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Lucknow News : योगी राज में शुरू होगा वाइन एंड डाइन कल्चर, लजीज व्यंजन के साथ परोसी जाएगी शराब - लखनऊ में वाइन एंड डाइन स्ट्रीट बनेगी

लखनऊ विकास प्राधिकरण और आबकारी विभाग (Wine and Dine Street built in Lucknow) ने राजधानी लखनऊ में 24 घंटे शराब बेचने और लजीज खाने की योजना पर काम कर रहा है. इस प्रोजेक्ट से आबकारी विभाग को राजस्व में बढ़ोतरी की उम्मीद है.

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Published : Feb 25, 2023, 5:48 PM IST

Updated : Feb 25, 2023, 8:04 PM IST

लखनऊ : राजधानी में आने वाले दिनों में शराब और लजीज व्यंजन एक साथ एक जगह 24x7 घंटे मिलेगा. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण और आबकारी विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है. इस योजना के अंतर्गत सीजी सिटी में प्राधिकरण ने जमीन चिन्हित कर ली है और इसे वाइन एंड डाइन स्ट्रीट नाम दिए जाने का फैसला किया गया है. अब तक उत्तर प्रदेश में दुकानों पर रात 10 और बार में 12 बजे तक ही शराब बेची जाती है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से जहां राजधानी की नाइट लाइफ विकसित होगी तो दूसरी ओर आबकारी राजस्व में बढ़ोतरी भी होगी, जिसे योगी सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है.

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने वाइन एंड डाइन का प्लान तैयार किया है. इसके लिए आबकारी विभाग से भी संपर्क किया गया है. उन्होंने बताया कि चूंकि इस योजना के तहत वहां शराब बेचने के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक होगा. ऐसे में आबकारी विभाग अभी इस पर चर्चा कर रहा है कि इस योजना के लिए दिए जाने वाला लाइसेंस का प्रारूप क्या होगा. उन्होंने बताया चूंकि अभी राज्य में शराब बेचने के लिए दुकानों में रात 10 और बार में 12 बजे तक ही इजाजत दी जाती है. ऐसे में 24 घंटे शराब बेचने के लिए इजाजत देने के लिए कई स्तरों पर मंथन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल इस पर चर्चा ही चल रही है. ये योजना विकास प्राधिकरण की है, आबकारी विभाग सिर्फ शराब बेचने के लिए लाइसेंस देगा.



वाइन एंड डाइन स्ट्रीट योजना : लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सीजी सिटी में वाइन एंड डाइन स्ट्रीट बनाने के लिए जमीन का चिन्हिनीकरण कर लिया है. इसमें 1200 वर्गमीटर और 2800 वर्गमीटर के बीच 15 भूखंड होटल और रेस्तरां के लिए दिए जाएंगे, जहां 24 घंटे बार खोले जा सकेंगे. इसके लिए बार और रेस्तरां खोलने के वालों को 13 करोड़ से लेकर 32 करोड़ रुपये तक खर्चने पड़ेंगे. विकास प्राधिकरण ने आबकारी विभाग से इस प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यहां 24 घंटे बार, माइक्रोब्रेवरी और वाटरिंग होल्स के संचालन की अनुमति देने पर विचार करने के लिए कहा है.


विकास प्राधिकरण, वाइन एंड डाइन योजना आबकारी नीति के उस नियम के चलते शुरू करने पर विचार कर रहा है. जिसमें इन हाउस बार खोलने की अनुमति प्रदान की जाती है. इन हाउस बार के लिए प्रति दिन के हिसाब से लाइसेंस दिया जाता है, जो घर में आने वाले महमानों को शराब परोशी जाती है. हालांकि इन हाउस बार के अंतर्गत शराब बेचने का प्रावधान नहीं है. इसी के चलते आबकारी विभाग ने चर्चा की जा रही है.


