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ऐसे करें आम की बागवानी, कीटाणुओं और मौसम के कुप्रभाव से बचाएं

मौसम के बदलते मिजाज और मौसमी कीटाणुओं से आम की बागवानी करने वालों को काफी सतर्क रहना चाहिए.आम के पेड़ों में जैसे ही बौर आने लगते हैं.मादा हाइपर कीटाणु बड़ी संख्या में इन बौरों और फूलों पर अंडे देने लगती हैं.ऐसे में सही समय पर और सही मात्रा में रसायन का छिड़काव कर आम की बौरों को बचाया जा सकता है.

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Published : Mar 4, 2022, 8:17 PM IST

लखनऊ: मौसम में फेरबदल और अनिश्चितता आए दिन किसानों को चिंता में डालें रखतीं है.पिछले कुछ वर्षों में लखनऊ समेत पूरे राज्य के मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में आम की बागवानी करने वाले किसानों को खास तौर पर सतर्क रहना चाहिए. इन दिनों आम के पेड़ों में बौर आने शुरू हो गए हैं.वहीं दूसरी तरफ इन दिनों आम के बौर में कई तरह के कीटणु, के अलावा फुदका, प्ररोह पिटिका, आम की चीटीं, आम कलिका माइट जैसी बीमारियां भी देखने को मिलतीं हैं.आम की किसानी करने वाले किसानों को इसका खास ध्यान रखना चाहिए जिससे आने वाले दिनों में अच्छी फसल का उत्पादन कर सके.


यह भी पढ़ें: एमएलसी चुनाव 2022 के लिए 15 मार्च से शुरू होगा नामांकन


किसान ऐसे रहें सचेत
आम की बागवानी करने वाले किसानों को आम के बौर आने के साथ ही काफी सचेत रहने की जरूरत है. क्योंकि इन दिनों आम के बागानों में हाइपर कीटणु बहुत अधिक देखने को मिलती हैं. मादा कीट इन्हीं बौर वाली शाखाओं और फूलों पर बड़ी संख्या में अंडे देती हैं.किसानों को इस बारे में काफी सतर्क रहना चाहिए. इनसे बचने के लिए किसानों को सही समय पर रसायन का छिड़काव करना चाहिए ताकि आम के बौर को बचाया जा सके. वहीं दूसरी तरफ इन दिनों मौसम में भी अचानक परिवर्तन देखने को मिल रहा है.ऐसे में अनुकुलता के आधार पर रसायनों का प्रयोग किया जाना चाहिए.


छिड़काव के लिए कैसे करें सही रसायन का चयन
कृषि विशेषज्ञ सत्येंद्र सिंह बताया कि लौंम्डा साईहेलोथिन की 5% ईसी को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.यदि हाइपर कीट की स्थिति देखने को मिले तो उसको नियंत्रित करने के लिए ऑक्सीडिमेटॉन-मिथाइल की 25 % ईसी को 1 लीटर पानी में मलाकर छिड़काव करें. यह घोल आम के बौर को बचाने में काफी मददगार साबित होगा.

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लखनऊ: मौसम में फेरबदल और अनिश्चितता आए दिन किसानों को चिंता में डालें रखतीं है.पिछले कुछ वर्षों में लखनऊ समेत पूरे राज्य के मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. ऐसे में आम की बागवानी करने वाले किसानों को खास तौर पर सतर्क रहना चाहिए. इन दिनों आम के पेड़ों में बौर आने शुरू हो गए हैं.वहीं दूसरी तरफ इन दिनों आम के बौर में कई तरह के कीटणु, के अलावा फुदका, प्ररोह पिटिका, आम की चीटीं, आम कलिका माइट जैसी बीमारियां भी देखने को मिलतीं हैं.आम की किसानी करने वाले किसानों को इसका खास ध्यान रखना चाहिए जिससे आने वाले दिनों में अच्छी फसल का उत्पादन कर सके.


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किसान ऐसे रहें सचेत
आम की बागवानी करने वाले किसानों को आम के बौर आने के साथ ही काफी सचेत रहने की जरूरत है. क्योंकि इन दिनों आम के बागानों में हाइपर कीटणु बहुत अधिक देखने को मिलती हैं. मादा कीट इन्हीं बौर वाली शाखाओं और फूलों पर बड़ी संख्या में अंडे देती हैं.किसानों को इस बारे में काफी सतर्क रहना चाहिए. इनसे बचने के लिए किसानों को सही समय पर रसायन का छिड़काव करना चाहिए ताकि आम के बौर को बचाया जा सके. वहीं दूसरी तरफ इन दिनों मौसम में भी अचानक परिवर्तन देखने को मिल रहा है.ऐसे में अनुकुलता के आधार पर रसायनों का प्रयोग किया जाना चाहिए.


छिड़काव के लिए कैसे करें सही रसायन का चयन
कृषि विशेषज्ञ सत्येंद्र सिंह बताया कि लौंम्डा साईहेलोथिन की 5% ईसी को एक लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करना चाहिए.यदि हाइपर कीट की स्थिति देखने को मिले तो उसको नियंत्रित करने के लिए ऑक्सीडिमेटॉन-मिथाइल की 25 % ईसी को 1 लीटर पानी में मलाकर छिड़काव करें. यह घोल आम के बौर को बचाने में काफी मददगार साबित होगा.

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