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सिम पोर्ट कर ऑनलाइन पैसा उड़ा देता था अपराधी, गिरफ्तार - लखनऊ पुलिस ने पकड़ा आरोपी

यूपी के लखनऊ में पुलिस ने एक साइबर जालसाज को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी फर्जीवाड़े से सिम पोर्ट कर बजाज फाइनेंस से लोन ले लेता था. इसके बाद आरोपी ऑनलाइन खरीदारी कर लेता था.

अपराधी गिरफ्तार
अपराधी गिरफ्तार
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Published : Jan 15, 2021, 10:03 PM IST

लखनऊः पुलिस ने एक शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो गूगल फर्म के माध्यम से यूपीसी कोड प्राप्त करके सिम पोर्ट कर धोखाधड़ी करता था. साइबर क्राइम और पुलिस की टीम ने अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है

फ्रॉड कर ऑनलाइन करता था खरीदारी
गोमती नगर इंस्पेक्टर धीरज कुमार ने बताया कि थाना पुलिस ने साइबर क्राइम टीम की मदद से एक शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है. शातिर अभियुक्त गूगल फर्म के माध्यम से यूपीसी कोड प्राप्त कर लेता था. उसके बाद आरोपी सिम पोर्ट कर लेता था. आरोपी इतना शातिर है कि पोर्ट सिम को एक्टिवेट करने के बाद बजाज फाइनेंस के माध्यम से लोन ले लेता था. उसके बाद ऑनलाइन खरीदारी करता था.

इस युक्ति से लेता था लोन
शातिर अभियुक्त की पहचान शिवम यादव निवासी आजमगढ़ के रूप में हुई है. शुभम बजाज फाइनेंस कंपनी के बजाज सेंसर ऐप में रैंडम मोबाइल नंबर डालता था. जिससे नंबर पर ओटीपी चला जाताथा. ऐसा करने से नंबर का कन्फर्मेशन हो जाता था. उसके बाद उस नंबर पर फोन करके गूगल लिंक देता था, जिसके माध्यम से वसीम धारक यूनिक पोर्टिंग कोड प्राप्त करता था. उस नंबर को पोर्ट करा कर फर्जी आईडी के माध्यम से प्राप्त कर लेता था. अभियुक्त बजाज फाइनेंस से लोन लेकर ऑनलाइन मोबाइल आदि की खरीदारी कर लेता था.

लखनऊः पुलिस ने एक शातिर साइबर अपराधी को गिरफ्तार किया है, जो गूगल फर्म के माध्यम से यूपीसी कोड प्राप्त करके सिम पोर्ट कर धोखाधड़ी करता था. साइबर क्राइम और पुलिस की टीम ने अपराधी को गिरफ्तार कर लिया है

फ्रॉड कर ऑनलाइन करता था खरीदारी
गोमती नगर इंस्पेक्टर धीरज कुमार ने बताया कि थाना पुलिस ने साइबर क्राइम टीम की मदद से एक शातिर जालसाज को गिरफ्तार किया है. शातिर अभियुक्त गूगल फर्म के माध्यम से यूपीसी कोड प्राप्त कर लेता था. उसके बाद आरोपी सिम पोर्ट कर लेता था. आरोपी इतना शातिर है कि पोर्ट सिम को एक्टिवेट करने के बाद बजाज फाइनेंस के माध्यम से लोन ले लेता था. उसके बाद ऑनलाइन खरीदारी करता था.

इस युक्ति से लेता था लोन
शातिर अभियुक्त की पहचान शिवम यादव निवासी आजमगढ़ के रूप में हुई है. शुभम बजाज फाइनेंस कंपनी के बजाज सेंसर ऐप में रैंडम मोबाइल नंबर डालता था. जिससे नंबर पर ओटीपी चला जाताथा. ऐसा करने से नंबर का कन्फर्मेशन हो जाता था. उसके बाद उस नंबर पर फोन करके गूगल लिंक देता था, जिसके माध्यम से वसीम धारक यूनिक पोर्टिंग कोड प्राप्त करता था. उस नंबर को पोर्ट करा कर फर्जी आईडी के माध्यम से प्राप्त कर लेता था. अभियुक्त बजाज फाइनेंस से लोन लेकर ऑनलाइन मोबाइल आदि की खरीदारी कर लेता था.

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