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बुद्ध पूर्णिमा आज, शाम 6 बजे मां गोमती की होगी महाआरती

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Published : May 26, 2021, 12:48 PM IST

वैशाख शुक्ल पूर्णिमा को भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था. इस कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. राजधानी लखनऊ में इस अवसर पर शाम 6 बजे आदि गंगा मां गोमती की महाआरती का आयोजन किया जाएगा. इसे ऑनलाइन भी देखा जा सकता है.

maha aarti of maa gomti in lucknow
मां गोमती की महाआरती.

लखनऊ: आज यानि 26 मई को वैशाख शुक्ल पूर्णिमा है. आज के ही दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, जिस कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. सनातन महासभा की ओर से बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शाम 6 बजे जानकीपुरम कार्यालय पर 85 वीं आदि गंगा मां गोमती महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

सनातन महासभा के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण ने बताया कि आरती के साथ ही बुद्ध जयंती मनाई जाएगी. आरती का कार्यक्रम ऑनलाइन होगा. श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से भी डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर घाट पर मां गोमती की आरती की जाएगी.

पूर्णिमा की अवधि
स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य एस.एस. नागपाल ने बताया कि पूर्णिमा तिथि कल यानि 25 मई से रात्रि 8:29 से प्रारम्भ होकर 26 मई यानि आज सायंकाल 4:43 मिनट तक रहेगी.

इस साल भगवान बुद्ध की 2583 वीं जयंती
गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व हुआ था. इस साल भगवान बुद्ध की 2583 वीं जयंती है. गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था. वह 29 वर्ष की आयु में विवाहोपरांत नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जन्म, मरण, दु:खों से मुक्ति दिलाने और सत्य, ज्ञान की खोज में घर को छोड़कर वन की ओर चले गए.

इसे भी पढे़ं: बुद्ध पूर्णिमा विशेष: जानिए...क्या है शिव के काशी में भगवान बुद्ध का कनेक्शन

बोधि वृक्ष के नीचे मिला ज्ञान
वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए. बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी और सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं.

लखनऊ: आज यानि 26 मई को वैशाख शुक्ल पूर्णिमा है. आज के ही दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था, जिस कारण इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है. सनातन महासभा की ओर से बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर शाम 6 बजे जानकीपुरम कार्यालय पर 85 वीं आदि गंगा मां गोमती महाआरती का आयोजन किया जाएगा.

सनातन महासभा के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण ने बताया कि आरती के साथ ही बुद्ध जयंती मनाई जाएगी. आरती का कार्यक्रम ऑनलाइन होगा. श्रीमनकामेश्वर मठ-मंदिर की ओर से भी डालीगंज स्थित मनकामेश्वर मंदिर घाट पर मां गोमती की आरती की जाएगी.

पूर्णिमा की अवधि
स्वास्तिक ज्योतिष केन्द्र के ज्योतिषाचार्य एस.एस. नागपाल ने बताया कि पूर्णिमा तिथि कल यानि 25 मई से रात्रि 8:29 से प्रारम्भ होकर 26 मई यानि आज सायंकाल 4:43 मिनट तक रहेगी.

इस साल भगवान बुद्ध की 2583 वीं जयंती
गौतम बुद्ध का जन्म नेपाल के लुंबिनी में 563 ईसा पूर्व हुआ था. इस साल भगवान बुद्ध की 2583 वीं जयंती है. गौतम बुद्ध के बचपन का नाम सिद्धार्थ था. वह 29 वर्ष की आयु में विवाहोपरांत नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जन्म, मरण, दु:खों से मुक्ति दिलाने और सत्य, ज्ञान की खोज में घर को छोड़कर वन की ओर चले गए.

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बोधि वृक्ष के नीचे मिला ज्ञान
वर्षों की कठोर साधना के पश्चात बोध गया (बिहार) में बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए. बोधगया के अतिरिक्त, कुशीनगर, लुम्बिनी और सारनाथ भी अन्य तीन महत्वपूर्ण तीर्थस्थल हैं.

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