लखनऊ: केंद्र सरकार की स्ट्रीट वेंडर के लिए महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री स्वनिधि में पंजीकरण के मामले में लखनऊ नगर निगम देश के महानगरों में पांचवें स्थान पर पहुंच गया है, जबकि प्रदेश में दूसरे स्थान पर है. लखनऊ नगर निगम ने अभी तक कुल 37400 स्ट्रीट वेंडरों का पोर्टल पर पंजीकरण करा लिया है. इसमें से 15822 लाभार्थियों को बैंकों ने लोन जारी कर दिया है. 6125 लाभार्थियों के खाते में 10000 रुपये प्राप्त कराए जा चुके हैं.
नगर आयुक्त अजय कुमार द्विवेदी ने बताया कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के अंतर्गत 15 दिन पहले नगर निगम ने कुल 14503 वेंडर का डाटा पीएम स्वनिधि पोर्टल पर अपलोड कराया था. इसमें से 4806 वेंडर्स का रजिस्ट्रेशन हो पाया था. वहीं बैंकों ने 874 का ही पास किया था, जिसमें मात्र 225 स्ट्रीट वेंडरों के खाते में 10000 रुपये प्राप्त हुए थे. स्ट्रीट वेंडर की संख्या कम होने पर नगर आयुक्त ने पंद्रह दिनों में बैंक के सभी प्रतिनिधियों और विभागीय समीक्षा बैठकें कीं. सभी आठ जोनों के प्रत्येक वार्ड में और महत्वपूर्ण बाजारों में लगातार प्रतिदिन कैंप लगाकर स्ट्रीट वेंडर के मौके पर ही पंजीकरण कराया गया. इसके बाद तेजी आई है.
रविवार को बैंक खुलवाकर चलाया गया अभियान
पीएम स्वनिधि के अंतर्गत वेंडर्स को दस हजार रुपये का सब्सिडी पर आधारित लोन दिए जाने के लिए नगर निगम और विभिन्न बैंकों की शाखाओं के माध्यम से लोन को वितरण करने के लिए रविवार को विशेष अभियान चलाया गया. सभी बैंकों की शाखाओं को खुलवाकर नगर निगम कर्मचारियों, अधिकारियों को प्रत्येक शाखाओं पर तैनात किया गया. जहां पर स्ट्रीट वेंडर के प्रपत्र में आई किसी भी कमी को पूरा कराने के लिए कर्मचारियों को लगाया गया था. इसके बाद बैंक मैनेजर को लोन के लिए फार्म उपलब्ध कराए गए.
लाभार्थी को बैंक तक न लाने पर निरीक्षक पर कार्रवाई
नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने विभिन्न बैंकों का निरीक्षण किया. एसबीआई मुख्यालय हजरतगंज, अमीनाबाद ब्रांच और बैंक ऑफ इंडिया अमीनाबाद का निरीक्षण किया गया. इस दौरान यह पाया गया कि एसबीआई मुख्यालय पर नियुक्त नगर निगम के प्रतिनिधि राजस्व निरीक्षक भोलानाथ के द्वारा कोई भी लाभार्थी बैंक तक नहीं पहुंचाया जा रहा है. नगर आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त करते हुए संबंधित राजस्व निरीक्षक भोलानाथ को तत्काल प्रतिकूल प्रविष्टि दिए जाने के निर्देशित किया है. उन्होंने समस्त जोनल अधिकारी और कर अधीक्षकों को कठोर आदेश दिया है कि उक्त योजना के प्रत्येक लाभार्थी को संबंधित बैंक तक पहुंचाकर योजना का लाभ दिलवाया जाए.