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बिना रिजल्ट के लखनऊ विश्वविद्यालय ने शुरू की काउंसलिंग प्रक्रिया - counseling process started in lucknow university

लखनऊ विश्वविद्यालय की ओर से पीजी कोर्स में दाखिले के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरु हो गई है. खास बात यह है कि अभी तक प्रवेश परीक्षा का रिजल्ट घोषित नहीं किया है. ऐसे में बिना रीजल्ट घोषित हुए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू करने से छात्र काफी परेशान हैं.

लखनऊ विश्वविद्यालय
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Published : Oct 22, 2020, 7:30 AM IST

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी के कोर्सों में प्रवेश लेने के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ कर रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित किए बिना ही अपनी काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. आपको बता दें कि अभ्यर्थियों को अपना रिजल्ट पता नहीं है, लेकिन उन्हें काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पंजीकरण करने, डॉक्यूमेंट अपलोड करने और विकल्प भरने के लिए कहा जा रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब उन्हें अपने रिजल्ट के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर काउंसलिंग में शामिल होने के लिए क्यों कहा जा रहा है.

करीब 4000 सीटों के साथ ही 66 सहयुक्त कॉलेजों में केंद्रीकृत काउंसलिंग के माध्यम से दाखिले किए जाने हैं. 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर के बीच हुई प्रवेश परीक्षा में करीब 20,000 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. जानकारी के मुताबिक प्रवेश परीक्षा के बाद ही अभ्यर्थी अपने रिजल्ट के आधार पर काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होते हैं. वहीं विश्वविद्यालय में इस साल से पीजी कोर्स के स्तर पर भी ऑनलाइन ऑफ केंपस काउंसलिंग शुरू हुई है. अभ्यर्थियों को ऑनलाइन ऑफ केंपस काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 200 रुपये पंजीकरण शुल्क भी देनी है. अभ्यर्थियों को अपना पंजीकरण भी कराना होगा.

इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र अपलोड करने को कहा था. ऐसा करने से चूकने पर अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा. प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में अगर अभ्यर्थी का रिजल्ट खराब रहता है तो जाहिर है कि उसे दाखिला नहीं मिल पाएगा. ऐसे में उनके द्वारा दी गई पंजीकरण की फीस वापस नहीं की जाएगी. अभ्यर्थी अपनी रैंक के हिसाब से दाखिला पाने और न पाने का अनुमान लगाते हैं. जब रिजल्ट ही जारी नहीं हो पाया है तो फिर रैंक मिलने का सवाल ही नहीं उठता है.

लखनऊ: लखनऊ विश्वविद्यालय में पीजी के कोर्सों में प्रवेश लेने के नाम पर विश्वविद्यालय प्रशासन विद्यार्थियों के साथ खिलवाड़ कर रहा है. लखनऊ विश्वविद्यालय ने प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित किए बिना ही अपनी काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है. आपको बता दें कि अभ्यर्थियों को अपना रिजल्ट पता नहीं है, लेकिन उन्हें काउंसलिंग में शामिल होने के लिए पंजीकरण करने, डॉक्यूमेंट अपलोड करने और विकल्प भरने के लिए कहा जा रहा है. अभ्यर्थियों का कहना है कि जब उन्हें अपने रिजल्ट के बारे में जानकारी नहीं है तो फिर काउंसलिंग में शामिल होने के लिए क्यों कहा जा रहा है.

करीब 4000 सीटों के साथ ही 66 सहयुक्त कॉलेजों में केंद्रीकृत काउंसलिंग के माध्यम से दाखिले किए जाने हैं. 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर के बीच हुई प्रवेश परीक्षा में करीब 20,000 परीक्षार्थी पंजीकृत हुए थे. जानकारी के मुताबिक प्रवेश परीक्षा के बाद ही अभ्यर्थी अपने रिजल्ट के आधार पर काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होते हैं. वहीं विश्वविद्यालय में इस साल से पीजी कोर्स के स्तर पर भी ऑनलाइन ऑफ केंपस काउंसलिंग शुरू हुई है. अभ्यर्थियों को ऑनलाइन ऑफ केंपस काउंसलिंग प्रक्रिया में शामिल होने के लिए 200 रुपये पंजीकरण शुल्क भी देनी है. अभ्यर्थियों को अपना पंजीकरण भी कराना होगा.

इससे पहले लखनऊ विश्वविद्यालय ने अभ्यर्थियों को प्रमाण पत्र अपलोड करने को कहा था. ऐसा करने से चूकने पर अभ्यर्थियों को काउंसलिंग में शामिल नहीं किया जाएगा. प्रवेश परीक्षा के रिजल्ट में अगर अभ्यर्थी का रिजल्ट खराब रहता है तो जाहिर है कि उसे दाखिला नहीं मिल पाएगा. ऐसे में उनके द्वारा दी गई पंजीकरण की फीस वापस नहीं की जाएगी. अभ्यर्थी अपनी रैंक के हिसाब से दाखिला पाने और न पाने का अनुमान लगाते हैं. जब रिजल्ट ही जारी नहीं हो पाया है तो फिर रैंक मिलने का सवाल ही नहीं उठता है.

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