लखनऊ: राजधानी में अपराध पर लगाम लगाने के लिए पॉली गन सिस्टम को प्रभावी बताया जा रहा है. इस प्रणाली में दो शिफ्ट हैं. प्रत्येक शिफ्ट में दो सिपाही एक मोटरसाइकिल पर ड्यूटी करेंगे और आपराधिक श्रेणी के लोगों से पूछताछ होगी. पूछताछ के बाद पुलिसकर्मी बीट इंचार्ज को सूचना देंगे. पॉली गन प्रणाली के अंतर्गत तैनात सिपाहियों से ने बताया कि रात के समय वह किन-किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.
मड़ियाव थाना के अंतर्गत गोमती नदी के किनारे शहर से दूर सुनसान एरिया में मौजूद पीपे वाले पुल पर तैनात सिपाहियों ने बताया कि पॉली गन सिस्टम के अंतर्गत 12 घंटे की ड्यूटी दी गई है. इस दौरान वह संदिग्ध लोगों से पूछताछ कर रहे हैं और उनसे यह जानकारी ले रहे हैं कि वह कहां के हैं और किस काम से जा रहे हैं. रात के समय कुछ लोग ऐसे भी मिल रहे हैं. जो सिपाहियों को देख कर भाग रहे हैं.
सिपाहियों ने बताया कि पॉली गन सिस्टम के तहत ड्यूटी के पहले ही दिन एक ऐसी ही संदिग्ध मोटरसाइकिल दिखी, जिस पर 2 लोग सवार थे और हमें देखकर उन्होंने गाड़ी भगा ली. हमने काफी दूर तक उनका पीछा किया लेकिन वह फरार हो गए. फिलहाल हम इन सारी चुनौतियों का डटकर सामना करेंगे और अपराध पर लगाम लगाने का प्रयास करेंगे.