लखनऊ: पंजाब नेशनल बैंक से 31.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई की एसीबी ने कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी लि. के निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. दरअसल, कानपुर की बिरहाना रोड स्थित बैंक शाखा के चीफ मैनेजर दुर्गेश तिवारी ने सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ से धोखाधड़ी की शिकायत की थी.
चीफ मैनेजर दुर्गेश तिवारी की शिकायत के अनुसार, कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी कंपनी के निदेशक उदय जंयत देसाई, सुनील वर्मा, अनूप कुमार वोधरा व दो अन्य अज्ञात लोगों ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की है.
फ्रास्ट कंपनी ने उनकी ब्रांच में 13 जनवरी, 2023 में 75 करोड़ रुपये की ओडी लिमिट ली थी. जिसे समय समय पर बढ़वाया भी गया. बैंक की जांच में सामने आया कि कंपनी ने ओडी की रकम को जिन कंपनियों को ट्रांसफर होना दिखाया, उन सभी कंपनियों के दस्तावेज में एक ही समान की सप्लाई दिखाई गई थी, लेकिन नाम अलग होने के बाद साइन सभी में एक ही तरह के थे.
जांच में संदिग्ध बातें सामने आने के बाद बैंक ने कंपनी को पत्र भेजा, लेकिन उनकी ओर से कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. इतना ही नहीं लोन की रकम पर रोक लगाने से पहले ही निदेशकों ने पूरी रकम निकाल ली. चीफ मैनेजर की शिकायत के अनुसार, फ्रास्ट कंपनी के निदेशकों ने करीब 31.60 करोड़ रुपए हड़पे हैं. सीबीआई के एसीबी लखनऊ के इंस्पेक्टर अंकुर त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
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