लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित कमलेश तिवारी हत्याकांड में गुजरात एटीएस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. दोनों हत्यारे मोइनुद्दीन व अशफाक को एटीएस ने राजस्थान व गुजरात बॉर्डर से गिरफ्तार किया है. हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस की 4 सदस्यीय टीम गुजरात के लिए मंगलवार देर रात रवाना हुई.
अहमदाबाद पहुंची लखनऊ पुलिस
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक लखनऊ पुलिस की 4 सदस्यीय टीम अहमदाबाद पहुंच गई है और वहां पर अब टीम दोनों गिरफ्तार हत्यारों से पूछताछ करेगी. पूछताछ के बाद दोनों हत्यारों को लखनऊ लाया जाएगा, जहां पर एटीएस, एसटीएफ, एसआईटी व लखनऊ पुलिस विभिन्न पहलुओं पर दोनों हत्यारों से पूछताछ करेगी, जिसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा.
गुजरात एटीएस को मिली बड़ी कामयाबी
कमलेश तिवारी की हत्या को अंजाम देने वाले दोनों हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद लखनऊ पुलिस ने राहत की सांस ली है. हत्या के पांचवें दिन गुजरात एटीएस को यह कामयाबी मिली. कमलेश तिवारी के हत्यारों की गिरफ्तारी के बाद कमलेश की मां कुसुम तिवारी ने दोनों हत्यारों के लिए फांसी की सजा की मांग की है. इससे पहले गुजरात से गिरफ्तार किए गए तीन साजिशकर्ता फैजान रशीद मोहसिन को मंगलवार कोर्ट में पेश किया गया, जिसके बाद उन्हें 4 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया.
वहीं नागपुर (महाराष्ट्र) से सैयद आसिफ अली को भी गिरफ्तार किया गया है. आसिफ लंबे समय से यूट्यूब पर वीडियो बनाकर युवाओं को गुमराह करता था. इस हत्याकांड में आसिफ अली हत्यारों का मुख्य सहयोगी माना जा रहा है. इसके साथ ही हत्यारों की मदद करने को लेकर बरेली से सैयद केफी अली को भी गिरफ्तार किया गया है.
आतंकवादी संगठन को लेकर एटीएस करेगी पूछताछ
घटना के बाद अल-हिंद नाम के एक संगठन ने कमलेश तिवारी की हत्या की जिम्मेदारी ली थी. इसलिए पुलिस इस ओर भी विचार कर रही है कि कहीं यह सभी आरोपी किसी आतंकवादी संगठन के लिए तो काम नहीं कर रहे थे. लिहाजा गिरफ्तार किए गए दोनों हत्यारों व अन्य आरोपियों के साथ एटीएस भी पूछताछ करेगी और आतंकवादी कनेक्शन को खंगालने की कोशिश करेगी.
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...किन लोगों ने की हत्यारों की मदद
इन सभी आरोपियों से पूछताछ के बाद पुलिस कई अन्य लोगों पर भी कार्रवाई कर सकती है, क्योंकि यह अनुमान लगाया जा रहा है कि घटना को अंजाम देने के बाद दोनों हत्यारों की उत्तर प्रदेश में कई जगह पर मदद की गई है. ऐसे में यह पता लगाया जाएगा कि इन हत्यारों की मदद आखिरकार किन लोगों ने और क्यों की?