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छोटी उम्र में व्योम के बड़े रिकॉर्ड, पीएम मोदी ने दिए सफलता के मंत्र

लखनऊ के रहने वाले व्योम आहूजा की उम्र महज 11 साल है, लेकिन इस छोटी सी उम्र में व्योम ने विभिन्न क्षेत्रों में करीब 35 रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. खास बात यह है कि व्योम को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के लिए चुना गया है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी से चुने गए पांच होनहारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद भी किया.

छोटी सी उम्र में छात्र व्योम के बड़े रिकॉर्ड
छोटी सी उम्र में व्योम के बड़े रिकॉर्ड
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Published : Jan 26, 2021, 11:42 AM IST

लखनऊ : उम्र महज 11 साल, लेकिन रिकॉर्ड उम्र से भी तीन गुना. जी हां ! हम बात कर रहे हैं राजधानी के सिटी मांटेसरी स्कूल में कक्षा सात में पढ़ रहे व्योम आहूजा की. इस छोटी सी उम्र में व्योम ने विभिन्न क्षेत्रों में करीब 35 रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. खास बात यह है कि व्योम को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के लिए चुना गया है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी से चुने गए पांच होनहारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. व्योम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 28 बार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. व्योम का सपना इसरो में काम करने का है.

छोटी सी उम्र में छात्र व्योम के बड़े रिकॉर्ड

व्योम ने हासिल की बड़ी उपलब्धियां

व्योम आहूजा बताते हैं कि जब वो ढाई साल के था तब उन्हें बर्थडे गिफ्ट में एक पजल मिला था. उसको उन्होंने सॉल्व किया था, हालांकि थोड़ा टाइम जरूर लगा था. उनका कहना है कि पहला रिकॉर्ड बनाने में उनकी मम्मी ने हेल्प किया था, लेकिन व्योम ने बताया कि अब अराउंड 85 रिकॉर्ड बना चुके हैं. यह रिकॉर्ड संस्कृति की फील्ड में, म्यूजिक, खेल के फील्ड में बने हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद के सवाल पर व्योम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के पास ज्यादा समय नहीं था तो उन्होंने एक एक बच्चे से बात की लेकिन, उनसे बात नहीं हो पाई. हालांकि पीएम की बातों को उन्होंने सुना. व्योम ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अवार्ड आप लोगों को मिल रहा है तो आप सब लोगों को हंबल रहना है, अपने ऊपर घमंड नहीं लाना है. हम लोग जो काम कर रहे हैं उसको सिर्फ अपने लिए नहीं रखना है, लोगों के लिए आगे बढ़ाना है.

व्योम का कहना था कि उन्हें जितने भी अवार्ड मिले हैं उसमें वो अकेले नहीं है पूरी फैमिली का सहयोग रहा है. व्योम आहूजा बताते हैं कि उनकी मम्मी उन्हें संस्कृति में, दादी ने मेडिटेशन में सहयोग किया. व्योम का कहना कि उन्हें इसरो में जाना है, इसको लेकर उनके पापा हेल्प करते हैं, वहीं दादू उन्हें बिजनेस के बारे में बताते हैंं

'हमारी डिक्शनरी में थकान कोई वर्ड नहीं'

छात्र व्योम आहूजा की मां दीया बताती हैं कि बेटे के साथ वो लोग भी लगे रहे. बेटा चाह रहा था कि घर के लोग सपोर्ट करते रहें. वहीं व्योम की दादी और उनकी मां ने कहा कि थकना कोई वर्ड नहीं है उनकी डिक्शनरी में. उनके लिए वर्क सबसे इंपोर्टेंट है.

लखनऊ : उम्र महज 11 साल, लेकिन रिकॉर्ड उम्र से भी तीन गुना. जी हां ! हम बात कर रहे हैं राजधानी के सिटी मांटेसरी स्कूल में कक्षा सात में पढ़ रहे व्योम आहूजा की. इस छोटी सी उम्र में व्योम ने विभिन्न क्षेत्रों में करीब 35 रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं. खास बात यह है कि व्योम को प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार 2021 के लिए चुना गया है. सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी से चुने गए पांच होनहारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद किया. व्योम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में 28 बार अपना नाम दर्ज करा चुके हैं. व्योम का सपना इसरो में काम करने का है.

छोटी सी उम्र में छात्र व्योम के बड़े रिकॉर्ड

व्योम ने हासिल की बड़ी उपलब्धियां

व्योम आहूजा बताते हैं कि जब वो ढाई साल के था तब उन्हें बर्थडे गिफ्ट में एक पजल मिला था. उसको उन्होंने सॉल्व किया था, हालांकि थोड़ा टाइम जरूर लगा था. उनका कहना है कि पहला रिकॉर्ड बनाने में उनकी मम्मी ने हेल्प किया था, लेकिन व्योम ने बताया कि अब अराउंड 85 रिकॉर्ड बना चुके हैं. यह रिकॉर्ड संस्कृति की फील्ड में, म्यूजिक, खेल के फील्ड में बने हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संवाद के सवाल पर व्योम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के पास ज्यादा समय नहीं था तो उन्होंने एक एक बच्चे से बात की लेकिन, उनसे बात नहीं हो पाई. हालांकि पीएम की बातों को उन्होंने सुना. व्योम ने बताया कि प्रधानमंत्री ने कहा कि यह अवार्ड आप लोगों को मिल रहा है तो आप सब लोगों को हंबल रहना है, अपने ऊपर घमंड नहीं लाना है. हम लोग जो काम कर रहे हैं उसको सिर्फ अपने लिए नहीं रखना है, लोगों के लिए आगे बढ़ाना है.

व्योम का कहना था कि उन्हें जितने भी अवार्ड मिले हैं उसमें वो अकेले नहीं है पूरी फैमिली का सहयोग रहा है. व्योम आहूजा बताते हैं कि उनकी मम्मी उन्हें संस्कृति में, दादी ने मेडिटेशन में सहयोग किया. व्योम का कहना कि उन्हें इसरो में जाना है, इसको लेकर उनके पापा हेल्प करते हैं, वहीं दादू उन्हें बिजनेस के बारे में बताते हैंं

'हमारी डिक्शनरी में थकान कोई वर्ड नहीं'

छात्र व्योम आहूजा की मां दीया बताती हैं कि बेटे के साथ वो लोग भी लगे रहे. बेटा चाह रहा था कि घर के लोग सपोर्ट करते रहें. वहीं व्योम की दादी और उनकी मां ने कहा कि थकना कोई वर्ड नहीं है उनकी डिक्शनरी में. उनके लिए वर्क सबसे इंपोर्टेंट है.

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