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प्रदर्शन कर रहे लेखपालों के खिलाफ हुई कार्रवाई, विभिन्न जिलों के कई लेखपाल निलंबित

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Published : Dec 20, 2019, 8:07 AM IST

प्रदेश भर में 8 सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हुए हैं. मामले में कड़ा रूख अपनाते हुए विभिन्न जिलों के डीएम ने लेखपालों को निलंबित कर दिया.

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लेखपालों के खिलाफ हुई कार्रवाई.

लखनऊः पूरे प्रदेश में लेखपाल अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. विभिन्न जिलों में एस्मा और धारा 144 लागू होने के बावजूद भी प्रदर्शन लगातार जारी है. लेखपालों के इस बर्ताव को देखते हुए सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर कई लेखपालों पर कार्रवाई की. साथ ही विभिन्न जिलों के लेखपालों को निलंबित कर दिया.

ललितपुर में 12 लेखपाल तत्काल प्रभाव से निलंबित
ललितपुर के जिला मुख्यालय स्थित तहसील परिसर में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर रखा है, जिसके कारण आम जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे लेखपालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है.

धरना प्रदर्शन के लिए लेखपालों को प्रेरित करने के चलते जिला प्रशासन ने लेखपाल संघ जिलाध्यक्ष, जिलामंत्री, ब्लॉक अध्यक्ष और ब्लॉक मंत्री समेत 12 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

जिला प्रशासन ने 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर हड़ताल में शामिल 16 लेखपालों के खिलाफ ब्रेक इन सर्विस की संस्तुति शासन को भेजी दी है. वहीं चेतावनी दी है कि यदि हड़ताल समाप्त नहीं हुआ तो एस्मा के तहत गिरफ्तारी और एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.

बदांयू में 10 लेखपालों की सेवाएं समाप्त
लगभग एक माह से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जनपद के सभी लेखपाल हड़ताल पर हैं. प्रदेश में एस्मा लागू होने के बाद जिले में प्रदर्शन कर रहे 10 लेखपालों की सेवाएं समाप्त कर दी गई. इतना ही नहीं, हड़ताल पर बैठे अन्य सभी लेखपालों का भी वेतन काटने के आदेश दिए गए हैं.

वहीं गुरुवार को लेखपालों की हड़ताल में पहुंचे सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने लेखपालों को अपना समर्थन दिया. सरकार की कार्रवाई में हड़ताली लेखपालों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

राजस्व परिषद ने लेखपालों की हड़ताल को किया अवैध घोषित
बदांयू जिले के डीएम कुमार प्रशांत का कहना है कि लेखपालों की हड़ताल प्रदेश संगठन के आह्वान पर चल रही है. राजस्व परिषद द्वारा इनकी हड़ताल को अवैध घोषित कर एस्मा लागू कर दिया गया है. पांचों तहसीलों के लेखपाल संघ के पदाधिकारियों को भी तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. बाकी लेखपाल, जितने दिन तक हड़ताल पर रहेंगे तनख्वाह काटने की कार्रवाई की गई है. साथ ही उनको सर्विस ब्रेक का भी नोटिस दे दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- एस्मा की कार्रवाई के बाद भी लेखपाल नहीं कर रहे धरना समाप्त

बाराबंकी में जोर पकड़ रहा लेखपालों का आंदोलन
बाराबंकी जिले के गन्ना संस्थान में पिछले एक हफ्ते से आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रशासन की सख्ती के बाद लेखपालों का प्रदर्शन और जोर पकड़ता जा रहा है. लेखपालों के काम पर नहीं लौटने के चलते जिला प्रशासन ने 32 लेखपालों को निलंबित कर दिया. निलंबन की इस कार्रवाई के बाद लेखपालों में आक्रोश है.

लेखपालों ने कहा कि यह इतिहास की पहली घटना होगी कि बिना उनकी बातें सुने उन पर कार्रवाइयां की जा रही हैं. लेखपालों ने धमकी दी कि सरकार को इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा.

एस्मा लागू के बाद भी चंदौली में लेखपालों का प्रदर्शन जारी
यूपी लेखपाल संघ अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर है. लेखपाल संघ 6 महीने तक कार्य बहिष्कार कर धरना न दे सके, इसके लिए सरकार ने एस्मा लागू कर दिया. बावजूद इसके लेखपाल अनवरत धरने पर हैं. लेखपालों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए चंदौली जिला प्रशासन ने 2 लेखपाल संदीप सिंह और सुजीत को निलंबित कर दिया.

