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मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता संदीप पांडे ने चरखा चलाकर किया CAA व NRC का विरोध

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Published : Jan 22, 2020, 2:19 AM IST

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है. इसी बीच मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता संदीप पांडे ने भी सीएए और एनआरसी का विरोध किया. संदीप पांडे ने चरखा चलाकर सीएए का विरोध जताया.

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संदीप पांडे

लखनऊ: सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए राजधानी लखनऊ में नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. कहीं लोग एनआरसी का विरोध दर्ज कराते हुए पतंग उड़ा रहे हैं तो कहीं बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारी प्रतीक चिन्हों का सहारा ले रहे हैं. इसी बीच राजधानी लखनऊ में महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता संदीप पांडे विरोध दर्ज कराने पहुंचे. संदीप पांडे ने चरखा चलाकर विरोध दर्ज कराया और प्रदर्शन को पूरी तरह से शांतिमय करार दिया.

संदीप पांडे ने जताया एनआरसी और सीएए का विरोध.

मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी. इसी बीच घंटाघर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध दर्ज करा रही हैं. महिलाओं के साथ ही मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे भी मंगलवार को घंटाघर पहुंचे. यहां संदीप पांडे ने चरखा चलाकर सीएए और एनआरसी का विरोध जताया.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: विपक्षियों पर अमित शाह का जोरदार हमला, कहा- जितना चाहें करें विरोध, वापस नहीं होगा CAA


संदीप पांडे ने कहा कि वह चरखा चलाकर यह संदेश देना चाह रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है. पूरे देश में प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरह से किया जा रहा है. हिंसा फैलाने वाले लोग विरोध जताने नहीं, बल्कि विरोध को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरी तरह से शांति के साथ किया जा रहा है.

प्रदर्शनकारी विरोध दर्ज कराने के लिए गांधी अंबेडकर का रास्ता अपना रहे हैं. आप देख सकते हैं कि प्रदर्शन करने वालों के हाथों में गांधी, नेहरू और अम्बेडकर जैसे महापुरुषों की है. देश को आजाद कराने में इन महापुरुषों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जिनसे प्रेरणा लेकर अब संविधान के विरुद्ध बनाए गए सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है.

लखनऊ: सीएए और एनआरसी के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए राजधानी लखनऊ में नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं. कहीं लोग एनआरसी का विरोध दर्ज कराते हुए पतंग उड़ा रहे हैं तो कहीं बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारी प्रतीक चिन्हों का सहारा ले रहे हैं. इसी बीच राजधानी लखनऊ में महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता संदीप पांडे विरोध दर्ज कराने पहुंचे. संदीप पांडे ने चरखा चलाकर विरोध दर्ज कराया और प्रदर्शन को पूरी तरह से शांतिमय करार दिया.

संदीप पांडे ने जताया एनआरसी और सीएए का विरोध.

मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रैली का आयोजन किया. उन्होंने कहा कि सरकार नागरिकता संशोधन कानून को वापस नहीं लेगी. इसी बीच घंटाघर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से महिलाएं नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध दर्ज करा रही हैं. महिलाओं के साथ ही मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे भी मंगलवार को घंटाघर पहुंचे. यहां संदीप पांडे ने चरखा चलाकर सीएए और एनआरसी का विरोध जताया.

इसे भी पढ़ें- लखनऊ: विपक्षियों पर अमित शाह का जोरदार हमला, कहा- जितना चाहें करें विरोध, वापस नहीं होगा CAA


संदीप पांडे ने कहा कि वह चरखा चलाकर यह संदेश देना चाह रहे हैं कि नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी का विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा है. पूरे देश में प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरह से किया जा रहा है. हिंसा फैलाने वाले लोग विरोध जताने नहीं, बल्कि विरोध को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आंदोलन पूरी तरह से शांति के साथ किया जा रहा है.

प्रदर्शनकारी विरोध दर्ज कराने के लिए गांधी अंबेडकर का रास्ता अपना रहे हैं. आप देख सकते हैं कि प्रदर्शन करने वालों के हाथों में गांधी, नेहरू और अम्बेडकर जैसे महापुरुषों की है. देश को आजाद कराने में इन महापुरुषों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की, जिनसे प्रेरणा लेकर अब संविधान के विरुद्ध बनाए गए सीएए और एनआरसी का विरोध किया जा रहा है.

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लखनऊ। नागरिकता संशोधन एक्ट 2019(सीएए) व नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजन(एनआरसी) के खिलाफ विरोध दर्ज कराने के लिए राजधानी लखनऊ में नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। जहां एक और राजधानी लखनऊ के घंटाघर क्षेत्र पर पिछले कई दिनों से महिलाएं लगातार प्रदर्शन कर रही हैं तो वहीं दूसरी ओर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए लोग नए नए तरीके अपना रहे हैं। कहीं राजधानी लखनऊ में लोग एनआरसी का विरोध दर्ज कराते हुए पतंग उड़ा रहे हैं तो दूसरी ओर बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारी प्रतीक चिन्हों का सहारा ले रहे हैं। इसी बीच राजधानी लखनऊ में महिलाओं द्वारा किए जा रहे प्रदर्शन में मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे विरोध दर्ज कराने घंटा घर पहुंचे जहां पर संदीप पांडे ने चरखा चलाकर विरोध दर्ज कराया और प्रदर्शन को पूरी तरह से शांति में करार दिया।




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मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राजधानी लखनऊ में नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 के सपोर्ट में रैली का आयोजन किया और हुंकार भरते हुए ऐलान किया कि सरकार नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 को वापस नहीं लेगी। इसी बीच तो राजधानी लखनऊ के घंटाघर क्षेत्र में पिछले कई दिनों से महिलाएं नागरिकता संशोधन एक्ट व एनआरसी का विरोध दर्ज करा रही हैं। महिलाओं के सहयोग में मैग्सेसे अवार्ड विजेता संदीप पांडे भी मंगलवार को घंटाघर पहुंचे और यहां पर संदीप पांडे ने चरखा चलाकर विरोध जताया। ईटीवी से बातचीत में संदीप पांडे ने कहा कि वह चरखा चलाकर यह संदेश देना चाह रहे हैं कि नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 व एनआरसी का विरोध पूरी तरह से शांतिपूर्ण तरीके से जताया जा रहा है। पूरे देश में प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरह से किया जा रहा है। हिंसा फैलाने वाले लोग विरोध जताने नहीं बल्कि विरोध को बदनाम करने का प्रयास कर रहे हैं।




ईटीवी से बातचीत में मैगसेसे अवॉर्ड विनर संदीप पांडे ने कहा कि आंदोलन पूरी तरह से शांति के साथ किया जा रहा है। प्रदर्शनकारी विरोध दर्ज कराने के लिए गांधी अंबेडकर का रास्ता अपना रहे हैं। आप देख सकते हैं की प्रदर्शन करने वालों के हाथों में गांधी, नेहरू, अंबेडकर जैसे महापुरुषों की तस्वीर देखी जा सकती है। देश को आजाद कराने में इन महापुरुषों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जिनसे प्रेरणा लेकर अब संविधान के विरुद्ध बनाए गए नागरिकता संशोधन एक्ट 2019 व एनआरसी का विरोध किया जा रहा है।


Conclusion:(संवाददाता प्रशांत मिश्रा 90 2639 25 26)

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