लखनऊः देश भर में लॉकडाउन की स्थिति के दौरान फर्स्टफ्रंट पर काम करने वाले लोगों के ऊपर एक बड़ी जिम्मेदारी जिम्मेदारी बनी हुई है. इस दौरान जहां कोविड-19 के संक्रमण से ग्रसित होने का डर हर प्रोफेशन के लोगों में है, सरकार कई प्रोफेशन के लोगों की जांच भी करा रही है.
जहां एक तरफ यूपी सरकार लोगों के संपर्क में आने वाले मीडिया कर्मी और सुरक्षा व्यवस्था में तैनात पुलिस कर्मियों का सरकार कोविड-19 का टेस्ट करा रही है. वहीं दूसरी तरफ फर्स्टफ्रंट पर काम कर अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने वाले सफाई कर्मचारियों के बारे में भी सरकार विचार करें और सफाई कर्मियों की कोविड-19 का टेस्ट कराए. जिससे संक्रमित वायरस सफाई कर्मी और अधिकारियों के बीच हो, तो उससे सावधान होकर कोरोना वाइरस की चैन को तोड़ा जा सके.
सफाई कर्मियों का भी हो कोविड-19 टेस्ट
कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार हर संभव प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में यूपी सरकार किसी भी प्रकार की लापरवाई नहीं बरतना चाहती है. यूपी सरकार कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए मीडिया कर्मियों व पुलिस कर्मियों का भी टेस्ट करा रही है. मंगलवार को लखनऊ नगर निगम के जोनल अधिकारी दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने इस विषय पर ईटीवी भारत की टीम से बातचीत की.
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दिलीप कुमार श्रीवास्तव ने ईटीवी भारत को बताया कि सफाई कर्मचारी फर्स्टफ्रंट पर काम करते हैं, लोगों के फेंके हुए मास्क उठाते हैं इसके अलावा लोगों के संपर्क में आते हैं. जिस तरह से मीडिया कर्मियों और पुलिसकर्मियों का सरकार की तरफ से कोविड-19 का टेस्ट कराया जा रहा है. वैसे ही सफाई कर्मचारी और अधिकारियों का कोविड-19 का टेस्ट हो, तो सफाई कर्मचारी और भी बेहतर काम कर सकेंगे. उन्होंने कहा कि नगर निगम की तरफ से हैंड सैनिटाइजर, मास्क जैसी तमाम चीजें सफाई कर्मियों को उपलब्ध कराई गईं हैं.