नई दिल्ली: बजट 2024-25 में घोषित प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना (PMIS) का लक्ष्य अगले पांच साल में छात्रों के लिए एक करोड़ इंटर्नशिप अवसर सृजित करना है. यह योजना एक डेडिकेटेड ऑनलाइन पोर्टल pminternship.mca.gov.in के माध्यम से क्रियान्वित की जा रही है. यह पोर्टल आवेदन से लेकर चयन तक की पूरी प्रक्रिया को सुगम बनाता है
कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय के अनुसार ये इंटर्नशिप भारत की टॉप 500 कंपनियों में दी जाएंगी, जिनकी पहचान पिछले तीन साल में उनके कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबलिटी (CSR) व्यय के आधार पर की गई है. इसे फुल स्केल पर लागू करने के लिए PMIS के तहत एक पायलट परियोजना शुरू की गई है, जो वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1.25 लाख इंटर्नशिप अवसर प्रदान करती है.
कंपनियों ने पोर्टल पर 1 लाख से ज्यादा इंटर्नशिप के अवसर पोस्ट किए
अब तक कंपनियों ने पोर्टल पर 1.27 लाख इंटर्नशिप के अवसर पोस्ट किए हैं, जिसमें इच्छुक युवाओं से 6.21 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. सेलेक्शन प्रोसेस वर्तमान में चल रहा है, जिससे प्रतिस्पर्धी और योग्यता-आधारित आवंटन सुनिश्चित हो रहा है.
500 टॉप कंपिनयों पर फोकस
फिलहाल फोकस टॉप 500 कंपनियों पर है. यह योजना कॉर्पोरेट मामलों के मंत्रालय (MCA) द्वारा अनुमोदन के अधीन अन्य कंपनियों, बैंकों और वित्तीय संस्थानों से भागीदारी की अनुमति देती है. यह दृष्टिकोण समावेशिता सुनिश्चित करता है. विशेष रूप से कम प्रतिनिधित्व वाले क्षेत्रों और क्षेत्रों के लिए.
क्या है PMIS का उद्देश्य ?
PMIS का उद्देश्य अकादमिक लर्निंग और इंडस्ट्री की आवश्यकताओं के बीच महत्वपूर्ण अंतर को दूर करना है. इससे इंटर्न को व्यावहारिक प्रशिक्षण, व्यावहारिक अनुभव और उद्योग-विशिष्ट कौशल प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे प्रतिस्पर्धी नौकरी बाजार में उनकी रोजगार क्षमता बढ़ेगी.
इस योजना के बारे में बोलते हुए कॉरपोरेट मामलों और सड़क परिवहन और राजमार्ग राज्य मंत्री हर्ष मल्होत्रा ने मंगलवार को राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में इसकी परिवर्तनकारी क्षमता पर प्रकाश डाला.