योगी सरकार का आबकारी राजस्व बढ़ाने पर जोर : राजधानी में 24 घंटे शराब बेचने का भले ही अभी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, लेकिन इससे आबकारी विभाग और यूपी सरकार के राजस्व में काफी बढ़ौतरी हो सकती है. अर्थशास्त्री प्रो .मजहर कहते हैं कि किसी भी राज्य के राजस्व इकट्ठा करने में सबसे बड़ा सहयोग आबकारी विभाग का होता है. हालांकि बिहार, गुजरात में शराब बंदी से राजस्व के नुकसान में कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला है. फिर भी देश के सबसे बड़े राज्य और 25 करोड़ जनता के लिए योजनाओं को क्रियान्वन करने के लिए अधिक राजस्व की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति आबकारी विभाग करता है. प्रो. मजहर कहते हैं कि बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में लगातार आबकारी राजस्व का लक्ष्य बढ़ाया गया है. खासकर योगी सरकार में शराब की बिक्री बढ़ाने लिए आबकारी नीतियों में भी बदलाव किया गया है.

बीते साल में शराब बिक्री में बढ़ोतरी : आबकारी विभागों के आंकड़ों में नजर डालें तो यूपी में अखिलेश सरकार बनने पर आबकारी विभाग ने साल 2012 में 8,139 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया था. राज्य में जब योगी सरकार बनी तो यही राजस्व साल 2017 में 15,730 करोड़ पहुंच गया. साल 2021 में यही राजस्व 37,500 करोड़ और इस बार सरकार ने आबकारी राजस्व के लिए 58 हजार करोड़ प्रस्तावित किए हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार शराब बिक्री पर अधिक जोर दे रही है.


योगी सरकार में शराब उत्पादन और बिक्री के लिए दी गईं सहूलियतें : योगी सरकार ने साल 2020 में आबकारी नीति में ऐसे कई बदलाव किए थे, जिससे शराब बिक्री के लिए बार और दुकानें खोलने में आने वाली समस्याएं खत्म की गई हैं. सरकार ने शॉपिंग मॉल में शराब बेचने से लेकर इन हाउस बार खोलने की अनुमति दी. दिल्ली की ही तरह उसी दाम में यूपी में भी शराब बेचने के लिए कंपनियों को निर्देशित किया. निवेशकों के साथ शराब उत्पादन के नए एमओयू साइन किए. साथ ही यूपी के बृजनाथपुर, गजियाबाद ऑर्गेनिक, नवाबगंज, गोंडा की बंद वाली फैक्ट्रियां को फिर से चालू की गई.

यह भी पढ़ें : CM Yogi Statement माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, जानिए क्या है वजह

लखनऊ : राजधानी में आने वाले दिनों में शराब और लजीज व्यंजन एक साथ एक जगह 24x7 घंटे मिलेगा. इसके लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण और आबकारी विभाग प्रस्ताव तैयार कर रहा है. इस योजना के अंतर्गत सीजी सिटी में प्राधिकरण ने जमीन चिन्हित कर ली है और इसे वाइन एंड डाइन स्ट्रीट नाम दिए जाने का फैसला किया गया है. अब तक उत्तर प्रदेश में दुकानों पर रात 10 और बार में 12 बजे तक ही शराब बेची जाती है. इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से जहां राजधानी की नाइट लाइफ विकसित होगी तो दूसरी ओर आबकारी राजस्व में बढ़ोतरी भी होगी, जिसे योगी सरकार लगातार बढ़ावा दे रही है.

अपर मुख्य सचिव आबकारी संजय आर भूसरेड्डी ने बताया कि लखनऊ विकास प्राधिकरण ने वाइन एंड डाइन का प्लान तैयार किया है. इसके लिए आबकारी विभाग से भी संपर्क किया गया है. उन्होंने बताया कि चूंकि इस योजना के तहत वहां शराब बेचने के लिए लाइसेंस लेना आवश्यक होगा. ऐसे में आबकारी विभाग अभी इस पर चर्चा कर रहा है कि इस योजना के लिए दिए जाने वाला लाइसेंस का प्रारूप क्या होगा. उन्होंने बताया चूंकि अभी राज्य में शराब बेचने के लिए दुकानों में रात 10 और बार में 12 बजे तक ही इजाजत दी जाती है. ऐसे में 24 घंटे शराब बेचने के लिए इजाजत देने के लिए कई स्तरों पर मंथन करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि अभी फिलहाल इस पर चर्चा ही चल रही है. ये योजना विकास प्राधिकरण की है, आबकारी विभाग सिर्फ शराब बेचने के लिए लाइसेंस देगा.



