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अस्पताल में शिफ्टिंग के इंतजार में कई मरीजों की थमी सांसें

राजधानी लखनऊ में कोरोना के गंभीर मरीजों की तीन से पांच दिन तक अस्पताल में शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है. ऐसे में मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

लखनऊ.
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Published : Apr 9, 2021, 9:26 PM IST

लखनऊ: कोरोना ने राजधानी में हालात बदतर कर दिए हैं. रोज हजारों की तादाद में मरीज आने से इलाज की व्यवस्था चरमरा गई है. गंभीर मरीजों की तीन से पांच दिन तक अस्पताल में शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है. ऐसे में मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

कोविड वार्ड में शिफ्ट करना भूला स्वास्थ्यव विभाग
बलरामपुर अस्पताल में 29 मार्च को 60 वर्षीय उन्नाव निवासी रामकुमार भर्ती हुए थे, जिनकी डेढ़ हफ्ते पहले कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी. अस्पताल ने मरीज को भर्ती कराने के लिए सीएमओ व कोविड कमांड सेंटर पर सूचना देकर अलग वार्ड में शिफ्ट कर भूल गया. इसके बाद न तो सीएमओ कार्यालय से मरीज को शिफ्ट कराने के लिए कोई प्रयास हुआ और न ही अस्पताल का कोई डॉक्टर व स्टाफ मरीज को देखने गया. शुक्रवार सुबह मरीज का ऑक्सीजन स्तर काफी नीचे गिर गया. तीमारदार अस्पताल के उच्चाधिकारियों से लेकर कंट्रोलरूम तक चक्कर लगाता रहा, लेकिन रामकुमार को कोविड अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया गया और उनकी मौत हो गई.

तीन से पांच दिन में भी भर्ती नहीं हो पा रहे मरीज
इसी तरह लोकबंधु अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती एक मरीज को लेवल -3 कोविड अस्पताल में शिफ्ट होना था. लेकिन मगर शिफ्ट न हो पाने से जिंदगी से हार गया. वहीं, होम आइसोलेशन में भर्ती एक अन्य मरीज जब तक लोकबंधु अस्पताल लाया गया, तब तक देर हो चुकी थी और डाक्टरों मृत घोषित कर दिया. एमएमस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि मरीज को शिफ्टिंग कराने के लिए कमांड सेंटर से भेजा गया था. मरीज देर से अस्पताल पहुंचा, उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इन्हें अभी भी एंबुलेंस का इंतजार
स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की व्यवस्था हर तरफ फेल नजर आ रही है. पिछले पांच दिन से बंगला बाजार के सेक्टर एल निवासी कोविड पॉजिटिव रमेश कुमार बेड के इंतजार में तड़प रहा है. तीमारदार राहुल ने बताया कि पांच अप्रैल को अवध हॉस्पिटल में संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद कोविड कंट्रोल रूम से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर डीएम तक से गुहार लगाई लेकिन शुक्रवार तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया. इसी तरह अलीगंज के सेक्टर सी निवासी करण भाटिया तीन दिनों से कोविड-19 अस्पताल में भर्ती के लिए एंबुलेंस की राह ताक रहे हैं. सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर का कहना है कि अस्पतालों में बढ़ाए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें-लखनऊ के अस्पतालों की हालत खराब, खुद डॉक्टर हो रहे कोरोना संक्रमित

इन अस्पतालों में बढ़ाए जा रहे बेड
सीएमओ के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी के मुताबिक बलरामपुर अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए 300 बेड शीघ्र शुरू होने जा रहे हैं. एरा मेडिकल कॉलेज में 500 से अधिक बेड, इंटीग्रल अस्पताल में तीन से चार सौ बेड व अन्य कई निजी अस्पतालों में चार से पांच सौ बेड बढ़ाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीन निजी अस्पतालों में करीब 200 बेड शुक्रवार को ही चालू हो गए, जहां मरीजों की भर्ती भी शुरू कर दी गई है.

