लखनऊ : राजधानी के एक होटल में रहकर अलग-अलग व्यवसाय करने वाले पांच लोग जाली नोट छापते थे, वहीं उनका एक अन्य साथी अलग-अलग राज्यों में अपनी नोट की मार्केटिंग कर कस्टमर ढूढ़ने के काम में लगा था. लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट को इस अवैध धंधे की भनक लगी तो सोमवार को पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनके पास से तीन लाख से भी अधिक की जाली नोट बरामद हुई है, जिनमें पांच सौ, दो सौ और सौ की जाली नोट शामिल हैं. हैरान करने वाला यह है कि गैंग के सरगना समेत तीन सदस्यों की उम्र 18 से 19 वर्ष है.
डीसीपी उत्तरी कासिम आब्दी ने सोमवार को बताया कि, 'राजधानी में मड़ियांव इलाके के घैला पुल के पास चेकिंग के तीन युवक दबोचे गए. पूछताछ में पकड़े गए प्रतापगढ़ निवासी विकास दुबे, इटौंजा निवासी विकास सिंह और दिल्ली के रहने वाले विकास भारद्वाज ने बताया कि वे सभी जाली नोटों का धंधा करते हैं और उनके अन्य साथी रवि प्रकाश और उत्कर्ष विभूतिखंड स्थित पार्क व्यू होटल में मौजूद हैं. इसी होटल में वो सभी मशीन लगाकर जाली नोट छापते हैं.'
कई राज्यों में फैला रखा है जाल : डीसीपी के मुताबिक, 'इस पूरे गैंग ने अपने-अपने काम बांटे हुए थे. जाली नोटों को छापने की जिम्मेदारी रवि प्रकाश ने संभाली थी, वहीं मार्केटिंग और सेल्स विकास भारद्वाज देख रहा था. डीसीपी ने बताया कि विकास दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार, यूपी, हिमाचल, गुजरात और पश्चिम बंगाल में नकली नोटों को खरीदने वालों को ढूंढता था, जिसके बाद 20 हजार रुपए में एक लाख के नोट सप्लाई करते थे.'
गैंग के सरगना समेत तीन सदस्यों की उम्र है 19 वर्ष : डीसीपी ने बताया कि 'जाली नोटों को छापने वाले इस गैंग के सभी गिरफ्तार किए गए आरोपी अलग-अलग व्यवसाय करते हैं. गैंग का सरगना रवि प्रकाश होटल में काम करता है, वहीं नोटों की मार्केटिंग व सेल्स संभालने वाला विकास भारद्वाज मोबाइल टावर लगवाता है. इसके अलावा विकास दुबे प्रॉपर्टी डीलिंग, विकास सिंह पढ़ाई और उत्कर्ष ड्राइविंग करता है.'