लखनऊ: सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए राजधानी लखनऊ में नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. कहीं लोग एनआरसी का विरोध दर्ज कराते हुए पतंग उड़ा रहे हैं तो कहीं बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारी प्रतीक चिन्हों का सहारा ले रहे हैं. इसी बीच राजधानी लखनऊ में महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता संदीप पांडे विरोध दर्ज कराने पहुंचे. संदीप पांडे ने चरखा चलाकर विरोध दर्ज कराया और प्रदर्शन को पूरी तरह से शांतिमय करार दिया.
मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी. इसी बीच घंटाघर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध दर्ज करा रही हैं. महिलाओं के साथ ही मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे भी मंगलवार को घंटाघर पहुंचे. यहां संदीप पांडे ने चरखा चलाकर सीएए और एनआरसी का विरोध जताया.
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संदीप पांडे ने कहा कि वह चरखा चलाकर यह संदेश देना चाह रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है. पूरे देश में प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरह से किया जा रहा है. हिंसा फैलाने वाले लोग विरोध जताने नहीं, बल्कि विरोध को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरी तरह से शांति के साथ किया जा रहा है.
प्रदर्शनकारी विरोध दर्ज कराने के लिए गांधी अंबेडकर का रास्ता अपना रहे हैं. आप देख सकते हैं कि प्रदर्शन करने वालों के हाथों में गांधी, नेहरू और अम्बेडकर जैसे महापुरुषों की है. देश को आजाद कराने में इन महापुरुषों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जिनसे प्रेरणा लेकर अब संविधान के विरुद्ध बनाए गए सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है.