लखनऊ: कोरोना ने राजधानी में हालात बदतर कर दिए हैं. रोज हजारों की तादाद में मरीज आने से इलाज की व्यवस्था चरमरा गई है. गंभीर मरीजों की तीन से पांच दिन तक अस्पताल में शिफ्टिंग नहीं हो पा रही है. ऐसे में मरीज इलाज के अभाव में दम तोड़ रहे हैं.

कोविड वार्ड में शिफ्ट करना भूला स्वास्थ्यव विभाग
बलरामपुर अस्पताल में 29 मार्च को 60 वर्षीय उन्नाव निवासी रामकुमार भर्ती हुए थे, जिनकी डेढ़ हफ्ते पहले कोरोना रिपोर्ट पाॅजिटिव आई थी. अस्पताल ने मरीज को भर्ती कराने के लिए सीएमओ व कोविड कमांड सेंटर पर सूचना देकर अलग वार्ड में शिफ्ट कर भूल गया. इसके बाद न तो सीएमओ कार्यालय से मरीज को शिफ्ट कराने के लिए कोई प्रयास हुआ और न ही अस्पताल का कोई डॉक्टर व स्टाफ मरीज को देखने गया. शुक्रवार सुबह मरीज का ऑक्सीजन स्तर काफी नीचे गिर गया. तीमारदार अस्पताल के उच्चाधिकारियों से लेकर कंट्रोलरूम तक चक्कर लगाता रहा, लेकिन रामकुमार को कोविड अस्पताल में शिफ्ट नहीं किया गया और उनकी मौत हो गई.

तीन से पांच दिन में भी भर्ती नहीं हो पा रहे मरीज
इसी तरह लोकबंधु अस्पताल में गंभीर रूप से भर्ती एक मरीज को लेवल -3 कोविड अस्पताल में शिफ्ट होना था. लेकिन मगर शिफ्ट न हो पाने से जिंदगी से हार गया. वहीं, होम आइसोलेशन में भर्ती एक अन्य मरीज जब तक लोकबंधु अस्पताल लाया गया, तब तक देर हो चुकी थी और डाक्टरों मृत घोषित कर दिया. एमएमस डॉ. अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि मरीज को शिफ्टिंग कराने के लिए कमांड सेंटर से भेजा गया था. मरीज देर से अस्पताल पहुंचा, उसे मृत घोषित कर दिया गया।

इन्हें अभी भी एंबुलेंस का इंतजार
स्वास्थ्य विभाग व प्रशासन की व्यवस्था हर तरफ फेल नजर आ रही है. पिछले पांच दिन से बंगला बाजार के सेक्टर एल निवासी कोविड पॉजिटिव रमेश कुमार बेड के इंतजार में तड़प रहा है. तीमारदार राहुल ने बताया कि पांच अप्रैल को अवध हॉस्पिटल में संक्रमण की पुष्टि हुई थी. इसके बाद कोविड कंट्रोल रूम से लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से लेकर डीएम तक से गुहार लगाई लेकिन शुक्रवार तक मरीज को भर्ती नहीं किया गया. इसी तरह अलीगंज के सेक्टर सी निवासी करण भाटिया तीन दिनों से कोविड-19 अस्पताल में भर्ती के लिए एंबुलेंस की राह ताक रहे हैं. सीएमओ डॉक्टर संजय भटनागर का कहना है कि अस्पतालों में बढ़ाए जा रहे हैं.

यह भी पढ़ें-लखनऊ के अस्पतालों की हालत खराब, खुद डॉक्टर हो रहे कोरोना संक्रमित

इन अस्पतालों में बढ़ाए जा रहे बेड
सीएमओ के प्रवक्ता योगेश रघुवंशी के मुताबिक बलरामपुर अस्पताल में कोविड-19 मरीजों के लिए 300 बेड शीघ्र शुरू होने जा रहे हैं. एरा मेडिकल कॉलेज में 500 से अधिक बेड, इंटीग्रल अस्पताल में तीन से चार सौ बेड व अन्य कई निजी अस्पतालों में चार से पांच सौ बेड बढ़ाए जा रहे हैं. उन्होंने बताया कि तीन निजी अस्पतालों में करीब 200 बेड शुक्रवार को ही चालू हो गए, जहां मरीजों की भर्ती भी शुरू कर दी गई है.

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