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लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी, हुई धक्का-मुक्की, जानिए क्यों हो रहा विवाद - लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों का प्रदर्शन

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेतृत्व में लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रावासों में पीने का पानी की समस्या, साफ-सफाई की व्यवस्था समेत कई मुद्दों को लेकर छात्रों ने प्रदर्शन किया. छात्रों का आरोप है कि इस दौरान अधिष्ठाता के ड्राइवर ने संवेदनहीनता दिखाते हुए छात्रों को गाड़ी चढ़ाने की धमकी दी और धक्का-मुक्की भी की.

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Published : May 17, 2023, 5:16 PM IST

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों में स्थिति गर्मी में पीने की पानी की व्यवस्था व छात्रावासों की शौचालय के साफ-सफाई वाहन मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में डीन स्टूडेंट वेलफेयर व चीफ प्रोवोस्ट का घेराव किया. छात्रों का कहना था कि छात्रावासों में बस वैसे ही साफ-सफाई और पीने की समस्या बीते कई दिनों से लगातार चल रहा है. इसको लेकर हॉस्टल प्रोवोस्ट से कई बार शिकायतें की गई पर कोई भी उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इसी से आहत होकर छात्रों ने बुधवार को परिसर में पहले अधिकारियों का घेराव किया. जब उनकी बात नहीं बनी तो छात्र एक नंबर गेट पर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए.

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.

वाॅटर कूलर और प्यूरीफायर भी खराब


एमपी के छात्र नेताओं का कहना था कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि भीषण गर्मी के बाद भी छात्रावासों में शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था नहीं है हॉस्टलों में लगे वाटर कूलर व वाटर प्यूरीफायर पूरी तरह से खराब पड़े हैं जो वाटर कूलर प्यूरीफायर काम कर रहे हैं. उनमें पानी के टीडीएस की मात्रा 500 से अधिक है जो पीने लायक नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि हॉस्टलों के प्रयोग से इन समस्याओं को लेकर कई बार शिकायतें की गई. पर कोई भी उनके समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है. हॉस्टलों में स्थिति इतनी खराब हो गए कि छात्रों को पीने के पानी के लिए या तो दूसरे छात्रावासों में जाना पड़ा या परिसर के बाहर से पीने का पानी लाना पड़ता है. छात्रों कहना था कि हॉस्टल के शौचालय की साफ सफाई ना होने के कारण लगातार बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. वहीं दूसरी और विश्वविद्यालयों में जो शौचालय बने हैं. उनकी भी स्थिति काफी खराब है कई विकलांग शौचालय वह महिला शौचालयों में तो दिनभर ताला लगा रहता है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.
गाड़ी के आगे लेट गए छात्र


प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि मांगे पूरी नहीं होने तक वह अपनी प्रदर्शन जारी रखेंगे लखनऊ विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू ऑफिस के बाहर अधिष्ठाता के बाहर जाते वक्त गाड़ी के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्र लेट गए. इसके बाद अधिष्ठाता के ड्राइवर ने संवेदनहीनता दिखाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों को गाड़ी चढ़ाने की धमकी दी. धक्का-मुक्की में एक छात्र के हाथ में काफी चोटें आई हैं. अधिष्ठाता कल्याण के वाहन से विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री अभय प्रताप सिंह को धक्का लगा जबकि प्रोफेसर पूनम टंडन स्वयं भी गाड़ी में मौजूद थीं. छात्र की हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया. वहीं इस पूरे हंगामे के बीच एक छात्र भी बेहोश हो गया, जिसे एंबुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ा.


यह भी पढ़ें : यूपी के हर विधानसभा क्षेत्र में विकसित किया जाएगा पर्यटक स्थल : जयवीर सिंह

लखनऊ : लखनऊ विश्वविद्यालय के विभिन्न छात्रावासों में स्थिति गर्मी में पीने की पानी की व्यवस्था व छात्रावासों की शौचालय के साफ-सफाई वाहन मुद्दों को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने बुधवार को विश्वविद्यालय परिसर में डीन स्टूडेंट वेलफेयर व चीफ प्रोवोस्ट का घेराव किया. छात्रों का कहना था कि छात्रावासों में बस वैसे ही साफ-सफाई और पीने की समस्या बीते कई दिनों से लगातार चल रहा है. इसको लेकर हॉस्टल प्रोवोस्ट से कई बार शिकायतें की गई पर कोई भी उनकी समस्याओं की ओर ध्यान नहीं दे रहा है. इसी से आहत होकर छात्रों ने बुधवार को परिसर में पहले अधिकारियों का घेराव किया. जब उनकी बात नहीं बनी तो छात्र एक नंबर गेट पर धरना प्रदर्शन पर बैठ गए.

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.

वाॅटर कूलर और प्यूरीफायर भी खराब


एमपी के छात्र नेताओं का कहना था कि लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल भी गंभीर नहीं है प्रदर्शन कर रहे छात्रों का आरोप है कि भीषण गर्मी के बाद भी छात्रावासों में शुद्ध एवं शीतल पेयजल की व्यवस्था नहीं है हॉस्टलों में लगे वाटर कूलर व वाटर प्यूरीफायर पूरी तरह से खराब पड़े हैं जो वाटर कूलर प्यूरीफायर काम कर रहे हैं. उनमें पानी के टीडीएस की मात्रा 500 से अधिक है जो पीने लायक नहीं है. प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि हॉस्टलों के प्रयोग से इन समस्याओं को लेकर कई बार शिकायतें की गई. पर कोई भी उनके समस्याओं का समाधान नहीं कर रहा है. हॉस्टलों में स्थिति इतनी खराब हो गए कि छात्रों को पीने के पानी के लिए या तो दूसरे छात्रावासों में जाना पड़ा या परिसर के बाहर से पीने का पानी लाना पड़ता है. छात्रों कहना था कि हॉस्टल के शौचालय की साफ सफाई ना होने के कारण लगातार बच्चे बीमार पड़ रहे हैं. वहीं दूसरी और विश्वविद्यालयों में जो शौचालय बने हैं. उनकी भी स्थिति काफी खराब है कई विकलांग शौचालय वह महिला शौचालयों में तो दिनभर ताला लगा रहता है.

लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.
लखनऊ विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिष्ठाता की गाड़ी रोकी.
गाड़ी के आगे लेट गए छात्र


प्रदर्शनकारी छात्रों का कहना है कि मांगे पूरी नहीं होने तक वह अपनी प्रदर्शन जारी रखेंगे लखनऊ विश्वविद्यालय के डीएसडब्ल्यू ऑफिस के बाहर अधिष्ठाता के बाहर जाते वक्त गाड़ी के सामने प्रदर्शन कर रहे छात्र लेट गए. इसके बाद अधिष्ठाता के ड्राइवर ने संवेदनहीनता दिखाते हुए प्रदर्शनकारी छात्रों को गाड़ी चढ़ाने की धमकी दी. धक्का-मुक्की में एक छात्र के हाथ में काफी चोटें आई हैं. अधिष्ठाता कल्याण के वाहन से विद्यार्थी परिषद के प्रांत सह मंत्री अभय प्रताप सिंह को धक्का लगा जबकि प्रोफेसर पूनम टंडन स्वयं भी गाड़ी में मौजूद थीं. छात्र की हालत बिगड़ने पर एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाया गया. वहीं इस पूरे हंगामे के बीच एक छात्र भी बेहोश हो गया, जिसे एंबुलेंस से हॉस्पिटल पहुंचाना पड़ा.


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