लखनऊ : जय भोले का उद्घोष करते हुए भगवान शिव के भक्त राजधानी के विभिन्न मार्गों पर दिखाई पड़ने लगे हैं. न भूख-प्यास की चिंता और न ही थकान की परवाह, बस महादेवा के दर्शन के लिए चले जा रहे हैं. कांवड़ियों की सेवा के लिए भक्तों ने जल-पान और उनके विश्राम के लिए शिविर लगा रखे हैं. महाशिवरात्रि 11 मार्च को है.
कांधे पर रंगीन कागजों और गोटे से सजी कांवर लिए झुंड में जाते हुए कांवड़िया राजधानीवासियों के आकर्षक का केंद्र बने हुए हैं. एक कांवड़िया सुरेश ने बताया कि वे लोग कानपुर, उन्नाव और बिठूर से कांवड़ में गंगा जल भरकर बाराबंकी स्थित महादेवा मंदिर जा रहे हैं. लगभग रात-दिन चल कर दो दिनों में महादेवा पहुंचते हैं.
जय भोले हैं उनकी ताकत का सहारा
कांवड़िया जगत ने बताया कि अपनी सामर्थ्य के अनुसार, बहुत से कांवड़िया साइकिल और ट्रैक्टर से भी दर्शन के लिए जाते हैं. बहुत से मनौती मानकर तो बहुत से बिना मनौती के भी जाते हैं. कांवड़िया बताते हैं कि जय भोले कहने से ही उन्हें पैदल चलने की ताकत मिलती है.
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कांवड़ियों की सेवा में लगाया सेवा शिविर
कांवड़ियों की सेवा में लगाए गए श्री गौरी शंकर सेवा शिविर के प्रबंधक सेना से सेवानिवृत्त हुए वीबी सिंह ने बताया कि कांवड़ियों की सेवा के लिए यहां पिछले 24 सालों से सेवा शिविर लगाया जा रहा है. यहां कांवड़ियों की सेवा के लिए मुफ्त जल-पान और उनके विश्राम की व्यवस्था की गई है. चिकित्सीय सुविधा भी उपलब्ध है. यह महाशिवरात्रि तक रात-दिन जारी रहेगी.