लखनऊ: महिला व बाल अपराध को लेकर लखनऊ पुलिस गंभीर नजर आ रही है. बीते दिनों लखनऊ पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए पॉक्सो एक्ट की लंबित 67 विवेचना में से 14 विवेचना का निस्तारण कर लिया है. बता दें कि बीते दिनों ईटीवी भारत ने पॉक्सो एक्ट के तहत लंबित विवेचना को लेकर खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद डीसीपी महिला अपराध और सुरक्षा के अतिरिक्त चार्ज पर तैनात आईपीएस चारू निगम ने पॉक्सो एक्ट की गंभीरता को देखते हुए 14 विवेचनाओं का निस्तारण किया है.
बीते कुछ वर्षों में राजधानी लखनऊ में बच्चों के साथ दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर दर्ज किए गए प्रोटक्शन ऑफ चिल्ड्रन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस (पॉक्सो) एक्ट के तहत 67 मामलों की जांच लंबित थी, जिसको लेकर लंबे समय से पुलिस के आलाधिकारी सुस्त पड़े हैं. लखनऊ में पॉक्सो एक्ट के कुछ मामलों की जांच वर्ष 2018 से लंबित है. सबसे अधिक लंबित मामलों वाले थाने की बात करें तो पारा थाने में 7 और काकोरी में 6 मामले लंबित हैं.
उत्तर प्रदेश में लंबित विवेचना को लेकर डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने पद संभालते हुए सख्त निर्देश जारी किए थे. इन निर्देशों को अमली जामा पहनाने में लखनऊ जिले के आलाधिकारी नाकामयाब रहे और यह तब है जब कमिश्नरेट लागू होने के बाद लखनऊ में 'डीसीपी महिला सुरक्षा व अपराध' का एक अलग पद बनाया गया था. आईपीएस रैंक के एक अधिकारी को जिम्मेदारी दी गई थी.
महिलाओं, बच्चों के खिलाफ होने वाले अपराध पर लगाम लगाने के लिए बनाए गए इस पद का भी असर राजधानी लखनऊ में देखने को नहीं मिला और कमीशन लागू होने के 4 महीने बीतने के बाद भी पॉक्सो एक्ट और महिलाओं के प्रति होने वाले अपराध के दर्जनों मामलों की जांच लंबित रही. अब ईटीवी भारत की खबर का संज्ञान लेते हुए डीसीपी वूमेन क्राइम व सेफ्टी आईपीएस चारू निगम ने मामले को गंभीरता से लेते हुए सक्रियता दिखाई है. अब तक 14 विवेचना को पूरा कर लिया गया है. वहीं अन्य के निस्तारण के लिए एसीपी स्तर के अधिकारी को निर्देशित किया गया है.