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गोशाला में गोवंश की मौत से मचा हड़कंप, ग्रामीणों में रोष

एक तरफ उत्तर प्रदेश में गोवंशों के सरंक्षण के लिए जहां योगी सरकार विभिन्न योजनाएं चला रही है तो दूसरी तरफ इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बीते दिनों केंद्र सरकार को गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने का सुझाव भी दिया था. मगर राजधानी के माल विकास खण्ड की अहिडर पंचायत की एक गोशाला में गोवंशो की दुर्दशा के चलते उनकी असमय मौत हो रही है.

गोशाला में गोवंश की मौत से मचा हड़कंप
गोशाला में गोवंश की मौत से मचा हड़कंप
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Published : Sep 18, 2021, 12:20 PM IST

लखनऊ: राजधानी के माल विकास खण्ड की अहिडर पंचायत एक गोशाला पशुओंं के लिए काल बन गई है. जहां, शनिवार की सुबह जब ग्रामीणों ने गोशाला में कई दर्जन शवों को देखकर ग्रामीणों के पाव तले की जमीन खिसक गई. बड़ी संख्या में पशुओं की मौत की खबर वायरल होते ही आला अफसरों के हाथ-पांव फूल गए. आला हुक्मरान भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और गोशाला की घेराबन्दी की. उसके बाद शवों को बिना पोस्टमार्टम किए पास के बबूल के जंगल मे दफन करा दिया गया. एहतियात के तौर पर पीएसी बल भी तैनात कर दिया गया है.


ग्रमीणों में रोष


ग्रामीणों में चर्चा थी कि पेट भर भोजन तथा पानी न मिलने से कमजोर बेजुबान बरसात का पानी और हवा के सर्द थपेड़े न झेल सके. बीमार होने के बाद तड़पते पशुओं की ओर किसी ने निगाह तक नहीं डाली. गोशाला में झुंड के झुंड शव इधर उधर पड़े थे. कुछ शवों के सड़ने की दुर्गंध से खड़ा होना मुश्किल था. ग्रामीणों के अनुसार लगभग पांच दर्जन से ज्यादा पशुओं की मौत हुई है. शवों को ठेलिया तथा ट्रैक्टर पर लाद कर ढोने के बाद दफन किया गया. आठ जेसीबी मशीनें गड्ढा खोदकर दफन करने के काम मे लगाई गई थीं.

यह भी पढ़ें- गाय के बारे में रोचक तथ्‍य, जानकर रह जाएंगे हैरान



वहीं, ग्राम प्रधान प्रेम कुमार के अनुसार गौशाला में 376 जानवर बन्द थे. जिसमें बीस जानवरों की सर्दी लगने से मौत हो गई, वहीं गौशाला के नौकर शिवसागर के अनुसार 363 पशु थे. जिसमें दस बारह जानवरों की मौत हुई है. एस.डी.एम. निखिल कुमार ने पत्रकारों को बताया कि सिर्फ चार पांच जानवरों की ही मौत हुई है. कुछ बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है.


जांच किए जाने की मांग

भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह चौहान ने मौके पर जाकर पशुओं की मौत की न्यायिक जांच किये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कम से कम साठ पशुओं की मौत हुई है. इतने ही जानवर बीमार हालत में मरने की कगार पर हैं.



बिना पोस्टमार्टम दफन किए गए शव

ग्रामीणों ने बताया भारी संख्या में मरे पशुओं को बिना पोस्टमार्टम किए ही जल्दी-जल्दी दफन करा दिया गया. जिससे मौत के असल कारणों का खुलासा नहीं हो सका. गोशाला में बेजुबानों की मौत की खबर पाते ही सीडीओ अश्वनी कुमार, एडीएम प्रशासन अमर पाल सिंह, मुख्य जिला पशु चिकित्साधिकारी, एसडीएम निखिल कुमार, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण हृदयेश कुमार, सीओ नवीना शुक्ला तथा कई अन्य राजस्व अधिकारी और पुलिस अफसर मौके पर मौजूद रहे. एहतियात के तौर पर पीएसी बल तैनात कर दिया गया है.

