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भाजपा सांसद संघमित्रा के पति होने का दावा करने वाले व्यक्ति ने लगाया उत्पीड़न का आरोप

भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या और उनके पिता कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या पर एक व्यक्ति ने उत्पीड़न कराने का आरोप लगाया है. इसको लेकर व्यक्ति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की है. जिसके बाद कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार के अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

हाईकोर्ट
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Published : Dec 24, 2021, 12:52 PM IST

लखनऊ: भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के पति होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल करते हुए उन पर और उनके पिता कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या पर पुलिस से उत्पीड़न कराने का आरोप लगाया है. याचिका पर न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने दीपक कुमार स्वर्णकार उर्फ दीपक केएस की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि 2019 के लोक सभा चुनावों के पूर्व ही उसने और भाजपा सांसद ने बौद्ध प्रथा से विवाह कर लिया था, हालांकि दोनों के बीच शादी का खुलासा चुनाव के बाद करने की सहमति बनी थी. आरोप है कि चुनाव के बाद जब उसने अपने को पति के रूप में सामाजिक मान्यता की बात कही तो भाजपा सांसद का बर्ताव बदल गया.

यह भी पढ़ें- यूपी में लगा नाइट कर्फ्यू, रात 11 से सुबह 5 बजे तक रहेगी पाबंदी, शनिवार रात से होगा लागू


याची का कहना है कि अब वह इंदिरा नगर में अलग रहता है, लेकिन उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं. मांग की गई है कि गाजीपुर थाने की पुलिस को याची का उत्पीड़न करने से रोका जाए.

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लखनऊ: भाजपा सांसद संघमित्रा मौर्या के पति होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल करते हुए उन पर और उनके पिता कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या पर पुलिस से उत्पीड़न कराने का आरोप लगाया है. याचिका पर न्यायालय ने राज्य सरकार के अधिवक्ता को जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके उपाध्याय और न्यायमूर्ति सरोज यादव की खंडपीठ ने दीपक कुमार स्वर्णकार उर्फ दीपक केएस की याचिका पर पारित किया है. याची का कहना है कि 2019 के लोक सभा चुनावों के पूर्व ही उसने और भाजपा सांसद ने बौद्ध प्रथा से विवाह कर लिया था, हालांकि दोनों के बीच शादी का खुलासा चुनाव के बाद करने की सहमति बनी थी. आरोप है कि चुनाव के बाद जब उसने अपने को पति के रूप में सामाजिक मान्यता की बात कही तो भाजपा सांसद का बर्ताव बदल गया.

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याची का कहना है कि अब वह इंदिरा नगर में अलग रहता है, लेकिन उसे फर्जी मुकदमे में फंसाने की धमकियां मिल रही हैं. मांग की गई है कि गाजीपुर थाने की पुलिस को याची का उत्पीड़न करने से रोका जाए.

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