ETV Bharat / state

कोरोना वैक्सीन के बाद भी मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से नहीं मिलेगी राहत

लखनऊ केजीएमयू में कोविड मैनेजमेंट पर आयोजित वेबिनार में कोरोना वैक्सीन को लेकर चर्चा हुई. इस दौरान आईसीएमआर के निदेशक डॉ. बलराम भार्गव ने कहा कि वैक्सीन आने के बाद भी मास्क लगाना होगा और सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन करना होगा.

केजीएमयू में कोविड मैनेजमेंट पर वेबिनार का आयोजन.
केजीएमयू में कोविड मैनेजमेंट पर वेबिनार का आयोजन.
author img

By

Published : Nov 29, 2020, 1:42 AM IST

लखनऊ : पूरा देश कोरोना की वैक्सीन का इंतजार बड़ी ही बेसब्री से कर रहा है. वैक्सीन के आने के बाद लोगों को लगता है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन ऐसा है नहीं. कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी लोगों को कोरोना के नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना पड़ सकता है.

आईसीएमआर के निदेशक प्रो. डॉ. बलराम भार्गव ने कोविड मैनेजमेंट पर आयोजित केजीएमयू के वेबिनार में कहा कि वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. जल्द ही वैक्सिनेशन शुरू हो जाएगा लेकिन ये वैक्सीन कितनी सुरक्षा प्रदान करेगी और कितने समय के लिए करेगी यह अभी पता नहीं है. वैक्सिनेशन के बाद भी कोविड प्रोटेक्शन लेने की जरूरत पड़ सकती है. प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि देश के हर नागरिक को वैक्सीन देनी पड़े. हमारे लिये अहम है संक्रमण की चेन तोड़ना, इसके लिए हमने जुलाई तक 30 करोड़ लोगों के वैक्सिनेशन का लक्ष्य रखा है. इसके बाद आगे की रूप रेखा तय की जाएगी.

दो से तीन डोज देने होंगे
डॉ. भार्गव ने बताया कि जितनी भी वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं. इसमें दो से तीन डोज वैक्सीन के देने हैं, जो तीन से चार सप्ताह में लगेंगे. लगाने के बाद अगर काम नहीं करेगी तो बूस्टर डोज भी लगाना पड़ सकता है. हालांकि भारत सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि 60 फीसदी विकासशील देशों के लिए वैक्सीन विकसित कर सकेगा. यहां 19 कंपनी 24 मैन्युफैक्चरिंग स्टैब्लिशमेंट में काम होगा.

डॉ. भार्गव ने बताया कि आईसीएमआर भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के साथ वैक्सीन ट्रायल कर रहा है. जबकि विदेशी वैक्सीन में सीरम इंस्टिट्यूट, रूस की स्पूतनिक जो डॉ. रेडीज लैब में और यूएस की बायोलॉजिकल ई-वैक्सीन का भारत में ट्रायल चल चल रहा है.

लखनऊ : पूरा देश कोरोना की वैक्सीन का इंतजार बड़ी ही बेसब्री से कर रहा है. वैक्सीन के आने के बाद लोगों को लगता है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग से मुक्ति मिल जाएगी, लेकिन ऐसा है नहीं. कोरोना वैक्सीन आने के बाद भी लोगों को कोरोना के नियमों का पालन करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क लगाना पड़ सकता है.

आईसीएमआर के निदेशक प्रो. डॉ. बलराम भार्गव ने कोविड मैनेजमेंट पर आयोजित केजीएमयू के वेबिनार में कहा कि वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल चल रहा है. जल्द ही वैक्सिनेशन शुरू हो जाएगा लेकिन ये वैक्सीन कितनी सुरक्षा प्रदान करेगी और कितने समय के लिए करेगी यह अभी पता नहीं है. वैक्सिनेशन के बाद भी कोविड प्रोटेक्शन लेने की जरूरत पड़ सकती है. प्रो. बलराम भार्गव ने कहा कि ये जरूरी नहीं है कि देश के हर नागरिक को वैक्सीन देनी पड़े. हमारे लिये अहम है संक्रमण की चेन तोड़ना, इसके लिए हमने जुलाई तक 30 करोड़ लोगों के वैक्सिनेशन का लक्ष्य रखा है. इसके बाद आगे की रूप रेखा तय की जाएगी.

दो से तीन डोज देने होंगे
डॉ. भार्गव ने बताया कि जितनी भी वैक्सीन के ट्रायल चल रहे हैं. इसमें दो से तीन डोज वैक्सीन के देने हैं, जो तीन से चार सप्ताह में लगेंगे. लगाने के बाद अगर काम नहीं करेगी तो बूस्टर डोज भी लगाना पड़ सकता है. हालांकि भारत सिर्फ अपने ही नहीं बल्कि 60 फीसदी विकासशील देशों के लिए वैक्सीन विकसित कर सकेगा. यहां 19 कंपनी 24 मैन्युफैक्चरिंग स्टैब्लिशमेंट में काम होगा.

डॉ. भार्गव ने बताया कि आईसीएमआर भारत बायोटेक और जाइडस कैडिला के साथ वैक्सीन ट्रायल कर रहा है. जबकि विदेशी वैक्सीन में सीरम इंस्टिट्यूट, रूस की स्पूतनिक जो डॉ. रेडीज लैब में और यूएस की बायोलॉजिकल ई-वैक्सीन का भारत में ट्रायल चल चल रहा है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.