लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (Uttar Pradesh State Road Transport Corporation) के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है, जब लखनऊ रीजन इनकम के मामले में सबसे फिसड्डी साबित हुआ है. परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक ने सभी 20 रीजन की समीक्षा की तो सामने आया कि लखनऊ रीजन की हालत सबसे पतली है. इनकम इतनी कम हो गई है कि बसों पर आने वाला खर्च भी निकलना मुश्किल हो रहा है.
यह तब है, जब रोडवेज ने 25 पैसे प्रति किलोमीटर किराए में बढ़ोतरी कर दी है. लखनऊ रीजन की इस हालत पर प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों की क्लास लगाई है, साथ ही चेतावनी दी है कि इनकम दुरुस्त करें नहीं तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें. आय के मामले में हमेशा टॉप 10 में रहने वाला लखनऊ रीजन अब प्रदेश के कुल 20 रीजन में सबसे निचले पायदान पर है, जबकि इस रीजन के जिम्मेदार सबसे बेहतर प्रबंधन का दम भरते हैं. नए-नए लक्ष्य तय करते हैं. आए दिन नए नए आदेश जारी करते हैं. कड़ाई से उनका अनुपालन करने के लिए अधीनस्थ अधिकारियों के साथ ही कर्मचारियों पर दबाव भी बनाते हैं, लेकिन इसका नतीजा सिफर ही रहता है.
प्रदेशभर के 20 रीजन के अप्रैल माह के इनकम के आंकड़े परिवहन निगम की तरफ से जारी किए गए हैं जिनमें लखनऊ की रैंकिंग सबसे खराब है लखनऊ रीजन का अप्रैल माह का लक्ष्य 45.75 रुपये करोड़ रखा गया. 23 अप्रैल तक 35 करोड़ आठ लाख की आय होनी चाहिए थी, लेकिन 23 अप्रैल तक लखनऊ रीजन सिर्फ 27 करोड़ 56 लाख की ही आय कर पाया. साढ़े सात करोड़ से ज्यादा आय जुटाने में लखनऊ रीजन काम रह गया. लखनऊ रीजन का ग्रोथ परसेंटेज भी सबसे कम रहा. साढ़े 78 परसेंट ही लखनऊ रीजन का ग्रोथ एवरेज दर्ज किया गया.
24 से 30 अप्रैल तक जुटाने हैं 18 करोड़: लखनऊ रीजन को अपना टारगेट हासिल करने के लिए अब एक सप्ताह में 18 करोड़ 19 लाख रुपये की इनकम हर हाल में करनी होगी. इसके लिए प्रतिदिन दो करोड़ 60 लाख रुपये की आय होनी चाहिए तब जाकर लखनऊ रीजन का टारगेट पूरा हो सकता है, लेकिन जिस तरह से कछुए की चाल से लखनऊ रीजन चल रहा है उससे यह लक्ष्य हासिल होना असंभव सा नजर आ रहा है.
लखनऊ रीजन का एक करोड़ 53 लाख 42 हजार प्रतिदिन आय: अप्रैल माह के लिए लखनऊ रीजन ने प्रतिदिन एक करोड़ 53 लाख 42 हजार रुपये की आय का लक्ष्य रखा था लेकिन ऐसा करने में सभी डिपो नाकाम हो गए. लिहाजा, लखनऊ रीजन प्रदेश में सबसे फिसड्डी साबित हुआ. अब इसे लेकर परिवहन निगम में चर्चाएं शुरू हो गई हैं. कहा जा रहा है कि इस समय जिस अधिकारी के हाथ लखनऊ रीजन की कमान है वह कर्मचारियों से काम लेने के बजाय उन्हें परेशान ज्यादा कर रहे हैं, इसलिए कर्मचारी भी आय लाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं.
आरएम से तंग आकर हुई लखनऊ रीजन में हड़ताल: लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज पुंडीर हैं. कर्मचारी लगातार उन पर विभिन्न तरह के आरोप लगाते रहे हैं. कर्मचारियों का कहना है कि उनकी किसी भी समस्या का समाधान नहीं होता है, उल्टा परेशान किया जाता है. हाल ही में आरएम की कार्यशैली से परेशान लखनऊ रीजन में कर्मचारियों ने बसों की हड़ताल कर दी थी.
इससे संचालन बुरी तरह प्रभावित हुआ और आय पर बड़ा असर पड़ा. परिवहन मंत्री ने यूनियन के नेताओं से वादा किया था कि लखनऊ रीजन के क्षेत्रीय प्रबंधक को हटाया जाएगा, लेकिन अभी तक ऐसा हुआ नहीं है. अब कर्मचारियों की मांग है कि जब आय के मामले में लखनऊ रीजन सबसे फिसड्डी साबित हुआ तब तो आरएम पर कार्रवाई होनी चाहिए. अभी तक प्रदेश भर में तमाम सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक को लक्ष्य पूरा न होने पर सस्पेंड किया जा चुका है.
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