लखनऊ: राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से रविवार को निकाय चुनाव आचार सहिंता लागू होते ही शहर में राजनैतिक होर्डिंग हटाने का अभियान भी शुरू हो गया. नगर निगम, एलडीए, लेसा, पीडब्लूडी व प्रशासन व पुलिस कमिश्नरेट ने देर शाम तत्काल कार्रवाई शुरू की. राजनैतिक नेताओं की जिन होर्डिंग को हटाने में नगर निगम को पसीने छूटते थे, उनको हटाने के लिए नगर निगम के सभी जोनों में अभियान चला. देर रात 12 बारह बजे तक अभियान चलाकर हजारों से अधिक होर्डिंग, बैनर और पोस्टर हटाए गए.
आचार संहिता लगने के चौबीस घंटे में जबरदस्त अभियान चलाते हुए प्रचार सामग्री हटाने की कार्रवाई नगर निगम करेगा. नगर निगम में प्रचार प्रभारी व मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि आठ जोनों में यह अभियान देर शाम शुरू कर दिया गया, जो कि देर रात 12 बजे तक चला. इस बीच सभी सार्वजनिक जगहों, चौराहों और निजी भवनों पर लगी चुनाव से संबंधित होर्डिंग हटाई गईं. नगर निगम के प्रचार विभाग के प्रवर्तन दस्ते के अलावा इंजीनियरों की टीम को इस काम के लिए लगाया गया. सभी जोनों में दो या तीन टीमें तथा प्रचार विभाग की टीम मुख्य मार्गों पर कार्रवाई में लगी रहीं.
पुलिस प्रशासन की भी मदद निगम को मिली और संयुक्त अभियान चलाया गया. प्रचार के रूप में राजनैतिक अतिक्रमण बुरी तरह शहर में फैला हुआ था. अधिकतर हटाए गए पोस्टरों में भाजपा और सपा के ही अधिकतर प्रचार लगे थे. इस अभियान में मुख्यमंत्री की परियोजनाओं वाली होर्डिंग भी हटा दी गई.
हजरतगंज चौराहा, महात्मा गांधी मार्ग, परिवर्तन चौराहा, 1090 चौराहा, लोहिया पथ, गोल्फ क्लब चौराहा, वीवीआईपी गेस्ट हॉउस, तेलीबाग, गोमती नगर, अलीगंज, जानकीपुरम, कपूरथला, अवध चौराहा, चौक, आशियाना, किला मोहम्मदी चौराहा, सरोजनी नगर, इंदिरा नगर जैसे मुख्य इलाकों से होर्डिंग व बैनर हटाए गए. नियमानुसार, आचार संहिता लगने के 24 घंटो के अंदर प्रचार में लगाई गई इन होर्डिंग को हटाना होता है. इसी के चलते सभी जोनल अधिकारी अपने अपने जोनों में देर रात तक होर्डिंग हटाने में लगे रहे. नगर आयुक्त के निर्देश पर नगर निगम के सभी अधिकारी फील्ड पर निकले और आचार संहिता का पालन कराने में टीम को निर्देशित किया.
अब प्रचार के लिए लेनी होगी अनुमति, नहीं तो FIR दर्ज होगी: प्रचार अधीक्षक और मुख्य कर निर्धारण अधिकारी अशोक सिंह ने बताया कि सभी जोनल अधिकारी अपने क्षेत्रों से होर्डिंग हटा रहे हैं. मुख्य मार्गों से हटाने का काम लगभग हो गया है. आस-पास के इलाकों में भी कार्रवाई की गई. इसके बाद सिर्फ अनुमति लेने के बाद ही होर्डिंग लगाई जा सकेंगी. नियम तोड़ने वालों के खिलाफ एफआईआर कराई जाएगी.
नामांकन से पहले लेना होगा नो ड्यूज सर्टिफिकेट: महापौर व पार्षदी का चुनाव में उतरने से पहले प्रत्याशियों को नामांकन में संबंधित विभागों नो ड्यूज प्रमाण पत्र भी लगाना होगा. ऐसे में नगर निगम से गृहकर और बिजली का बिल बकाया होने पर संबंधित प्रत्याशी का नामांकन निरस्त भी हो जाएगा. इसी के चलते नगर निगम और बिजली विभाग में नो ड्यूज को लेकर आवेदन आना शुरू हो गए हैं. हालांकि अभी बड़े दलों की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा न किए जाने से संभावित प्रत्याशी ही बकाया बिल की डिमांड कर रहे हैं.
चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों को नामांकन करने से पहले सरकारी मकान का किराया, बिजली व फोन बिल का भुगतान करना जरूरी है. इसी के चलते नगर निगम में हाउस टैक्स बकाए को लेकर जानकारी कई वार्डों से सम्भावित दावेदारों ने मांगी है. ऐसे में गृहकर का भुगतान व बिजली बिल जमा न करना महंगा पड़ेगा. चुनाव आयोग ने साफ कर दिया है कि अब चुनाव लड़ने से पहले उम्मीदवारों को मकान, बिजली और फोन समेत सभी सरकारी सेवाओं के बिल का भुगतान करना होगा. नामांकन के समय ही उम्मीदवार को इसके लिए अलग शपथ पत्र देना होगा. यही नहीं नो डिमांड सर्टिफिकेट में गलत जानकारी देने वाले प्रत्याशी की उम्मीदवारी भी रद्द कर दी जाएगी. नामांकन के दौरान प्रत्याशियों को बिजली बिल, पानी बिल, घर का किराया, फोन का बिल बकाया न होने का शपथ पत्र देना होगा.
आचार संहिता से लटके 100 करोड़ों के काम:
लखनऊ: नगर निगम चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही आचार संहिता लागू हो गई है. ऐसे में राजधानी में करोड़ों के विकास कार्य लटक गए हैं. कई कार्यों का तो टेंडर तक नहीं हो पाया है. टेंडर न होने के कारण अब विकास कार्य नहीं हो सकेंगे. आचार संहिता के लगने से पहले आनन फानन में अलग अलग मंत्रियों व विधायकों के जरिए 15वें वित्त, अवस्थापना निधि, त्वरित विकास योजना के साथ ही अलग अलग योजनाओं में करीब 350 कामों के शिलान्यास करा दिए. जबकि शिलान्यास कराए गए कई कामों के टेंडर तक नहीं हुए हैं.
लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) ने इन कामों को रनिंग में बताते हुए काम करवाने की अनुमति चुनाव आयोग से मांगेगा. आचार संहिता लग जाने से जनपद में करोड़ों के काम प्रभावित होंगे. एलडीए व नगर निगम के कामों को मिलाकर करीब 100 करोड़ के 350 काम आचार संहिता समाप्त होने तक नहीं हो सकेंगे. हालांकि इनमें से कुछ कामों के टेंडर तो हो गए हैं लेकिन अधिकारियों के मुताबिक जो काम मौके पर शुरू हो चुके हैं सिर्फ वहीं काम हो सकेंगे.
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