लखनऊः डब्ल्यूएचओ ने जहां एक तरफ कोरोना को महामारी घोषित कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ भारत में कोरोना को लेकर हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है. अगर प्रदेश की बात की जाए तो राजधानी के ग्रामीण क्षेत्र के सरकारी अस्पतालों में महज औपचारिकताएं ही पूरी की जा रही हैं.
कोरोना को लेकर देश में हाई अलर्ट जारी
पूरे देश में कोरोना को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है. मंगलवार को प्रदेश की योगी सरकार ने कैबिनेट मीटिंग कर 2 अप्रैल तक सभी सार्वजनिक स्थल, स्कूल और कॉलेज को बंद करने का फैसला किया है. साथ ही सभी प्रतियोगी परीक्षाएं भी स्थगित कर दी है. वहीं अगर राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में बने सरकारी अस्पतालों की बात की जाए तो उनकी स्थिति बद से बदतर हो गई है.
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सरकारी अस्पतालों का जायजा
ईटीवी भारत की टीम राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों में बने सरकारी अस्पतालों में रियलटी चेक करने पहुंची. इस दौरान अस्पताल में काम करने वाले कर्मचारियों ने बताया कि उन्हें न तो फेस मास्क उपलब्ध कराए गए और न ही सेनिटाइजर.
एमबीबीएस डॉक्टरों की भारी कमी
वहीं डॉक्टरों की भारी कमी होने की वजह से भी मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ईटीवी भारत से बात करते हुए सीएचसी अधीक्षक डॉ. ज्योति कामले ने बताया कि अभी सरकारी अस्पतालों में मास्क और सेनीटाइजर की उपलब्धता नहीं है. डॉक्टर की कमी को भी बताते हुए उन्होंने कहा कि एमबीबीएस डॉक्टरों की भारी कमी है, जो आयोग ही भर्ती करेगा.