लखनऊ: अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय का मनकामेश्वर मंदिर की महंत देव्या गिरी ने स्वागत किया है. ईटीवी भारत से बात करते हुए महंत देव्या गिरी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का निर्णय स्वागत योग्य है. सर्वोच्च न्यायालय का फैसला सत्य ही तो है. जिन तथ्यों और साक्ष्यों को सुप्रीम कोर्ट ने लिया है इस पर कोई संदेह की बात होनी ही नहीं चाहिए थी. उन्होंने कहा कि फैसला अच्छा है और सभी के स्वागत योग्य है. सभी लोग मिल-जुल कर मंदिर निर्माण में सहयोग दें.
मुस्लिम पक्ष को पांच एकड़ जमीन दिए जाने पर महंत देव्या गिरी ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय इस तरह की कोई बात कर रहा है तो आप सोचिए कि कहीं न कहीं वह भारत में सामाजिक सौहार्द बनाने की भावना को ध्यान में रखते हुए किया है. यह सच है जो विवादित भूमि थी वह रामलला की है, जो कि उन्होंने राम जन्मभूमि न्यास को दे दी है. साथ ही अयोध्या में 5 एकड़ जमीन उन्हें दी जाएगी तो यह बेहतरीन बात है. हम दूसरे पक्ष की भावनाओं को ध्यान में रख रहे हैं. अगर नहीं रख रहे होते तो न्यायालय ऐसा फैसला नहीं देता. यानी फैसला सर्वमान्य है, स्वागत योग्य है.
इसे भी पढ़ें- Exclusive : इकबाल अंसारी बोले, बहुत लड़ाई लड़ ली अब जो फैसला आया वह मंजूर
वहीं जफरयाब जिलानी के असंतुष्ट होने और रिव्यू पिटीशन की बात कहे जाने पर महंत देव्या गिरी ने कहा कि उन्हें अब ऐसी कोई बात करनी ही नहीं चाहिए थी. अब कुछ भी संदेहास्पद है ही नहीं, जिस पर हम बात कर सकें. अगर ऐसा कहा जा रहा है तो हम अदालत के निर्णय को कहीं न कहीं चैलेंज कर रहे हैं. साक्ष्यों के आधार पर, तथ्यों के आधार पर सब कुछ ध्यान में रखते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने निर्णय लिया है. मुझे लगता है उन्हें भी मानना चाहिए था.