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पुलिस का खेल, भाजपा सांसद का बेटा नहीं जाएगा जेल !

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Published : Mar 5, 2021, 3:55 PM IST

Updated : Mar 5, 2021, 4:03 PM IST

भाजपा सांसद कौशल किशोर का बेटा आयुष किशोर जेल नहीं जाएगा. इसके पीछे कानून की पेचीदगियां और पुलिस का खेल है. पुलिस ने जिन धाराओं में केस दर्ज किया है, उन सभी धाराओं में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है और ऐसी धाराओं में गिरफ्तारी की संभावना सिफर हो जाती है.

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वकील नीरज श्रीवास्तव

लखनऊ : भाजपा सांसद कौशल किशोर का बेटा जेल नहीं जाएगा. इसका कारण पुलिसिया खेल है. पुलिस ने जिन धाराओं (420, 120बी व 505बी) में मुकदमा दर्ज किया है, उन सभी धाराओं में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है. नियमानुसार 7 साल से कम की सजा वाली धाराओं में गिरफ्तारी की संभावना लगभग शून्य के बराबर है.

वकील नीरज श्रीवास्तव
केस को कमजोर करने के लिए किए कई खेल !बीते मंगलवार देर रात भाजपा सांसद कौशल किशोर का बेटा आयुष किशोर ने अपने विरोधियों को फंसाने के लिए अपने साले आदर्श सिंह से खुद पर गोली चलवाई. हालांकि कुछ ही घंटों में पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए आदर्श सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 420, 120बी, 505 (1b) दर्ज की, जिसमें आदर्श सिंह और आयुष किशोर को आरोपी बनाया. विधि के जानकारों की मानें तो मुकदमे में दर्ज इन आईपीसी की धाराओं में 7 साल की सजा का प्रावधान है. 7 साल की कम सजा वाली धाराओं में गिरफ्तारी लगभग शून्य के बराबर होती है. हालांकि, पुलिस अगर चाहे तो विवेचना में धाराएं बढ़ाकर आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. मगर, सांसद के बेटे आयुष के मामले में ऐसा होना संभव नहीं दिखाई दे रहा. अपर पुलिस आयुक्त अलीगंज अखिलेश सिंह की मानें तो गोली लगने के कारण आयुष अभी डॉक्टरों की देखरेख में है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम लगाई गई है. बहुत जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी.

घटना में इस्तेमाल पिस्टल की बरामदगी में भी पुलिस ने किया खेल

सांसद के बेटे आयुष पर गोली दागने में इस्तेमाल किए गए पिस्टल की बरामदगी में भी पुलिस ने खेल किया है. घटना के बाद पुलिस ने बताया कि आयुष ने लाइसेंसी पिस्टल से खुद पर गोली चलवाई. लेकिन, शाम होते-होते पुलिस ने एक नई स्क्रिप्ट लिख डाली. पुलिस ने सांसद के बेटे व उसके साले के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज कर लिया. मगर, जब बात लाइसेंसी पिस्टल की बरामदगी की बारी आई तो पुलिस ने लाइसेंसी पिस्टल हटाकर एक अवैध फैक्ट्री मेड .32 बोर का पिस्टल लिखा-पढ़ी में दिखा दिया. सूत्रों की मानें तो वारदात में इस्तेमाल पिस्टल का लाइसेंस सांसद की विधायक पत्नी के नाम था. पुलिस ने विधायक को बचाने के लिए लिखा-पढ़ी में लाइसेंसी पिस्टल हटा दी.


वकील ने कहा, धारा 307 में मामला करना चाहिए दर्ज

आपराधिक मामलों के जानकार वकील नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे मामलों में 307 की धारा लगाई जानी चाहिए. क्योंकि, उक्त मामले में जान लेने का प्रयास किया गया है. ऐसे में 307 समेत कई धारा में केस दर्ज करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - आयुष के ऑर्डर पर साले ने चला दी गोली, 5 घंटे में पर्दाफाश

लखनऊ : भाजपा सांसद कौशल किशोर का बेटा जेल नहीं जाएगा. इसका कारण पुलिसिया खेल है. पुलिस ने जिन धाराओं (420, 120बी व 505बी) में मुकदमा दर्ज किया है, उन सभी धाराओं में 7 साल से कम की सजा का प्रावधान है. नियमानुसार 7 साल से कम की सजा वाली धाराओं में गिरफ्तारी की संभावना लगभग शून्य के बराबर है.

वकील नीरज श्रीवास्तव
केस को कमजोर करने के लिए किए कई खेल !बीते मंगलवार देर रात भाजपा सांसद कौशल किशोर का बेटा आयुष किशोर ने अपने विरोधियों को फंसाने के लिए अपने साले आदर्श सिंह से खुद पर गोली चलवाई. हालांकि कुछ ही घंटों में पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए आदर्श सिंह को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. पुलिस ने दर्ज एफआईआर में आईपीसी की धारा 420, 120बी, 505 (1b) दर्ज की, जिसमें आदर्श सिंह और आयुष किशोर को आरोपी बनाया. विधि के जानकारों की मानें तो मुकदमे में दर्ज इन आईपीसी की धाराओं में 7 साल की सजा का प्रावधान है. 7 साल की कम सजा वाली धाराओं में गिरफ्तारी लगभग शून्य के बराबर होती है. हालांकि, पुलिस अगर चाहे तो विवेचना में धाराएं बढ़ाकर आरोपी को गिरफ्तार कर सकती है. मगर, सांसद के बेटे आयुष के मामले में ऐसा होना संभव नहीं दिखाई दे रहा. अपर पुलिस आयुक्त अलीगंज अखिलेश सिंह की मानें तो गोली लगने के कारण आयुष अभी डॉक्टरों की देखरेख में है. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की एक टीम लगाई गई है. बहुत जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी.

घटना में इस्तेमाल पिस्टल की बरामदगी में भी पुलिस ने किया खेल

सांसद के बेटे आयुष पर गोली दागने में इस्तेमाल किए गए पिस्टल की बरामदगी में भी पुलिस ने खेल किया है. घटना के बाद पुलिस ने बताया कि आयुष ने लाइसेंसी पिस्टल से खुद पर गोली चलवाई. लेकिन, शाम होते-होते पुलिस ने एक नई स्क्रिप्ट लिख डाली. पुलिस ने सांसद के बेटे व उसके साले के खिलाफ रिपोर्ट तो दर्ज कर लिया. मगर, जब बात लाइसेंसी पिस्टल की बरामदगी की बारी आई तो पुलिस ने लाइसेंसी पिस्टल हटाकर एक अवैध फैक्ट्री मेड .32 बोर का पिस्टल लिखा-पढ़ी में दिखा दिया. सूत्रों की मानें तो वारदात में इस्तेमाल पिस्टल का लाइसेंस सांसद की विधायक पत्नी के नाम था. पुलिस ने विधायक को बचाने के लिए लिखा-पढ़ी में लाइसेंसी पिस्टल हटा दी.


वकील ने कहा, धारा 307 में मामला करना चाहिए दर्ज

आपराधिक मामलों के जानकार वकील नीरज श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे मामलों में 307 की धारा लगाई जानी चाहिए. क्योंकि, उक्त मामले में जान लेने का प्रयास किया गया है. ऐसे में 307 समेत कई धारा में केस दर्ज करना चाहिए.

इसे भी पढ़ें - आयुष के ऑर्डर पर साले ने चला दी गोली, 5 घंटे में पर्दाफाश

Last Updated : Mar 5, 2021, 4:03 PM IST
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