जालौन में लेखपालों की हड़ताल से राजस्व को काफी नुकसान
पिछले कई दिनों से लेखपाल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जालौन जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे हुए थे, जिससे कामकाज ठप हो गया था. लेखपालों की हड़ताल की वजह से राजस्व को लगातार काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा था.

शासन द्वारा निर्देश आने के बाद लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई. डीएम ने 13 लेखपालों को निलंबित भी कर दिया. डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया कि 50 से ऊपर की उम्र के लेखपालों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी. इसके अलावा जो लेखपाल लगातार शिथिलता बरत रहे हैं, उनको नौकरी से बर्खास्त भी किया जाएगा.

लखनऊः पूरे प्रदेश में लेखपाल अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. विभिन्न जिलों में एस्मा और धारा 144 लागू होने के बावजूद भी प्रदर्शन लगातार जारी है. लेखपालों के इस बर्ताव को देखते हुए सरकार ने 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर कई लेखपालों पर कार्रवाई की. साथ ही विभिन्न जिलों के लेखपालों को निलंबित कर दिया.

ललितपुर में 12 लेखपाल तत्काल प्रभाव से निलंबित
ललितपुर के जिला मुख्यालय स्थित तहसील परिसर में लेखपालों ने कार्य बहिष्कार कर रखा है, जिसके कारण आम जनता को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. जिला प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे लेखपालों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है.

धरना प्रदर्शन के लिए लेखपालों को प्रेरित करने के चलते जिला प्रशासन ने लेखपाल संघ जिलाध्यक्ष, जिलामंत्री, ब्लॉक अध्यक्ष और ब्लॉक मंत्री समेत 12 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

जिला प्रशासन ने 'नो वर्क, नो पे' के आधार पर हड़ताल में शामिल 16 लेखपालों के खिलाफ ब्रेक इन सर्विस की संस्तुति शासन को भेजी दी है. वहीं चेतावनी दी है कि यदि हड़ताल समाप्त नहीं हुआ तो एस्मा के तहत गिरफ्तारी और एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी.

बदांयू में 10 लेखपालों की सेवाएं समाप्त
लगभग एक माह से अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जनपद के सभी लेखपाल हड़ताल पर हैं. प्रदेश में एस्मा लागू होने के बाद जिले में प्रदर्शन कर रहे 10 लेखपालों की सेवाएं समाप्त कर दी गई. इतना ही नहीं, हड़ताल पर बैठे अन्य सभी लेखपालों का भी वेतन काटने के आदेश दिए गए हैं.

वहीं गुरुवार को लेखपालों की हड़ताल में पहुंचे सपा के पूर्व सांसद धर्मेंद्र यादव ने लेखपालों को अपना समर्थन दिया. सरकार की कार्रवाई में हड़ताली लेखपालों ने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाती, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा.

राजस्व परिषद ने लेखपालों की हड़ताल को किया अवैध घोषित
बदांयू जिले के डीएम कुमार प्रशांत का कहना है कि लेखपालों की हड़ताल प्रदेश संगठन के आह्वान पर चल रही है. राजस्व परिषद द्वारा इनकी हड़ताल को अवैध घोषित कर एस्मा लागू कर दिया गया है. पांचों तहसीलों के लेखपाल संघ के पदाधिकारियों को भी तत्काल सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है. बाकी लेखपाल, जितने दिन तक हड़ताल पर रहेंगे तनख्वाह काटने की कार्रवाई की गई है. साथ ही उनको सर्विस ब्रेक का भी नोटिस दे दिया गया है.

इसे भी पढ़ें- एस्मा की कार्रवाई के बाद भी लेखपाल नहीं कर रहे धरना समाप्त

बाराबंकी में जोर पकड़ रहा लेखपालों का आंदोलन
बाराबंकी जिले के गन्ना संस्थान में पिछले एक हफ्ते से आठ सूत्रीय मांगों को लेकर लेखपाल प्रदर्शन कर रहे हैं. प्रशासन की सख्ती के बाद लेखपालों का प्रदर्शन और जोर पकड़ता जा रहा है. लेखपालों के काम पर नहीं लौटने के चलते जिला प्रशासन ने 32 लेखपालों को निलंबित कर दिया. निलंबन की इस कार्रवाई के बाद लेखपालों में आक्रोश है.

