लखनऊ: 302 किमी लंबे एक्सप्रेस-वे पर गाड़ियों की रफ्तार बढ़ तो रही है, लेकिन यह रफ्तार लगातार लोगों को हादसे का शिकार भी बना रही है. एक्सप्रेसवेज इंडस्ट्रियल डेवलपर एथॉरिटी (यूपीडा) के आंकड़ों के मुताबिक लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे पर हर दिन औसतन पांच हादसे हो रहे हैं. इन हादसों में हर रोज लगभग दो लोगों की मौत भी हो रही है. इसके बावजूद जानलेवा रफ्तार का खेल बदस्तूर जारी है.
9 अगस्त 2012 को यमुना एक्सप्रेस-वे पर यातायात की शुरुआत की गई थी. तब से लेकर 31 जनवरी 2018 तक 4,880 सड़क हादसे हो चुके हैं. इन सड़क हादसों में 703 लोगों की मौत हो गई, जबकि 7,488 लोग घायल हुए हैं. वहीं लखनऊ से आगरा को जोड़ने वाले लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 23 दिसंबर 2016 से यातायात शुरू किया गया. लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर हुए हादसों के आंकड़े चौकाने वाले हैं. इन आकड़ों के मुताबिक अगस्त 2017 से मार्च 2018 तक लखनऊ एक्सप्रेस-वे पर 873 सड़क हादसे हुए हैं, जिसमें 91 लोगों की मौत हो गई. एक्सप्रेस-वे के दोनों तरफ फेंसिंग लगी होने के बाद भी हाईवे पर आवारा पशुओं का आना लगा रहता है. साल 2018 में आवारा पशुओं की वजह से 145 हादसे हुए हैं.
ओवर स्पीड बनती रही मौत का कारण
आए दिन गाड़ियों की ओवर स्पीड हादसों का कारण बनती जा रही है. हादसों से बचने के लिए वाहनों की गति सीमा भी निर्धारित की गई है, जिसके तहत हल्के वाहनों के लिए 100 किमी/घंटा और भारी वाहनों को 80 किमी/घंटा की स्पीड तय की गई है. इसके बावजूद एक्सप्रेस-वे पर लोग इन मानको को अनदेखा कर देते हैं, जिससे उन्हें अपनी जान गवानी पड़ती है.
यमुना एक्सप्रेस-वे पर हुए 2019 के बड़े हादसे
- तीन मार्च को यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक तेज रफ्तार बस ट्रक में जा घुसी थी. इस हादसे में आठ लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 लोग घायल हो गए थे.
- तीन जून नोएडा से भिण्ड जा रही डबल डेकर बस यमुना एक्सप्रेस-वे पर पलट गई थी. इस हादसे में चार लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि बीस से ज्यादा लोग घायल हो गए थे.
- 16 जून को यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक भीषण हादसा हुआ. इस हादसे में एक ही परिवार के छह लोगों की मौके पर ही मौत हो गई थी.
- आठ जुलाई लखनऊ से दिल्ली जा रही बस अनियंत्रित होकर नाले में पलट गई. इस हादसे में 29 लोगों की मौत हो गई, जबकि बीस से ज्यादा लोग घायल हो हुए.
आगरा में हुए सड़क हादसे में 29 लोगों की मौत के बाद प्रशासन हरकत में आया है. सीएम की ओर से जांच कमेटी गठित की गई और मृतकों के परिजनों को सहायता राशि दी गई. देखने वाली बात यह है कि एक्सप्रेस-वे पर होने वाले इन हादसों के बाद भी लोग हादसों के प्रति जागरूक होते हैं कि नहीं.