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जेल कारापाल पर हमले का मामला: कोर्ट ने मुख्तार अंसारी को पेश करने का दिया आदेश

लखनऊ एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज ने कारापाल व उपकारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी को पेश करने का आदेश दिया है. उन्होंंने बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक को आदेश दिया है कि 11 अगस्त को अभियुक्त की व्यक्तिगत रूप से उपस्थित कराना सुनिश्चित करें.

बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी
बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी
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Published : Jul 29, 2021, 9:41 PM IST

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने कारापाल व उप-कारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी को 11 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के साथ ही अतिरिक्त महानिदेशक कारागार, पुलिस कमिश्नर लखनऊ, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह व मुख्य सचिव को भी भेजने का आदेश दिया है.

इससे पूर्व जिला कारागार बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि अभियुक्त गंभीर रूप से बीमार है. इस वजह से अदालत के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ है. उनकी ओर से अनुरोध किया गया कि अभियुक्त के विरुद्ध आरोप विरचन की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाए. हालांकि कोर्ट इससे सहमत नहीं हुई. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने प्रार्थना पत्र में इस संदर्भ में कोई आख्या नहीं दी है कि उनके द्वारा अभियुक्त को आरोप विरचन के लिए अदालत में उपस्थित कराया जा सकता है अथवा नहीं. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अन्य अभियुक्त युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर भी आरोप तय होना है. यह सभी अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं, लेकिन मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो पा रहा है.

इसे भी पढ़ें:- सांसद बोले- वापस नहीं हुए कृषि कानून, तो उत्तर प्रदेश से भाजपा का होगा सफाया

जानें क्या है मामला
बता दें कि 3 अप्रैल 2000 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी, युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था. इनमें से एक बंदी चांद को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे. आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी, उपकारापाल बैजनाथ राम चौरसिया और कुछ अन्य बंदी रक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे. इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया. अलार्म बजने पर यह सभी भागने लगे. साथ ही इन जेल अधिकारियों पर पथराव करते हुए जानमाल की धमकी भी देने लगे. विवेचना के बाद इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 336, 353 व 508 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

लखनऊ: एमपी-एमएलए कोर्ट के विशेष जज पवन कुमार राय ने कारापाल व उप-कारापाल पर हमला, जेल में पथराव व जानमाल की धमकी देने के एक मामले में अभियुक्त मुख्तार अंसारी को 11 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश करने का आदेश दिया है. कोर्ट ने अपने आदेश की प्रति बांदा जेल के वरिष्ठ जेल अधीक्षक के साथ ही अतिरिक्त महानिदेशक कारागार, पुलिस कमिश्नर लखनऊ, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव गृह व मुख्य सचिव को भी भेजने का आदेश दिया है.

इससे पूर्व जिला कारागार बांदा के वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने एक प्रार्थना पत्र के माध्यम से अदालत को बताया कि अभियुक्त गंभीर रूप से बीमार है. इस वजह से अदालत के समक्ष उपस्थित होने में असमर्थ है. उनकी ओर से अनुरोध किया गया कि अभियुक्त के विरुद्ध आरोप विरचन की कार्यवाही वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की जाए. हालांकि कोर्ट इससे सहमत नहीं हुई. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि वरिष्ठ जेल अधीक्षक ने प्रार्थना पत्र में इस संदर्भ में कोई आख्या नहीं दी है कि उनके द्वारा अभियुक्त को आरोप विरचन के लिए अदालत में उपस्थित कराया जा सकता है अथवा नहीं. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अन्य अभियुक्त युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव पर भी आरोप तय होना है. यह सभी अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित हैं, लेकिन मुख्तार अंसारी की अनुपस्थिति से आरोप तय नहीं हो पा रहा है.

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जानें क्या है मामला
बता दें कि 3 अप्रैल 2000 को इस मामले की एफआईआर लखनऊ के कारापाल एसएन द्विवेदी ने थाना आलमबाग में दर्ज कराई थी. इस मामले में मुख्तार अंसारी, युसुफ चिश्ती, आलम, कल्लू पंडित व लालजी यादव आदि को नामजद किया गया था. एफआईआर के मुताबिक पेशी से वापस आए बंदियों को जेल में दाखिल कराया जा रहा था. इनमें से एक बंदी चांद को बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी के साथ के लोग बुरी तरीके से मारने लगे. आवाज सुनकर कारापाल एसएन द्विवेदी, उपकारापाल बैजनाथ राम चौरसिया और कुछ अन्य बंदी रक्षक उसे बचाने का प्रयास करने लगे. इस पर उन्होंने इन दोनों जेल अधिकारियों व प्रधान बंदी रक्षक स्वामी दयाल अवस्थी पर हमला बोल दिया. किसी तरह अलार्म बजाकर स्थिति को नियंत्रित किया गया. अलार्म बजने पर यह सभी भागने लगे. साथ ही इन जेल अधिकारियों पर पथराव करते हुए जानमाल की धमकी भी देने लगे. विवेचना के बाद इस मामले में अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की धारा 147, 336, 353 व 508 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था.

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