लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के कर्मठ नेता अमित पुरी का बुधवार को निधन हाे गया. वह महिला कॉलेज के वरिष्ठ प्रबंधक और समाजसेवी भी थे. वह सामाजिक कार्यक्रमाें में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे. वह काफी समय से पार्टी से जुड़े हुए थे. उनके निधन पर डिप्टी सीएम बृजेश पाठक और केशव प्रसाद मौर्य समेत कई दिग्गज नेताओं ने दुख जताया है.
भाजपा नेता अमित पुरी ने मध्य प्रदेश और बिहार के पूर्व राज्यपाल लालजी टंडन के वर्चस्व को उनके ही गढ़ में चुनौती दी थी. उस समय वह अपने चरम पर थे. हालांकि लालजी टंडन का विराेध करना अमित पुरी काे भारी पड़ गया था. 2009 में लखनऊ पश्चिम सीट पर हुए विधानसभा उपचुनाव में उन्हें टिकट दिया गया था. यह टिकट उन्हें लालजी टंडन की मर्जी के खिलाफ दिया गया था.
दरअसल, लालजी टंडन चाहते थे कि इस सीट पर उनके पुत्र आशुतोष टंडन गोपाल जी को टिकट दिया जाए. इसके बावजूद संगठन ने अमित पुरी को टिकट दे दिया. इससे खफा लालजी टंडन प्रचार में भी नहीं उतरे. उन्होंने अपने चौक स्थित आवास से अमित पुरी का विरोध भी किया था. इसका परिणाम यह रहा कि करीब 2 हजार वोटों के मामूली अंतर से अमित पुरी चुनाव हार गए थे.
इसके बाद कभी भी उनको भाजपा में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी नहीं दी गई. इसके बावजूद निस्वार्थ भाव से वे लगातार पार्टी के साथ डटे रहे. जानकारों का कहना है कि अमित पुरी चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से मिलने गए थे. वहां से उनका एक अंगरखा लेकर आए थे. इसको हाथ में लेकर उन्होंने लोगों से वोट मांगे थे.
अमित पुरी का निधन होने पर भारतीय जनता पार्टी के नेताओं में शोक की लहर है. उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, केशव प्रसाद मौर्य और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के छोटे पुत्र एवं भाजपा नेता नीरज सिंह ने भी शाेक जताया है.
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