ETV Bharat / state

PNB के 31.60 करोड़ हड़पने वाली कंपनी के निदेशकों के खिलाफ CBI ने दर्ज की FIR, जांच शुरू

कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी लि. का मामला, लोन की रकम पर रोक लगाने से पहले ही निदेशकों ने निकाल ली.

PNB बैंक से 31.60 करोड़ की धोखाधड़ी
कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी के डायरेक्टरों पर केस दर्ज (Etv Bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 11 hours ago

लखनऊ: पंजाब नेशनल बैंक से 31.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई की एसीबी ने कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी लि. के निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. दरअसल, कानपुर की बिरहाना रोड स्थित बैंक शाखा के चीफ मैनेजर दुर्गेश तिवारी ने सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ से धोखाधड़ी की शिकायत की थी.

चीफ मैनेजर दुर्गेश तिवारी की शिकायत के अनुसार, कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी कंपनी के निदेशक उदय जंयत देसाई, सुनील वर्मा, अनूप कुमार वोधरा व दो अन्य अज्ञात लोगों ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की है.

फ्रास्ट कंपनी ने उनकी ब्रांच में 13 जनवरी, 2023 में 75 करोड़ रुपये की ओडी लिमिट ली थी. जिसे समय समय पर बढ़वाया भी गया. बैंक की जांच में सामने आया कि कंपनी ने ओडी की रकम को जिन कंपनियों को ट्रांसफर होना दिखाया, उन सभी कंपनियों के दस्तावेज में एक ही समान की सप्लाई दिखाई गई थी, लेकिन नाम अलग होने के बाद साइन सभी में एक ही तरह के थे.

जांच में संदिग्ध बातें सामने आने के बाद बैंक ने कंपनी को पत्र भेजा, लेकिन उनकी ओर से कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. इतना ही नहीं लोन की रकम पर रोक लगाने से पहले ही निदेशकों ने पूरी रकम निकाल ली. चीफ मैनेजर की शिकायत के अनुसार, फ्रास्ट कंपनी के निदेशकों ने करीब 31.60 करोड़ रुपए हड़पे हैं. सीबीआई के एसीबी लखनऊ के इंस्पेक्टर अंकुर त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

यह भी पढ़े : UP में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर नियामक आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल, निजीकरण पर उठाए गंभीर सवाल

लखनऊ: पंजाब नेशनल बैंक से 31.60 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई की एसीबी ने कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी लि. के निदेशकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की है. दरअसल, कानपुर की बिरहाना रोड स्थित बैंक शाखा के चीफ मैनेजर दुर्गेश तिवारी ने सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच लखनऊ से धोखाधड़ी की शिकायत की थी.

चीफ मैनेजर दुर्गेश तिवारी की शिकायत के अनुसार, कानपुर की कंपनी फ्रास्ट इंफ्रा स्ट्रक्चर एंड एनर्जी कंपनी के निदेशक उदय जंयत देसाई, सुनील वर्मा, अनूप कुमार वोधरा व दो अन्य अज्ञात लोगों ने बैंक के साथ धोखाधड़ी की है.

फ्रास्ट कंपनी ने उनकी ब्रांच में 13 जनवरी, 2023 में 75 करोड़ रुपये की ओडी लिमिट ली थी. जिसे समय समय पर बढ़वाया भी गया. बैंक की जांच में सामने आया कि कंपनी ने ओडी की रकम को जिन कंपनियों को ट्रांसफर होना दिखाया, उन सभी कंपनियों के दस्तावेज में एक ही समान की सप्लाई दिखाई गई थी, लेकिन नाम अलग होने के बाद साइन सभी में एक ही तरह के थे.

जांच में संदिग्ध बातें सामने आने के बाद बैंक ने कंपनी को पत्र भेजा, लेकिन उनकी ओर से कोई भी संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. इतना ही नहीं लोन की रकम पर रोक लगाने से पहले ही निदेशकों ने पूरी रकम निकाल ली. चीफ मैनेजर की शिकायत के अनुसार, फ्रास्ट कंपनी के निदेशकों ने करीब 31.60 करोड़ रुपए हड़पे हैं. सीबीआई के एसीबी लखनऊ के इंस्पेक्टर अंकुर त्रिपाठी ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

यह भी पढ़े : UP में बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर नियामक आयोग में विरोध प्रस्ताव दाखिल, निजीकरण पर उठाए गंभीर सवाल

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.