लखनऊः उत्तर प्रदेश में पशुधन फर्जीवाड़े में इन दिनों पुलिस विभाग के एक आईपीएस अधिकारी के साथ एक सिपाही भी फरार है. इसी मामले में आईपीएस अधिकारी अरविंद सेन पर गैर जमानती वारंट जारी हो चुका है. अभी तक पुलिस इन दोनों ही लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकी है. जबकि सिपाही दिलबहार सिंह यादव पर ₹50000 का इनाम भी घोषित है.
सूचना मिली कि गोमती नगर के विशाल खंड में सिपाही छिपा हुआ है. पुलिस दबिश देने के पहुंची तो वहां उन्हें मायूसी हाथ लगी. सिपाही पुलिस के पहुंचने से कुछ देर पहले ही निकल चुका था. हालांकि एक स्कोडा गाड़ी और दो मोबाइल फोन को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया है. पुलिस के आने की सूचना दिलबहार को पहले से लग चुकी थी. अब पुलिस इस पूरे मामले की मुखबिर की भी तलाश कर रही है.
50000 का इनामी सिपाही पुलिस के लिए बना पहेली
पशुधन फर्जीवाड़े में ₹50000 के इनामी सिपाही दिलबहार सिंह यादव पुलिस के लिए अब एक पहेली बन चुका है. 4 महीने से ज्यादा समय हो चुका है, लेकिन अभी तक दिलबहार की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. इस मामले में पुलिस ने 2 दर्जन से ज्यादा नंबरों को सर्विलांस पर लगाया है. दिलबहार की विशाल खंड में होने की सूचना हाथ लगी, लेकिन उसके निर्धारित लोकेशन पर पुलिस पहुंची तो वह कुछ देर पहले ही निकल चुका था. जिससे पुलिस के इरादों पर पानी फिर गया. पुलिस के आने की सूचना दिलबहार को कैसे लगी फिलहाल पुलिस इस पर भी जांच कर रही है.
क्या होगा पुलिस का अगला कदम
पशुपालन विभाग में आटे की सप्लाई के नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जीवाड़ा हुआ. इसमें अब तक 13 लोगों की गिरफ्तारी भी हो चुकी है, लेकिन डीआईजी अरविंद सेन और सिपाही दिलबहार सिंह अभी तक फरार है. दोनों पर ही इंदौर के व्यापारी मनजीत भाटिया को धमकाने का आरोप है. जिसके बाद दोनों को निलंबित किया जा चुका है. एसीपी गोमती नगर श्वेता श्रीवास्तव ने बताया कि डीआईजी अरविंद सेन की तलाश में कई जगह दबिश दी गई है, लेकिन उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है. वहीं अब उनकी संपत्ति को कुर्क करने और उन्हें भगोड़ा घोषित करने के लिए कोर्ट में आज अर्जी दी जाएगी.