लखनऊः लखनऊ विश्वविद्यालय ने शुक्रवार को कर्मयोगी योजना में चुने गए, 30 छात्र-छात्राओं को प्रमाण पत्र बांटे. इस योजना का लाभ पाने वाला यह पहला बैच था. कुलपति प्रो.आलोक कुमार राय ने सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया.
विश्वविद्यालय ने छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली कर्मयोगी योजना की शुरुआत की थी. 'सीखने के दौरान आय अर्जन' की पहल के तहत 30 छात्रों को 15,000 रुपये मिले. विश्वविद्यालय की अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो. पूनम टंडन ने योजना का ब्लूप्रिंट तैयार किया था. प्रो टंडन का कहना है कि 'कर्मयोगी योजना' छात्रों को अपने कौशल को विकसित करने और आत्मनिर्भर बनने में मदद करेगी.
प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि छात्रों ने विश्वविद्यालय के मुख्य और नवीन परिसर के भीतर विभागों और कार्यालयों में विभिन्न कार्य किए. सभी कार्य पुस्तकालय, कंप्यूटर, प्रयोगशाला से संबंधित थे. छात्रों ने 50 दिनों की अवधि के दौरान हर रोज दो घंटे काम किया. इससे छात्रों को कार्यस्थल का अनुभव मिला. इस तरह की गतिविधियां विश्वविद्यालय में छात्रों की भागीदारी को सुनिश्चित करती हैं और साथ ही कार्य के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण का निर्माण करती हैं.
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इस अवसर पर मुख्य कुलनुशासक प्रो.राकेश द्विवेदी, कुलसचिव डॉ.विनोद सिंह, परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी और अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रो.विनीता कचर, प्रो.अमृतंशु शुक्ला, प्रो.संगीता साहू, प्रो.राघवेंद्र प्रताप सिंह तथा डा.अलका मिश्र उपस्थित रहे.
नए सत्र से होंगे आवेदन
शैक्षिक सत्र 2022-23 में भी छात्रों को इस योजना का लाभ दिया जाएगा. इसके लिए छात्रों से आवेदन लिए जाएंगे. उनकी क्षमताओं के हिसाब से उन्हें कार्य दिया जाएगा. यह योजना छात्रों को पढ़ाई के साथ ही कार्य सीखने का एक बेहतर अवसर दे रही है.
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