लेखपालों ने कहा कि यह इतिहास की पहली घटना होगी कि बिना उनकी बातें सुने उन पर कार्रवाइयां की जा रही हैं. लेखपालों ने धमकी दी कि सरकार को इसका खामियाजा आने वाले चुनाव में भुगतना पड़ेगा.

एस्मा लागू के बाद भी चंदौली में लेखपालों का प्रदर्शन जारी
यूपी लेखपाल संघ अपनी आठ सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर है. लेखपाल संघ 6 महीने तक कार्य बहिष्कार कर धरना न दे सके, इसके लिए सरकार ने एस्मा लागू कर दिया. बावजूद इसके लेखपाल अनवरत धरने पर हैं. लेखपालों के खिलाफ सख्ती दिखाते हुए चंदौली जिला प्रशासन ने 2 लेखपाल संदीप सिंह और सुजीत को निलंबित कर दिया.

जालौन में लेखपालों की हड़ताल से राजस्व को काफी नुकसान
पिछले कई दिनों से लेखपाल अपनी 8 सूत्रीय मांगों को लेकर जालौन जिले के कलेक्ट्रेट परिसर में धरने पर बैठे हुए थे, जिससे कामकाज ठप हो गया था. लेखपालों की हड़ताल की वजह से राजस्व को लगातार काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा था.

शासन द्वारा निर्देश आने के बाद लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी गई. डीएम ने 13 लेखपालों को निलंबित भी कर दिया. डीएम डॉ. मन्नान अख्तर ने बताया कि 50 से ऊपर की उम्र के लेखपालों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी. इसके अलावा जो लेखपाल लगातार शिथिलता बरत रहे हैं, उनको नौकरी से बर्खास्त भी किया जाएगा.

Intro:एंकर-ललितपुर जिला मुख्यालय पर स्थित तहसील परिसर में लेखपालों द्वारा कार्यवाहिस्कार कर किये जा रहे धरना प्रदर्शन से आम जनता को हो रही परेशानी को देखते हुए जिला प्रशासन ने प्रदर्शन कर रहे लेखपालों के खिलाफ कड़ा रुख अख्तियार कर लिया है.बता दे कि धरना प्रदर्शन के लिए लेखपालों को प्रेरित करने के चलते जिला प्रशासन ने लेखपाल संघ जिलाध्यक्ष,जिलामंत्री,ब्लॉक अध्यक्ष व ब्लाक मंत्रियों समेत 12 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है,साथ ही चेतावनी दी है कि यदि हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो एस्मा के तहत गिरफ्तारी और एफआईआर दर्ज कराई जाएगी.




Body:वीओ-बताते चले कि उत्तर प्रदेशीय लेखपाल संघ के प्रांतीय आवाहन पर 8 सूत्री मांगों को लेकर लेखपालों द्वारा जिला स्तर पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा है.जिले में धारा 144 लागू होने के बाद भी लेखपाल संघ द्वारा धरना प्रदर्शन किया जा रहा है,लेखपालों के धरना-प्रदर्शन से तहसीलों में राजस्व संबंधी सारे कामकाज ठप्प पड़ गए हैं.वहीं आम जनता आय-जाति-निवास प्रमाण पत्र बनवाने भटक रही है.जनता को हो रही परेशानी के चलते कार्यवाहिस्कार कर हड़ताल कर रहे लेखपालों के खिलाफ कड़ा रुख करते हुए जिला प्रशासन ने कार्रवाई के लिए आदेश पत्र जारी किया हैं.वही धरना प्रदर्शन को उकसाने वाले लेखपाल संघ के पदाधिकारियों समेत 12 लेखपालों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करके जिला प्रशासन द्वारा नो वर्क नो पे के आधार पर हड़ताल में शामिल 16 लेखपालों के खिलाफ ब्रेक इन सर्विस की संस्तुति शासन को भेजी गई है.



Conclusion:नोट-इस खबर से संबंधित जिला प्रशासन द्वारा जारी किया गया पत्र wrap से up_lal_03_suspended_accountant_image_7203547 स्लग के साथ भेज दिया गया है कृपया संज्ञान लें।
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