वाइन एंड डाइन स्ट्रीट योजना : लखनऊ विकास प्राधिकरण ने सीजी सिटी में वाइन एंड डाइन स्ट्रीट बनाने के लिए जमीन का चिन्हिनीकरण कर लिया है. इसमें 1200 वर्गमीटर और 2800 वर्गमीटर के बीच 15 भूखंड होटल और रेस्तरां के लिए दिए जाएंगे, जहां 24 घंटे बार खोले जा सकेंगे. इसके लिए बार और रेस्तरां खोलने के वालों को 13 करोड़ से लेकर 32 करोड़ रुपये तक खर्चने पड़ेंगे. विकास प्राधिकरण ने आबकारी विभाग से इस प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए यहां 24 घंटे बार, माइक्रोब्रेवरी और वाटरिंग होल्स के संचालन की अनुमति देने पर विचार करने के लिए कहा है.


विकास प्राधिकरण, वाइन एंड डाइन योजना आबकारी नीति के उस नियम के चलते शुरू करने पर विचार कर रहा है. जिसमें इन हाउस बार खोलने की अनुमति प्रदान की जाती है. इन हाउस बार के लिए प्रति दिन के हिसाब से लाइसेंस दिया जाता है, जो घर में आने वाले महमानों को शराब परोशी जाती है. हालांकि इन हाउस बार के अंतर्गत शराब बेचने का प्रावधान नहीं है. इसी के चलते आबकारी विभाग ने चर्चा की जा रही है.


योगी सरकार का आबकारी राजस्व बढ़ाने पर जोर : राजधानी में 24 घंटे शराब बेचने का भले ही अभी प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, लेकिन इससे आबकारी विभाग और यूपी सरकार के राजस्व में काफी बढ़ौतरी हो सकती है. अर्थशास्त्री प्रो .मजहर कहते हैं कि किसी भी राज्य के राजस्व इकट्ठा करने में सबसे बड़ा सहयोग आबकारी विभाग का होता है. हालांकि बिहार, गुजरात में शराब बंदी से राजस्व के नुकसान में कोई बड़ा असर देखने को नहीं मिला है. फिर भी देश के सबसे बड़े राज्य और 25 करोड़ जनता के लिए योजनाओं को क्रियान्वन करने के लिए अधिक राजस्व की जरूरत होती है, जिसकी पूर्ति आबकारी विभाग करता है. प्रो. मजहर कहते हैं कि बीते कुछ सालों में उत्तर प्रदेश में लगातार आबकारी राजस्व का लक्ष्य बढ़ाया गया है. खासकर योगी सरकार में शराब की बिक्री बढ़ाने लिए आबकारी नीतियों में भी बदलाव किया गया है.

बीते साल में शराब बिक्री में बढ़ोतरी : आबकारी विभागों के आंकड़ों में नजर डालें तो यूपी में अखिलेश सरकार बनने पर आबकारी विभाग ने साल 2012 में 8,139 करोड़ का राजस्व इकट्ठा किया था. राज्य में जब योगी सरकार बनी तो यही राजस्व साल 2017 में 15,730 करोड़ पहुंच गया. साल 2021 में यही राजस्व 37,500 करोड़ और इस बार सरकार ने आबकारी राजस्व के लिए 58 हजार करोड़ प्रस्तावित किए हैं. ये आंकड़े बताते हैं कि उत्तर प्रदेश में बीजेपी सरकार शराब बिक्री पर अधिक जोर दे रही है.


योगी सरकार में शराब उत्पादन और बिक्री के लिए दी गईं सहूलियतें : योगी सरकार ने साल 2020 में आबकारी नीति में ऐसे कई बदलाव किए थे, जिससे शराब बिक्री के लिए बार और दुकानें खोलने में आने वाली समस्याएं खत्म की गई हैं. सरकार ने शॉपिंग मॉल में शराब बेचने से लेकर इन हाउस बार खोलने की अनुमति दी. दिल्ली की ही तरह उसी दाम में यूपी में भी शराब बेचने के लिए कंपनियों को निर्देशित किया. निवेशकों के साथ शराब उत्पादन के नए एमओयू साइन किए. साथ ही यूपी के बृजनाथपुर, गजियाबाद ऑर्गेनिक, नवाबगंज, गोंडा की बंद वाली फैक्ट्रियां को फिर से चालू की गई.

यह भी पढ़ें : CM Yogi Statement माफिया को मिट्टी में मिला दिया जाएगा, जानिए क्या है वजह

Last Updated : Feb 25, 2023, 8:04 PM IST
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