लखनऊ: कोरोना वायरस के संक्रमण से वन्यजीवों को बचाने के लिए पिछले 3 महीने से लखनऊ चिड़ियाघर को बंद कर दिया गया था. मंगलवार इसे सैलानियों के लिए दोबारा खोला गया. भीषण गर्मी पड़ने की वजह से सैलानियों ने चिड़ियाघर से मुंह फेर लिया. हालांकि संक्रमण से बचने के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने तमाम तरह के इंतजाम किए हैं. लेकिन बावजूद इसके सैलानी अभी ऐसी जगहों पर जाने से कतरा रहे हैं.
तीन महीने बाद खुला चिड़ियाघर
नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान लखनऊ चिड़ियाघर के दरवाजे सैलानियों के लिए 3 महीने बाद अब दोबारा खोल दिए गए हैं, लेकिन मंगलवार दिन भर में सिर्फ 45 सैलानी ही चिड़ियाघर में घूमने पहुंचे.
इस बारे में लखनऊ चिड़ियाघर के निदेशक आरके सिंह का कहना है कि हमने मेन गेट से लेकर बाड़ों तक कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सावधानियां बरती जा रही हैं. साथ ही लोगों से भी खुद का बचाव करने की अपील कर रहे हैं. चिड़ियाघर में 10 वर्ष से कम और 65 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की एंट्री पर बैन है. इसके अलावा तीन पालियों में सैलानियों को दो-दो घंटे के लिए चिड़ियाघर की सैर करने का समय दिया जा रहा है. हमने जगह जगह पर बैनर लगाकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और संक्रमण से बचने के बारे में सावधानियां बरतने के बारे में बताया है.
हजारों की संख्या में आते थे सैलानी
डॉ.सिंह ने बताया कि हर वर्ष गर्मी की छुट्टियों की वजह से मई और जून में हजारों की संख्या में प्रतिदिन सैलानी चिड़ियाघर की सैर करने आते थे. पिछले वर्ष जून में लगभग डेढ़ लाख पर्यटक चिड़ियाघर घूमने आये थे. इस वर्ष कोरोना काल की वजह से 3 महीने तक हमने चिड़ियाघर को बंद रखा था और अब भी लोगों में झिझक है और संक्रमण का डर है. शायद इस वजह से लोग चिड़ियाघर में आने से बच रहे हैं. उन्होंने बताया कि वन्यजीवों में संक्रमण न होने पाए इस वजह से लॉकडाउन के दौरान अपने हमने अपने कीपर्स की संख्या में कमी कर दी थी, जिससे जानवरों में किसी भी तरह का संक्रमण न फैलने पाए.
लॉकडाउन के दौरान जानवरों की अच्छी देखरेख या उनके खान-पान के सवाल पर सिंह ने बताया कि जितने भी जानवर चिड़ियाघर में मौजूद हैं, उन सभी का खाना नियमित रूप से दिया जा रहा था, जिन जानवरों को गोश्त की जरूरत होती थी उन्हें वो मुहैया करवाया जा रहा था. क्योंकि किसी भी तरह से हम जानवरों की देखरेख में कमी नहीं कर सकते हैं.