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राजधानी में 4 बच्चों की मौत पर मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश - लखनऊ की न्यूज़

लखनऊ में लावारिस मिलने वाले बच्चों की इलाज के दौरान हुई मौत को डीएम अभिषेक प्रकाश ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं.

राजधानी में 4 बच्चों की मौत पर मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
राजधानी में 4 बच्चों की मौत पर मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश
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Published : Feb 24, 2021, 10:58 PM IST

लखनऊः शहर में लावारिस मिलने वाले बच्चों की इलाज के दौरान हुई मौत को डीएम ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं. जांच के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम डॉक्टर शुभी सिंह को नामित किया है.

ये है मामला

आपको बता दें कि प्रयाग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह में 3 महीने के शिशु पूजा को 28 अक्टूबर 2019, परी तृतीय आयु दो महीने को 26 नवंबर 2019, लवकुश आयु 3 महीने 12 फरवरी 2021 और शिशु गोकरन आयु 5 मार्च 16 फरवरी 2019 को मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए लाया गया था. जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने इन सभी बच्चों को मृत घोषित कर दिया था. इन बच्चों की मौत की वजह जानने के लिए जिला अधिकारी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं.

कोर्ट पहुंचकर दर्ज करा सकते हैं बयान

नामित की गयी जांच अधिकारी ने बताया कि ये सभी बच्चे प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह के शेल्टर होम में पल रहे थे. जहां बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर इनको इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अगर कोई लिखित या मौखिक बयान देना चाहता है तो वो 7दिनों के भीतर न्यायालय कक्ष संख्या 6 में आकर अपने बयान दर्ज करा सकता है.

लखनऊः शहर में लावारिस मिलने वाले बच्चों की इलाज के दौरान हुई मौत को डीएम ने गंभीरता से लिया है. उन्होंने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं. जांच के लिए अपर नगर मजिस्ट्रेट प्रथम डॉक्टर शुभी सिंह को नामित किया है.

ये है मामला

आपको बता दें कि प्रयाग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह में 3 महीने के शिशु पूजा को 28 अक्टूबर 2019, परी तृतीय आयु दो महीने को 26 नवंबर 2019, लवकुश आयु 3 महीने 12 फरवरी 2021 और शिशु गोकरन आयु 5 मार्च 16 फरवरी 2019 को मेडिकल कॉलेज इलाज के लिए लाया गया था. जहां इलाज के दौरान डॉक्टरों ने इन सभी बच्चों को मृत घोषित कर दिया था. इन बच्चों की मौत की वजह जानने के लिए जिला अधिकारी ने मजिस्ट्रेटी जांच के आदेश दिये हैं.

कोर्ट पहुंचकर दर्ज करा सकते हैं बयान

नामित की गयी जांच अधिकारी ने बताया कि ये सभी बच्चे प्राग नारायण रोड स्थित राजकीय बाल गृह के शेल्टर होम में पल रहे थे. जहां बच्चों की तबीयत बिगड़ने पर इनको इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था. जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया था. उन्होंने बताया कि इस संबंध में अगर कोई लिखित या मौखिक बयान देना चाहता है तो वो 7दिनों के भीतर न्यायालय कक्ष संख्या 6 में आकर अपने बयान दर्ज करा सकता है.

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