लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ मैनेजमेंट लखनऊ में आयोजित मंथन का अमृत हासिल कर लिया है. अनुशासन, टीम मैनेजमेंट और सामूहिक प्रयास का लक्ष्य लेकर आई आई एम गई के लिए योगी सरकार ने विकास के लिए 5 प्राथमिक सेक्टर का चयन किया है. सेक्टर के लिए सरकार कार्य योजना तैयार करेगी और इसमें आईआईएम लखनऊ भी उसकी मदद करेगा.
आई आई एम के मुख्य सबक
- अपनी प्राथमिकताओं का करे निर्धारण.
- आवश्यक और अनिवार्य वस्तुओं, तथ्यों की करें पहचान.
- सफलता के लिए कार्य में अनुशासन जरूरी.
- सरकार का लक्ष्य हासिल करने के लिए टीमवर्क जरूरी.
- समूह के विकास की करें प्लानिंग.
- सफलता के लिए प्राथमिकता का दीर्घकालीन मध्य और अल्पकालीन प्लान जरूरी.
- जोखिम प्रबंधन की समय से पहचान जरूरी.
आईआईएम के प्रोग्राम से योगी की टीम का बढ़ा आत्मविश्वास
आईआईएम में लगातार तीन रविवार से योगी सरकार सुशासन का पाठ सीख रही थी. रविवार की शाम जब 3 सत्र का मंथन कार्यक्रम संपन्न हुआ, तो सीएम योगी ने कहा कि इस मंथन प्रोग्राम से उनकी टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है. दृष्टिकोण में बदलाव आया है और सरकार ने उत्तर प्रदेश में विकास के 5 प्राथमिक सेक्टर का चयन किया है. इसके लिए जल्द ही कार्य योजना भी तैयार की जाएग. उन्होंने अपने सरकार के मंत्रियों को बताया इस कार्य योजना में आई आई एम लखनऊ भी उन्हें मदद करने के लिए तैयार है.
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उत्तर प्रदेश की 1 ट्रिलियन डॉलर बनेंगी इकोनामी
सीएम ने यह भी कहा कि 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनामी उत्तर प्रदेश की बनाना उनका सबसे बड़ा लक्ष्य है. इसके लिए ही कार्य योजना तैयार की जानी है. औद्योगिक विकास ,प्रदेश में निवेश की संभावनाओं को बढ़ाना, पर्यटन क्षेत्र का विकास, प्रदेश में ढांचागत सुविधाओं का विकास, बिजली, कृषि मत्स्य और खाद्य प्रसंस्करण ऐसे सेक्टर हैं. जिनमें व्यापक कार्य योजना से प्रदेश के चतुर्दिक विकास का लक्ष्य पूरा होगा.
नौकरशाही और सरकार को टीम वर्क की तरह करना होगा काम
सरकार के जिन मंत्रियों ने मंथन कार्यक्रम में हिस्सा लिया उन्होंने भी स्वीकार किया कि आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसरों के संपर्क में आने से उनका विजन स्पष्ट हुआ है. मंत्री के तौर पर उन्हें अपने कार्य को लेकर स्पष्टता हुई है. उन्हें पता है कि वह समस्याओं के समाधान के लिए नीति बनाने और व्यवस्था प्रबंधन के लिए जिम्मेदार हैं. उन्हें इस काम में नौकरशाही से मदद लेनी है और जब तक टीम वर्क की तरह इस काम को पूरा नहीं किया जाएगा. सरकार को अपना लक्ष्य हासिल करना संभव नहीं होगा.