई दिक्कत है, तो तीमारदार शिकायत करें. मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

लखनऊः एक तरफ कोरोना को लेकर हाहाकार मचा हुआ है, राजधानी लखनऊ के अस्पतालों में मरीजों को बेड मिलना मुश्किल हो रहा है. वहीं कुछ अस्पताल कोरोना मरीजों से मनमाना बिल वसूलकर उनकी मुसीबत और बढ़ा रहे हैं.

एक लाख एडवांस, चार दिन का दो लाख खर्च

गोमतीनगर निवासी पवन के पिता को 6 दिन पहले कोविड हुआ. अगले ही दिन ऑक्सीजन लेवल 80 पर आ गया. ऐसे में बमुश्किल दो दिन बाद फैजाबाद रोड स्थित निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. यहां मरीज लाते ही एक लाख एडवांस जमा कराया गया. वहीं चार दिन में दो लाख खर्च हो चुके हैं. मरीज अभी आईसीयू में ही है.

आठ दिन में 6 लाख बिल, हालत गंभीर

इंदिरा नगर निवासी जया सिंह के पति को कोविड हो गया. ऑक्सीजन लेवल 85 आने पर आलमबाग के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया. आठ दिन से आईसीयू में भर्ती मरीज के इलाज पर 6 लाख खर्च हो चुके हैं. वहीं मरीज की हालत में सुधार नहीं है. फेफड़े में निमोनिया हो जाने से मरीज वेंटीलेटर पर है.

निजी अस्पतालों में क्या तय हैं रेट

शासनादेश के अनुसार एनएबीएच प्रमाणपत्र वाले अस्पताल में आइसोलेशन वार्ड के 10 हजार (जिसमें 1200 के पीपीई किट शामिल हैं) रुपये प्रतिदिन के हैं. वहीं गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू का 15 हजार (2 हजार कीमत के पीपीई किट शामिल हैं) रुपये प्रतदिन चार्ज है. इसमें सामान्य ऑक्सीजन सपोर्ट सिस्टम शामिल है. वहीं अति गंभीर मरीजों के लिए, जिसमें आईसीयू-वेंटिलेटर सपोर्टेड है. उसका एक दिन का 18 हजार रुपये तय किया गया है. ऐसे ही बिना एनएबीएच वाले अस्पताल के लिए सामान्य बीमारी के लिए आइसोलेशन बेड का 8 हजार, गंभीर मरीजों के लिए आईसीयू चार्ज 13 हजार और अति गंभीर के लिए आईसीयू-वेंटिलेटर चार्ज 15 हजार रुपये प्रतिदिन के रेट निर्धारित किए गए हैं.

कैसे चलता है वसूली का हथौड़ा

दरअसल, सरकार के आदेश में ही झोल है. इसमें सिर्फ बेड चार्ज, पीपीई किट को शामिल कर शुल्क तय किया गया है. खाना तक को शामिल नहीं किया गया है. ऐसे में सर्विस, ट्रीटमेंट, डायग्नोसिस के नाम पर वसूली के रास्ते खुले हैं. लिहाजा, डॉक्टर का परामर्श शुल्क, नर्सिंग केयर चार्ज, ईसीजी, पैथीलोजी, रेडियोलॉजी टेस्ट, दवाएं, ग्लव्स, आदि के नाम पर मनमाने चार्ज जारी हैं. वहीं कई अस्पताल ऑक्सीजन तक का दाम वसूल रहे हैं.

उधर सीएमओ डॉक्टर संजय भटनाकर के मुताबिक निजी अस्पताल के रेट शासन ने तय किए हैं. इलाज की बिलिंग में कोई दिक्कत है, तो तीमारदार शिकायत करें. मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी.

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