यह भी पढ़ें- HC का सुझाव-गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करें, जानें क्या है भारतीय संस्कृति में महत्व



इस मुद्दे पर सीडीओ लखनऊ अश्वनी पांडेय ने बताया कि शनिवार की सुबह सूचना प्राप्त हुई तो जांच में ये पाया गया कि दो दिन से हो रही बारिश के कारण कुछ जानवर आपस मे लड़कर मर गए हैं. वहीं जो जानवर कमजोर हो गए हैं, उनके लिए अलग व्यवस्था और हरे चारे के इंतजाम कराया जा रहा है. साथ ही जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.


लखनऊ: राजधानी के माल विकास खण्ड की अहिडर पंचायत एक गोशाला पशुओंं के लिए काल बन गई है. जहां, शनिवार की सुबह जब ग्रामीणों ने गोशाला में कई दर्जन शवों को देखकर ग्रामीणों के पाव तले की जमीन खिसक गई. बड़ी संख्या में पशुओं की मौत की खबर वायरल होते ही आला अफसरों के हाथ-पांव फूल गए. आला हुक्मरान भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और गोशाला की घेराबन्दी की. उसके बाद शवों को बिना पोस्टमार्टम किए पास के बबूल के जंगल मे दफन करा दिया गया. एहतियात के तौर पर पीएसी बल भी तैनात कर दिया गया है.


ग्रमीणों में रोष


ग्रामीणों में चर्चा थी कि पेट भर भोजन तथा पानी न मिलने से कमजोर बेजुबान बरसात का पानी और हवा के सर्द थपेड़े न झेल सके. बीमार होने के बाद तड़पते पशुओं की ओर किसी ने निगाह तक नहीं डाली. गोशाला में झुंड के झुंड शव इधर उधर पड़े थे. कुछ शवों के सड़ने की दुर्गंध से खड़ा होना मुश्किल था. ग्रामीणों के अनुसार लगभग पांच दर्जन से ज्यादा पशुओं की मौत हुई है. शवों को ठेलिया तथा ट्रैक्टर पर लाद कर ढोने के बाद दफन किया गया. आठ जेसीबी मशीनें गड्ढा खोदकर दफन करने के काम मे लगाई गई थीं.

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वहीं, ग्राम प्रधान प्रेम कुमार के अनुसार गौशाला में 376 जानवर बन्द थे. जिसमें बीस जानवरों की सर्दी लगने से मौत हो गई, वहीं गौशाला के नौकर शिवसागर के अनुसार 363 पशु थे. जिसमें दस बारह जानवरों की मौत हुई है. एस.डी.एम. निखिल कुमार ने पत्रकारों को बताया कि सिर्फ चार पांच जानवरों की ही मौत हुई है. कुछ बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है.


जांच किए जाने की मांग

भारतीय किसान यूनियन तोमर गुट के प्रदेश अध्यक्ष सुशील सिंह चौहान ने मौके पर जाकर पशुओं की मौत की न्यायिक जांच किये जाने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कम से कम साठ पशुओं की मौत हुई है. इतने ही जानवर बीमार हालत में मरने की कगार पर हैं.



बिना पोस्टमार्टम दफन किए गए शव

ग्रामीणों ने बताया भारी संख्या में मरे पशुओं को बिना पोस्टमार्टम किए ही जल्दी-जल्दी दफन करा दिया गया. जिससे मौत के असल कारणों का खुलासा नहीं हो सका. गोशाला में बेजुबानों की मौत की खबर पाते ही सीडीओ अश्वनी कुमार, एडीएम प्रशासन अमर पाल सिंह, मुख्य जिला पशु चिकित्साधिकारी, एसडीएम निखिल कुमार, पुलिस अधीक्षक ग्रामीण हृदयेश कुमार, सीओ नवीना शुक्ला तथा कई अन्य राजस्व अधिकारी और पुलिस अफसर मौके पर मौजूद रहे. एहतियात के तौर पर पीएसी बल तैनात कर दिया गया है.

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इस मुद्दे पर सीडीओ लखनऊ अश्वनी पांडेय ने बताया कि शनिवार की सुबह सूचना प्राप्त हुई तो जांच में ये पाया गया कि दो दिन से हो रही बारिश के कारण कुछ जानवर आपस मे लड़कर मर गए हैं. वहीं जो जानवर कमजोर हो गए हैं, उनके लिए अलग व्यवस्था और हरे चारे के इंतजाम कराया जा रहा है. साथ ही जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.


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