लखनऊ : मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार पशु संवर्धन, संरक्षण के लिए सेवाभाव के साथ सतत प्रयासरत है. गोवंश सहित सभी पशुपालकों के प्रोत्साहन के लिए सरकार द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं. पात्र लोगों को इसका लाभ मिलना सुनिश्चित कराया जाए. राज्य सरकार द्वारा निराश्रित गोवंश का संरक्षण करते हुए उनके चारे-भूसे के लिए आवश्यक प्रबंध किया गया है. वर्तमान में संचालित 6719 निराश्रित गोवंश संरक्षण स्थलों में 11 लाख 33 हजार से अधिक गोवंश संरक्षित हैं. बीते 20 जनवरी से 31 मार्च तक संचालित विशेष अभियान के तहत 1.23 लाख गोवंश संरक्षित किए गए हैं.
सोमवार को जारी विज्ञप्ति में सीएम ने कहा कि संभल, मथुरा, मीरजापुर, शाहजहांपुर, संतकबीरनगर, अमरोहा, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद और फर्रुखाबाद में सर्वाधिक गोवंश संरक्षित किए गए हैं. इसी के अनुरूप चरणबद्ध रूप से सभी जिलों में निराश्रित गोवंश का बेहतर प्रबंधन किया जाए. सभी प्रकार के निराश्रित गोवंश स्थलों को चारा-भूसा व अन्य आवश्यक कार्यों के लिए उपलब्ध कराई जाने वाली धनराशि सीधे गो-आश्रय स्थलों को उपलब्ध कराई जाए. इसके लिए डीबीटी प्रणाली उपयोग में लाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोवंश संरक्षण के लिए प्रदेश में वृहद संरक्षण केंद्र बनाए जा रहे हैं. अब तक 274 वृहद गोवंश संरक्षण केंद्र क्रियाशील हैं. आगामी छह माह में शेष 75 वृहद गोवंश स्थल तैयार कर लिए जाएं. साथ ही गोवंश संरक्षण स्थलों पर केयर टेकर तैनात किए जाएं. गायों को समय-समय पर घुमाने भी ले जाना चहिए. गोवंश की बीमारी, मृत्यु की दशा में यह केयर टेकर सभी आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित करेगा. गोवंश संरक्षण के लिए संचालित मुख्यमंत्री सहभगिता योजना के आशातीत परिणाम मिले हैं. अब तक 17 लाख 74 हजार से अधिक गोवंश इस योजना के तहत आमजन को सुपुर्द किए गए हैं और कुपोषित बच्चों वाले परिवार को दूध की उपलब्धता के लिए पोषण मिशन के अंतर्गत 3,598 गोवंश दिए गए हैं. गोवंश की सेवा कर रहे सभी परिवारों को ₹900 प्रतिमाह की राशि हर महीने उपलब्ध करा दी जाए.
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनपद कानपुर, मुरादाबाद, गोरखपुर, आजमगढ़ और प्रयागराज में निजी क्षेत्र के सहयोग से नए डेयरी प्लांट स्थापित करने का निर्णय लिया गया है. इस सम्बंध में मंत्रिपरिषद के निर्णयानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाए. दुग्ध एवं दुग्ध पदार्थों की ऑनलाईन बिक्री की व्यवस्था हेतु ई-कामर्स पोर्टल paragdairy.com उपयोगी सिद्ध हो रहा है. प्रदेश के शहरी क्षेत्रों मे पराग मित्र एवं ग्रामीण क्षेत्रों में महिला स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से ऑनलाइन दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों का विक्रय किया जा रहा है. ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से अब तक 71,068 उपभोक्ता, 89 महिला स्वंय सहायता समूह व 215 पराग मित्र जोड़े जा चुके हैं. ई-कामर्स पोर्टल के माध्यम से लगभग 6 करोड़ का व्यवसाय किया गया है. इसे और मजबूत बनाए जाने के लिए आवश्यक प्रयास किए जाएं.
यह भी पढ़ें : Lucknow News : प्रतिबंध के बावजूद राजधानी के मेट्रो रूट्स पर धड़ल्ले से दौड़ रहे ई रिक्शा